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आजम खान के समर्थन में उतरी सपा, डीजीपी से मिला विधायकों का डेलिगेशन

सोमवार को सपा के डेलिगेशन ने डीजीपी डीएस चौहान से मुलाकात कर पुलिस द्वारा आजम खान का उत्पीड़न करने की शिकायत की है. इस दौरान पूर्व मंत्री मनोज पांडेय, विधायक अरमान खान, विधायक फहीम अहमद व रविदास मेहरोत्रा ने डीजीपी से मुलाकात की.

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Published : Aug 22, 2022, 3:33 PM IST

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर सदर सीट से विधायक आजम खान के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुये. मुकदमों के बाद जेल जाने तक सपा की तरफ से कोई ठोस कदम न उठाये जाने पर अखिलेश यादव पर उनकी अनदेखी का आरोप लगा. जिसके बाद अब सपा एक्शन में आ गयी है. सोमवार को सपा के डेलिगेशन ने डीजीपी डीएस चौहान से मुलाकात कर पुलिस द्वारा आजम खान का उत्पीड़न करने की शिकायत की है.

सोमवार सुबह सपा के एक डेलिगेशन जिसमें पूर्व मंत्री मनोज पांडेय, विधायक अरमान खान, विधायक फहीम अहमद व रविदास मेहरोत्रा ने डीजीपी से मुलाकात की है. डेलिगेशन ने आरोप लगाया कि जब से प्रदेश में भाजपा सरकार सत्तारूढ़ हुई है समाजवादी पार्टी के विधायक मोहम्मद आजम खान के विरुद्ध बदले की भावना से निराधार व मनगढ़ंत आरोप लगाकर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. डेलिगेशन ने डीजीपी को दिए अपने ज्ञापन में लिखा है कि भाजपा सरकार में मोहम्मद आजम खान पर मुकदमों की बाढ़ आ गई है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मोहम्मद आजम खान के प्रति विद्वेष पर कार्रवाई का विरोध किया है और उनके निर्दोष होने पर बल दिया. ज्ञापन में लिखा है कि हमारा आग्रह है कि जिला प्रशासन द्वारा मोहम्मद आजम खान और उनके परिवार के विरुद्ध कथित आरोपों में उत्पीड़न की कार्रवाई को तत्काल रोका जाए. साथ ही शासन-प्रशासन को बदले की भावना से कार्रवाई नहीं करने दिया जाना चाहिए.


बता दें, पांच दिन पहले आजम खान के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने के मामले में एक और एफआईआर दर्ज कराई गई है. आजम खान के अलावा पांच अज्ञात के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है. एफआईआर दर्ज कराने वाले युवक ने कहा है कि आजम खान के लोगों ने उसे घर आकर धमकाया और जान से मारने की धमकी दी है. पीड़ित ने कहा, मुझे यतीम खाना वक्फ मामले में गवाही देने से रोका जा रहा है.


यूपी में भाजपा सरकार के दौरान आजम खान पर 90 मुकदमे दर्ज किए गए. आजम खान 27 महीने बाद सीतापुर जेल से कुछ महीने पहले ही रिहा हुए हैं. आजम को सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है, लेकिन उनकी जमानत जब भी मंजूर होती थी कोई ना कोई नया मुकदमा या एफआईआर उनके खिलाफ दर्ज हो जाती थी. जिस वजह से वो जेल से बाहर नहीं आ पाते थे. सुप्रीमकोर्ट के एक विशेष जमानती आदेश के बाद उन पर दर्ज मुकदमों को लेकर नाराजगी जताई गई थी. उसके बाद से आजम खान पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था, लेकिन एक बार फिर उन पर गवाह को धमकी देने का मुकदमा दर्ज हुआ है.

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आजम खान पर मुकदमे दर्ज होने व जेल जाने के बावजूद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उनसे मिलने जेल तक नहीं गए थे. यही नहीं आजम पर हो रही कार्रवाई पर अखिलेश कभी खुलकर नहीं बोले थे. जिस पर उनके चाचा शिवपाल यादव, अखिलेश यादव पर हमलावर हुए थे. यही नहीं यूपी विधानसभा चुनाव साथ लड़ने वाले सुभासपा चीफ ने भी अखिलेश यादव पर आजम खान की अनदेखी करने का आरोप मढ़ा था. बीते दिनों राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ये कहा जा रहा था कि आजम खान की अनदेखी करने पर कई मुस्लिम विधायकों ने नाराज होकर क्रॉस वोटिंग की थी.
यह भी पढ़ें : 6 हजार 352 आयुष्मान गोल्ड कार्ड हुए वितरित, लखनऊ में 4 हजार 766 रोगी पहुंचे पीएचसी

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर सदर सीट से विधायक आजम खान के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुये. मुकदमों के बाद जेल जाने तक सपा की तरफ से कोई ठोस कदम न उठाये जाने पर अखिलेश यादव पर उनकी अनदेखी का आरोप लगा. जिसके बाद अब सपा एक्शन में आ गयी है. सोमवार को सपा के डेलिगेशन ने डीजीपी डीएस चौहान से मुलाकात कर पुलिस द्वारा आजम खान का उत्पीड़न करने की शिकायत की है.

सोमवार सुबह सपा के एक डेलिगेशन जिसमें पूर्व मंत्री मनोज पांडेय, विधायक अरमान खान, विधायक फहीम अहमद व रविदास मेहरोत्रा ने डीजीपी से मुलाकात की है. डेलिगेशन ने आरोप लगाया कि जब से प्रदेश में भाजपा सरकार सत्तारूढ़ हुई है समाजवादी पार्टी के विधायक मोहम्मद आजम खान के विरुद्ध बदले की भावना से निराधार व मनगढ़ंत आरोप लगाकर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. डेलिगेशन ने डीजीपी को दिए अपने ज्ञापन में लिखा है कि भाजपा सरकार में मोहम्मद आजम खान पर मुकदमों की बाढ़ आ गई है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मोहम्मद आजम खान के प्रति विद्वेष पर कार्रवाई का विरोध किया है और उनके निर्दोष होने पर बल दिया. ज्ञापन में लिखा है कि हमारा आग्रह है कि जिला प्रशासन द्वारा मोहम्मद आजम खान और उनके परिवार के विरुद्ध कथित आरोपों में उत्पीड़न की कार्रवाई को तत्काल रोका जाए. साथ ही शासन-प्रशासन को बदले की भावना से कार्रवाई नहीं करने दिया जाना चाहिए.


बता दें, पांच दिन पहले आजम खान के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने के मामले में एक और एफआईआर दर्ज कराई गई है. आजम खान के अलावा पांच अज्ञात के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है. एफआईआर दर्ज कराने वाले युवक ने कहा है कि आजम खान के लोगों ने उसे घर आकर धमकाया और जान से मारने की धमकी दी है. पीड़ित ने कहा, मुझे यतीम खाना वक्फ मामले में गवाही देने से रोका जा रहा है.


यूपी में भाजपा सरकार के दौरान आजम खान पर 90 मुकदमे दर्ज किए गए. आजम खान 27 महीने बाद सीतापुर जेल से कुछ महीने पहले ही रिहा हुए हैं. आजम को सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है, लेकिन उनकी जमानत जब भी मंजूर होती थी कोई ना कोई नया मुकदमा या एफआईआर उनके खिलाफ दर्ज हो जाती थी. जिस वजह से वो जेल से बाहर नहीं आ पाते थे. सुप्रीमकोर्ट के एक विशेष जमानती आदेश के बाद उन पर दर्ज मुकदमों को लेकर नाराजगी जताई गई थी. उसके बाद से आजम खान पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था, लेकिन एक बार फिर उन पर गवाह को धमकी देने का मुकदमा दर्ज हुआ है.

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आजम खान पर मुकदमे दर्ज होने व जेल जाने के बावजूद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव उनसे मिलने जेल तक नहीं गए थे. यही नहीं आजम पर हो रही कार्रवाई पर अखिलेश कभी खुलकर नहीं बोले थे. जिस पर उनके चाचा शिवपाल यादव, अखिलेश यादव पर हमलावर हुए थे. यही नहीं यूपी विधानसभा चुनाव साथ लड़ने वाले सुभासपा चीफ ने भी अखिलेश यादव पर आजम खान की अनदेखी करने का आरोप मढ़ा था. बीते दिनों राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ये कहा जा रहा था कि आजम खान की अनदेखी करने पर कई मुस्लिम विधायकों ने नाराज होकर क्रॉस वोटिंग की थी.
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