लखनऊ: जिस लोक प्रहरी की रिट के चलते सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास खाली हुए थे. आज उसी रिट का हवाला देकर राज्य संपत्ति विभाग एक ऐसे व्यक्ति का आवास नहीं खाली करवा पा रहा है, जो पिछली सरकार में अखिलेश यादव का सबसे खास माना जाता था. आज भी उसके रसूख में कोई कमी नहीं है. जिसके चलते राज्य संपत्ति विभाग से तीन नोटिस जाने के बाद भी फ्रैंक हुजूर B-5 दिलकुशा कॉलोनी में जबरन जमे हुए हैं.
बाल आयोग की सदस्य प्रीति वर्मा को आवंटित किया गया था बंगला
- दरअसल फ्रैंक हुजूर बिहार के रहने वाले हैं. ये खुद को अखिलेश का करीबी भी बताते हैं.
- उत्तर प्रदेश में आकर इन्होंने अपना नाम मनोज कुमार से बदल कर फ्रैंक हुजूर कर लिया, तबसे यह इसी नाम से जाने जाते हैं.
- ताजा जानकारी के अनुसार B-5 दिलकुशा कॉलोनी इस समय बाल आयोग की सदस्य प्रीति वर्मा को आवंटित किया गया है.
- सरकार का अंग होते हुए भी प्रीति वर्मा अपने मकान पर कब्जा पाने के लिए भटक रहीं हैं.
- अब सवाल यह है कि कोर्ट का आदेश सिर्फ बड़े नेताओं के लिए ही था.
- इस आदेश की अवहेलना करते हुए फ्रैंक हुजूर सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में यहां रह रहे हैं.
- अब इस बंगले के बारे में ट्विटर पर खूब चर्चा हो रही है. फ्रैंक हुजूर ने पूर्व सीएम अखिलेश और मुलायम पर किताब लिख चुके हैं.
40 बिल्लियों के साथ रहते हैं फ्रैंक
- राज संपत्ति विभाग के बंगला परिसर में ही एक बिल्ली का कब्र बना रखा है.
- फ्रैंक हुजूर कहते हैं कि वह बिल्लियों को अपने बच्चों की तरह पालते हैं.
- आठ साल पहले एक बिल्ली लाए थे, उसी बिल्ली से इतनी बिल्लियां बढ़ गई हैं.
- पहली बिल्ली से इन्हें इतना लगाव था कि परिसर में ही उसके मरने के बाद कब्र भी बना दी.
- फिलहाल 40 बिल्लियों के साथ रहते हैं.
2014 में अखिलेश यादव की सरकार में उन्हें या बंग्ला सामाजिक कार्यकर्ता के नाते आवंटित किया गया था. अखिलेश यादव की सरकार चली गई. जब से यह सरकार आई है. मुझे बराबर इस बंगले को खाली करने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन राज्य संपत्ति विभाग से मैंने गुजारिश की थी कि हमारे पास 40 बिल्लियां हैं, जिन्हें लेकर हम कहीं शिफ्ट नहीं हो सकते हैं. इसलिए हमें यहीं रहने दिया जाए.
-फ्रैंक हुजूर, कब्जेदार
राज्य संपत्ति विभाग ने फ्रैंक हुजूर को दो बार नोटिस दे चुका है. मैं जब उस घर में रहने के लिए गई, तो उसने बंगला नहीं खाली करने की बात कही. इसकी सूचना राज्य संपत्ति विभाग को दी, लेकिन अभी तक कुछ नहीं है. लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही बंगला खाली कराकर मुझे रहने के लिए मिल जाएगा.
-डॉ. प्रीति वर्मा, सदस्य बाल आयोग