लखनऊ : कोरोना की दूसरी लहर को आए सालभर हो गया है. उसके बाद भी इसका दुष्प्रभाव अभी कम नहीं हुआ है. वायरस ने बच्चों को भी नहीं बख्शा है. इस खतरनाक बीमारी से अनजान ये बच्चे तेज बुखार की चपेट में आ रहे हैं. उन्हें पीलिया और दिमागी ज्वर की समस्या भी हो रही है.
ऐसे में चिकित्सकों ने कोविड-19 एंटीबॉडी टेस्ट किया. इसमें कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई. इसका मतलब ये बच्चे पहले कोरोना की चपेट में आ चुके थे जबकि वायरस की जद में होने की बात अभिभावकों तक को नहीं पता थी. यह बच्चे एसिंप्टोमेटिक थे जिनमें कोविड के कोई लक्षण नहीं थे.
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वहीं, अब कोविड के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी मिलने के बाद डॉक्टर ने इंफ्लेमेट्री मार्कर, डीडाईमर टेस्ट कराया. इसमें बच्चों में लिवर, हृदय, फेफड़ा, मस्तिष्क से संबंधित बीमारियों की पुष्टि हुई. इनका पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) (Pediatric Intensive Care Unit) में इलाज किया गया.
लोहिया संस्थान की बाल रोग विभाग (Department of Pediatrics) की अध्यक्ष डॉ. दीप्ति के मुताबिक संस्थान में ऐसे 30 बच्चे गंभीर हालत में आए हैं. इनका पीआईसीयू में इलाज किया गया. इसमें एक बच्चे का निधन हो गया. इन बच्चों को केस स्टडी मानकर अध्ययन किया गया. इसे मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेट्री सिंड्रोम इन चाइल्ड (Multisystem Inflammatory Syndrome in Child) (एमआईसी) कहते हैं. इसे जर्नल में प्रकाशन के लिए भेजा गया है.
किस बीमारी का क्या रहा ग्राफ
- मेयोकार्डियाटिस-10 फीसदी
- इंसेफ्लाइटिस-5 फीसदी
- हेपेटाइटिस-20 से 30 फीसदी
- न्यूमोनाइटिस-40 से 50 फीसदी
इन लक्षणों पर रहें सतर्क : तेज बुखार, जोड़ों में सूजन, पीलिया, शरीर पर रैशेज आदि.
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