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अब गृह विभाग पर वेतन के लिए निर्भर नहीं होंगे होमगार्ड, आजीवन कारावास काट रहे कैदियों को भी राहत - 60 साल उम्र

उत्तर प्रदेश में तैनात 33 हजार होमगार्ड को अब मूल विभाग तैनाती व वेतन देगा. इसकी घोषणा शुक्रवार को कारागार एवं होमगार्ड राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने की है.

राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति
राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति
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Published : Jun 24, 2022, 9:39 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में तैनात 33 हजार होमगार्ड को वेतन के लिए गृह विभाग पर निर्भर रहना नहीं पड़ेगा. अब मूल विभाग खुद उनकी तैनाती व वेतन देगा. इसकी घोषणा शुक्रवार को कारागार एवं होमगार्ड राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने की है.

कारागार एवं होमगार्ड राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि यूपी में 25 हजार होमगार्ड व 8 हजार होमगार्ड डायल 112 पर तैनात हैं. उनके लिए बड़ा फैसला लिया गया है. इस होमगार्ड पहले गृह विभाग से वेतन पाते थे. मंत्री ने बताया कि बजट की व्यवस्था हो जाने के बाद अब होमगार्ड विभाग को गृह विभाग से बजट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

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उन्होंने बताया कि नई जेल नीति से उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में आजीवन कारावास काट रहे कैदियों को भी राहत मिलने जा रही है. नई जेल नीति के तहत अब कैदियों की रिहाई के लिए 60 साल उम्र पूरा करने की बंदिश समाप्त कर दी गई है. हालांकि केन्द्रीय जांच एजेंसियों की अदालतों में जिन कैदियों को सजा मिली है, वह इस दायरे में नहीं आएंगे.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश में तैनात 33 हजार होमगार्ड को वेतन के लिए गृह विभाग पर निर्भर रहना नहीं पड़ेगा. अब मूल विभाग खुद उनकी तैनाती व वेतन देगा. इसकी घोषणा शुक्रवार को कारागार एवं होमगार्ड राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने की है.

कारागार एवं होमगार्ड राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि यूपी में 25 हजार होमगार्ड व 8 हजार होमगार्ड डायल 112 पर तैनात हैं. उनके लिए बड़ा फैसला लिया गया है. इस होमगार्ड पहले गृह विभाग से वेतन पाते थे. मंत्री ने बताया कि बजट की व्यवस्था हो जाने के बाद अब होमगार्ड विभाग को गृह विभाग से बजट का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

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उन्होंने बताया कि नई जेल नीति से उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में आजीवन कारावास काट रहे कैदियों को भी राहत मिलने जा रही है. नई जेल नीति के तहत अब कैदियों की रिहाई के लिए 60 साल उम्र पूरा करने की बंदिश समाप्त कर दी गई है. हालांकि केन्द्रीय जांच एजेंसियों की अदालतों में जिन कैदियों को सजा मिली है, वह इस दायरे में नहीं आएंगे.

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