लखनऊ: कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन ने लोगों के जीवन पर ब्रेक सा लगा दिया है. हिंदुस्तान में बड़ी आबादी रोजाना रोजी-रोटी की तलाश में सड़कों पर दिन-रात काम करके अपना परिवार का पेट पालती है. कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर देश में चल रहे लॉकडाउन के कारण इनके सामने दो वक्त की रोटी मिल पाना मुश्किल हो गया है, जिसमें लखनऊ के रिक्शा चलाने वाले लोग भी बड़े पैमाने पर शामिल है.
पूरी दुनिया में फैले जानलेवा कोरोना वायरस ने भारत में भी लोगों को घरों पर रहने पर मजबूर करने के साथ ही भागदौड़ भरी दुनिया की रफ्तार को भी रोक दिया है, जिसके चलते देश में एक बहुत बड़ी आबादी के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है, जिसमें वह लोग भी शामिल हैं जो रोजाना अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए मेहनत मजदूरी किया करते हैं, लेकिन लॉक डाउन के चलते अब इनके घरों के चूल्हे ठंडे पड़ गए हैं.
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लखनऊ के मॉल एवेन्यू में पुल की आड़ में दर्जनों रिक्शा चालक अपना आसरा बनाए हैं, जो वक्त रहते अपने घरों की ओर नही जा सके और अब राजधानी में ही खुले आसमान में दिन काटने को मजबूर हैं. ऐसे में पुल की आड़ में छोटा सा चूल्हा बनाकर सभी रिक्शा चालक राहगीरों और प्रशासन द्वारा दिए जाने वाले राशन को पकाकर अपना पेट पाल रहे हैं. ईटीवी भारत से लखनऊ में फंसे रिक्शा चालको ने अपना दर्द बयां किया और सरकार से मदद की गुहार लगाई है.