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जनसंख्या नियंत्रण विधेयक तैयार, दो बच्चों से अधिक होने पर नहीं लड़ सकेंगे चुनाव

उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की तैयारियां तेज हो गयी हैं. जनसंख्या नियंत्रण विधेयक तैयार हो गया है और इसके लागू होने पर दो बच्चों से अधिक होने पर लोग चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.

जस्टिस एएन मित्तल
जस्टिस एएन मित्तल
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Published : Jul 10, 2021, 12:55 PM IST

Updated : Jul 10, 2021, 1:21 PM IST

लखनऊ: यूपी में जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. इसके अनुसार दो बच्चों से अधिक होने पर लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. ऐसे लोगों के पंचायत से लेकर निकाय चुनाव लड़ने से रोक होगी. सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. यह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वह कानून मानना चाहता है या फिर नहीं. मानेगा तो सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा, नहीं मानेगा तो इनसे वंचित रहेगा. उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक-2021 का मसौदा तैयार करके वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. इसे लेकर लोगों से सुझाव मांगे गए हैं. इसके बाद आयोग यह मसौदा राज्य सरकार को सौंपा जाएगा. सरकार अध्ययन करने के बाद इसे लागू करेगी.

राज्य विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिस एएन मित्तल से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता
राज्य विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिस एएन मित्तल कहते हैं कि आजादी के समय से ही जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की जरूरत थी. हमने स्वतः संज्ञान लेकर इस कानून को बनाने के लिए कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनसंख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाना जरूरी है. कई राज्यों ने इस दिशा में कदम उठाये हैं. जनसंख्या पर रोक नहीं लगाया गया तो बेरोजगारी, भुखमरी समेत अन्य समस्याएं बढ़ती जाएंगी. इसलिए जनसंख्या नियंत्रण को लेकर असम, राजस्थान और मध्य प्रदेश में लागू कानूनों का अध्ययन किया गया है. बेरोजगारी और भुखमरी समेत अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर एक मसौदा तैयार किया गया है. इसके बाद सरकार इसे प्रदेश में कानून के रूप में लागू करेगी. जिन लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेना होगा वे कानून का पालन भी करेंगे. उन्होंने बताया कि मसौदे के अनुसार अगर कोई व्यक्ति दो बच्चों की नीति नहीं अपनाता है, तो उसका राशन कार्ड सस्पेंड कर दिया जाएगा. ऐसे व्यक्ति को सरकार द्वारा मिलने वाली तमाम सेवाओं से वंचित कर दिया जाएगा. जस्टिस मित्तल कहते हैं कि सरकार ने इसमें कोई पहल नहीं की है. हमने स्वतः संज्ञान लेकर मसौदा तैयार किया है.

ये भी पढ़ें- सीएम योगी के दलित प्रेम और महिला सुरक्षा की पोल खुली: मायावती


2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश की आबादी करीब 20 करोड़ थी. मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश की अनुमानित जनसंख्या करीब 24 करोड़ मानी जा रही है. धर्म के आधार पर 2011 में उत्तर प्रदेश में हिंदुओं की आबादी करीब 16 करोड़ थी. यह कुल आबादी का करीब 80 फीसदी है. वहीं मुसलमानों की आबादी करीब चार करोड़ के आसपास रही है. ईसाई लोगों की संख्या करीब चार लाख, सिख की साढ़े छह लाख और जैन की दो लाख 30 हजार है. जनसंख्या के मामले में उत्तर प्रदेश दुनिया के पांच देशों से ही पीछे है. यानी कि छठे देश के बराबर उत्तर प्रदेश की आबादी है.

लखनऊ: यूपी में जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है. इसके अनुसार दो बच्चों से अधिक होने पर लोग चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. ऐसे लोगों के पंचायत से लेकर निकाय चुनाव लड़ने से रोक होगी. सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. यह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वह कानून मानना चाहता है या फिर नहीं. मानेगा तो सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा, नहीं मानेगा तो इनसे वंचित रहेगा. उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक-2021 का मसौदा तैयार करके वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. इसे लेकर लोगों से सुझाव मांगे गए हैं. इसके बाद आयोग यह मसौदा राज्य सरकार को सौंपा जाएगा. सरकार अध्ययन करने के बाद इसे लागू करेगी.

राज्य विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिस एएन मित्तल से बात करते ईटीवी भारत संवाददाता
राज्य विधि आयोग के चेयरमैन जस्टिस एएन मित्तल कहते हैं कि आजादी के समय से ही जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की जरूरत थी. हमने स्वतः संज्ञान लेकर इस कानून को बनाने के लिए कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनसंख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाना जरूरी है. कई राज्यों ने इस दिशा में कदम उठाये हैं. जनसंख्या पर रोक नहीं लगाया गया तो बेरोजगारी, भुखमरी समेत अन्य समस्याएं बढ़ती जाएंगी. इसलिए जनसंख्या नियंत्रण को लेकर असम, राजस्थान और मध्य प्रदेश में लागू कानूनों का अध्ययन किया गया है. बेरोजगारी और भुखमरी समेत अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर एक मसौदा तैयार किया गया है. इसके बाद सरकार इसे प्रदेश में कानून के रूप में लागू करेगी. जिन लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ लेना होगा वे कानून का पालन भी करेंगे. उन्होंने बताया कि मसौदे के अनुसार अगर कोई व्यक्ति दो बच्चों की नीति नहीं अपनाता है, तो उसका राशन कार्ड सस्पेंड कर दिया जाएगा. ऐसे व्यक्ति को सरकार द्वारा मिलने वाली तमाम सेवाओं से वंचित कर दिया जाएगा. जस्टिस मित्तल कहते हैं कि सरकार ने इसमें कोई पहल नहीं की है. हमने स्वतः संज्ञान लेकर मसौदा तैयार किया है.

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2011 की जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश की आबादी करीब 20 करोड़ थी. मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश की अनुमानित जनसंख्या करीब 24 करोड़ मानी जा रही है. धर्म के आधार पर 2011 में उत्तर प्रदेश में हिंदुओं की आबादी करीब 16 करोड़ थी. यह कुल आबादी का करीब 80 फीसदी है. वहीं मुसलमानों की आबादी करीब चार करोड़ के आसपास रही है. ईसाई लोगों की संख्या करीब चार लाख, सिख की साढ़े छह लाख और जैन की दो लाख 30 हजार है. जनसंख्या के मामले में उत्तर प्रदेश दुनिया के पांच देशों से ही पीछे है. यानी कि छठे देश के बराबर उत्तर प्रदेश की आबादी है.

Last Updated : Jul 10, 2021, 1:21 PM IST
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