लखनऊ: यूपी में जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. इसके अनुसार दो बच्चों से अधिक होने पर लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. ऐसे लोगों के पंचायत से लेकर निकाय चुनाव लड़ने से रोक होगी. सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. यह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वह कानून मानना चाहता है या फिर नहीं. मानेगा तो सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा, नहीं मानेगा तो इनसे वंचित रहेगा. उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक-2021 का मसौदा तैयार करके वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. इसे लेकर लोगों से सुझाव मांगे गए हैं. इसके बाद आयोग यह मसौदा राज्य सरकार को सौंपा जाएगा. सरकार अध्ययन करने के बाद इसे लागू करेगी.
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2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश की आबादी करीब 20 करोड़ थी. मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश की अनुमानित जनसंख्या करीब 24 करोड़ मानी जा रही है. धर्म के आधार पर 2011 में उत्तर प्रदेश में हिंदुओं की आबादी करीब 16 करोड़ थी. यह कुल आबादी का करीब 80 फीसदी है. वहीं मुसलमानों की आबादी करीब चार करोड़ के आसपास रही है. ईसाई लोगों की संख्या करीब चार लाख, सिख की साढ़े छह लाख और जैन की दो लाख 30 हजार है. जनसंख्या के मामले में उत्तर प्रदेश दुनिया के पांच देशों से ही पीछे है. यानी कि छठे देश के बराबर उत्तर प्रदेश की आबादी है.