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जन शिकायतों के निस्तारण में फिसड्डी जिलों के अफसर, कार्रवाई की फाइल हो रही तैयार - डीजीपी को निर्देश

मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव कार्यालय के स्तर पर लापरवाह अधिकारियों की सीधी मॉनिटरिंग हो रही है. जन शिकायतों के निस्तारण में एक दर्जन से अधिक फिसड्डी जिलों में तैनात अफसरों को चिन्हित किया गया है. मुख्यमंत्री ने सम्बंधित अफसरों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के संकेत दिए हैं.

मुख्यमंत्री कार्यालय
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Published : Jun 13, 2022, 9:59 PM IST

लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बार-बार दिशा निर्देशों के बावजूद तमाम जिलों के अफसर जन शिकायतों के निस्तारण को लेकर लापरवाह बने हुए हैं. यही कारण है कि अब मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव कार्यालय के स्तर पर सीधी मॉनिटरिंग हो रही है. जन शिकायतों के निस्तारण में एक दर्जन से अधिक फिसड्डी जिलों में तैनात अफसरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर शासन स्तर पर फाइल भी चल रही है. इन सब की सीधी मॉनिटरिंग की जा रही है. जिससे जनता की समस्याओं को लेकर जल्द ही कार्रवाई की जा सके. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्बंधित अफसरों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के संकेत दिए हैं.

जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन संबंधित तमाम अफसर शामिल हैं. तमाम जिलों में तैनात अधिकारियों की मुख्यमंत्री कार्यालय व मुख्य सचिव कार्यालय के स्तर पर शुरू हुई मॉनिटरिंग को लेकर धड़कनें भी बढ़ गई हैं. दरअसल, जिलों में तैनात अधिकारियों की कार्यशैली का अंदाजा इस बात से पिछले दिनों लगा जब काफी संख्या में तमाम जिलों के फरियादी मुख्यमंत्री कार्यालय या राजधानी लखनऊ आकर कई मंत्रियों के यहां परेशान होते हैं. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने संबंधित जिलों की रिपोर्ट मांगी है.

जानकारी देते संवाददाता धीरज त्रिपाठी

इसके अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय पर ऑनलाइन आईजीआरएस के माध्यम से आने वाली जन शिकायतों के निस्तारण पर भी तमाम जिलों के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. अब सरकार इनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन के कामकाज की समीक्षा भी मुख्यमंत्री ने की है. अफसरों को सख्त कार्रवाई का अल्टीमेटम भी दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव और डीजीपी को सख्त निर्देश दिए हैं कि जन शिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

साथ ही जिन जिलों में जन शिकायतों में लापरवाही या अधिकारी फिसड्डी हैं, उनकी रिपोर्ट भी मांगी है. जिससे आगे की कार्रवाई की जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसमस्याओं के निस्तारण में संवेदनशीलता से कार्रवाई न किया जाना बिल्कुल भी ठीक नहीं है. आमजन के प्रार्थना पत्रों का समयबद्ध तरीके से निस्तारण किया जाना सरकार की पहली प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव को तहसील और थानों की विशेष समीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय को तमाम जनप्रतिनिधि की तरफ से भी जिलों के अफसरों की कार्यशैली को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं.

जिन जिलों में जन शिकायतों का निस्तारण ठीक ढंग से नहीं हो रहा, उनमें प्रयागराज, प्रतापगढ़, रायबरेली, बस्ती, मिर्जापुर, कौशांबी, सोनभद्र, भदोही, अयोध्या और मेरठ जैसे जिले शामिल हैं. इसके अलावा पुलिस प्रशासन से जुड़ी जन शिकायतों के निस्तारण में जो जिले फिसड्डी हैं उनमें कमिश्नरेट लखनऊ, प्रयागराज, आगरा, कमिश्नररेट कानपुर, मैनपुरी, संभल, कानपुर देहात, प्रतापगढ़, लखीमपुरखीरी और गोरखपुर जैसे जिले शामिल हैं. शासन के एक बड़े अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर प्रक्रिया चल रही है.

ये भी पढ़ें : पौधरोपण के नाम पर हो गया लाखों का खेल, जानें क्या है पूरा मामला?

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी कहते हैं कि भाजपा की पूरी सरकार जनता की समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता के साथ कर रही है. मंत्रियों को भी यह जिम्मेदारी दी गई है कि जन समस्याओं का निस्तारण हो, इधर बीच में मुख्यमंत्री के संज्ञान में आया है कि कुछ जगहों पर जन समस्याओं के निस्तारण में कुछ हीलाहवाली हो रही है. उसको लेकर कार्रवाई की जाएगी.

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लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बार-बार दिशा निर्देशों के बावजूद तमाम जिलों के अफसर जन शिकायतों के निस्तारण को लेकर लापरवाह बने हुए हैं. यही कारण है कि अब मुख्यमंत्री से लेकर मुख्य सचिव कार्यालय के स्तर पर सीधी मॉनिटरिंग हो रही है. जन शिकायतों के निस्तारण में एक दर्जन से अधिक फिसड्डी जिलों में तैनात अफसरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर शासन स्तर पर फाइल भी चल रही है. इन सब की सीधी मॉनिटरिंग की जा रही है. जिससे जनता की समस्याओं को लेकर जल्द ही कार्रवाई की जा सके. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्बंधित अफसरों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के संकेत दिए हैं.

जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन संबंधित तमाम अफसर शामिल हैं. तमाम जिलों में तैनात अधिकारियों की मुख्यमंत्री कार्यालय व मुख्य सचिव कार्यालय के स्तर पर शुरू हुई मॉनिटरिंग को लेकर धड़कनें भी बढ़ गई हैं. दरअसल, जिलों में तैनात अधिकारियों की कार्यशैली का अंदाजा इस बात से पिछले दिनों लगा जब काफी संख्या में तमाम जिलों के फरियादी मुख्यमंत्री कार्यालय या राजधानी लखनऊ आकर कई मंत्रियों के यहां परेशान होते हैं. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने संबंधित जिलों की रिपोर्ट मांगी है.

जानकारी देते संवाददाता धीरज त्रिपाठी

इसके अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय पर ऑनलाइन आईजीआरएस के माध्यम से आने वाली जन शिकायतों के निस्तारण पर भी तमाम जिलों के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. अब सरकार इनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. आईजीआरएस और सीएम हेल्पलाइन के कामकाज की समीक्षा भी मुख्यमंत्री ने की है. अफसरों को सख्त कार्रवाई का अल्टीमेटम भी दिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव और डीजीपी को सख्त निर्देश दिए हैं कि जन शिकायतों के निस्तारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

साथ ही जिन जिलों में जन शिकायतों में लापरवाही या अधिकारी फिसड्डी हैं, उनकी रिपोर्ट भी मांगी है. जिससे आगे की कार्रवाई की जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसमस्याओं के निस्तारण में संवेदनशीलता से कार्रवाई न किया जाना बिल्कुल भी ठीक नहीं है. आमजन के प्रार्थना पत्रों का समयबद्ध तरीके से निस्तारण किया जाना सरकार की पहली प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य सचिव को तहसील और थानों की विशेष समीक्षा कराने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय को तमाम जनप्रतिनिधि की तरफ से भी जिलों के अफसरों की कार्यशैली को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं.

जिन जिलों में जन शिकायतों का निस्तारण ठीक ढंग से नहीं हो रहा, उनमें प्रयागराज, प्रतापगढ़, रायबरेली, बस्ती, मिर्जापुर, कौशांबी, सोनभद्र, भदोही, अयोध्या और मेरठ जैसे जिले शामिल हैं. इसके अलावा पुलिस प्रशासन से जुड़ी जन शिकायतों के निस्तारण में जो जिले फिसड्डी हैं उनमें कमिश्नरेट लखनऊ, प्रयागराज, आगरा, कमिश्नररेट कानपुर, मैनपुरी, संभल, कानपुर देहात, प्रतापगढ़, लखीमपुरखीरी और गोरखपुर जैसे जिले शामिल हैं. शासन के एक बड़े अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर प्रक्रिया चल रही है.

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भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी कहते हैं कि भाजपा की पूरी सरकार जनता की समस्याओं का निस्तारण प्राथमिकता के साथ कर रही है. मंत्रियों को भी यह जिम्मेदारी दी गई है कि जन समस्याओं का निस्तारण हो, इधर बीच में मुख्यमंत्री के संज्ञान में आया है कि कुछ जगहों पर जन समस्याओं के निस्तारण में कुछ हीलाहवाली हो रही है. उसको लेकर कार्रवाई की जाएगी.

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