लखनऊ: वाहन चालकों के लिए बारिश जानलेवा साबित हो रही है. पिछले साल बारिश में करीब तीन हजार से ज्यादा दुर्घटनाओं में लोग मौत का शिकार हो गए थे. इसकी वजह खराब सड़कों पर तेज रफ्तार में वाहन चलाना और यातायात नियमों की अनदेखी है.जिसको के देखते हुए सड़क सुरक्षा समिति ने चालकों से नियंत्रित गति में वाहन चलाने और यातायात नियमों का पालन करने की अपील की है.
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के सड़क सुरक्षा सेल के अनुसार पिछले साल मानसून के तीन महीनों में कई दुर्घटनाऐं हुईं हैं. लखनऊ सहित प्रदेश भर में करीब 6 हजार 34 सड़क दुर्घटनाऐं हुईं. इस दौरान 3,406 लोगों की जान चली गई. करीब 2,427 सड़क हादसों में वाहन चालकों के हाथ-पैर टूट गए और 1,413 लोगों को मामूली चोटें आईं. राजधानी लखनऊ के पिछले साल बारिश के मौसम में 616 सड़क हादसे हुए थे. इनमें से 115 लोगों की मौत हो गई और 387 लोग घायल हुए. बारिश में दुर्घटनाओं की संभावना ज्यादा होती है. लोग बारिश में भीगने से बचने के लिए वाहनों को ओवर स्पीड में संचालित करने लगते हैं. इस मौसम में चालकों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है.
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दुर्घटना होने के कारण
- स्पीड वाहन में अचानक ब्रेक लगाना
- ट्रैफिक रूल्स फॉलो नहीं करना
- खराब सड़कों पर तेज रफ्तार वाहन चलाना
- बड़े वाहनों के शीशे पर वाइपर नहीं होना
- ओवर स्पीड वाहन चलाना
अपर परिवहन आयुक्त रोड सेफ्टी सेल पुष्पसेन सत्यार्थी ने सड़क हादसों से बचाव कैसे करें उसके बारे में बताया. उन्होंने कहा कि वाहन का क्लच और ब्रेक दोनों का एक साथ प्रयोग नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही वाहन नियंत्रित स्पीड में संचालित करें. ब्रेक का खास ध्यान रखते हुए बाइक और कार के टायर में ज्यादा हवा नहीं रखनी चाहिए. वहीं, यातायात नियमों का सही ढंग से पालन करना चाहिए.
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