ETV Bharat / city

मां ने दूसरों के घर काम करके जुटाई दो वक्त की रोटी, बिटिया अब अमेरिका में करेगी पढ़ाई - simaran story

वर्ष 2018 में सिमरन ने लंबी बीमारी के कारण अपने पिता को खो दिया. घर चलाने के लिए उसने अपनी मां की मदद करने का फैसला किया. अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहारा देने के लिए एक नौकरी भी की.

बिटिया अब अमेरिका में करेगी पढ़ाई
बिटिया अब अमेरिका में करेगी पढ़ाई
author img

By

Published : Aug 9, 2021, 7:45 PM IST

लखनऊ : 2018 में पिता का देहांत हो गया. घर की माली हालत ठीक नहीं थी. मां ने दूसरों के घरों में काम करके बेटियों को पाला. अब उनकी बेटी अमेरिका में जाकर पढ़ाई करेगी. सुनने में यह किसी फिल्म की कहानी जैसा है लेकिन हकीकत है.

राजधानी लखनऊ की बेटी सिमरन ने इसे सच कर दिखाया है. स्टडी हॉल एजुकेशनल फाउंडेशन के प्रेरणा गर्ल्स स्कूल की 10वीं की छात्रा को यू.एस. स्टेट डिपार्टमेंट (US state department) के कैनेडी-लुगर यूथ एक्सचेंज एंड स्टडी (Kennedy-Lugger Youth Exchange and Study (YES) Program ) प्रोग्राम तहत चुना गया है.

उसे अमेरिका में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप दी गई है. वह न्यूयॉर्क में वेस्ट सेनेका ईस्ट हाई स्कूल (शैक्षणिक वर्ष 2021-22) में अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए 10 अगस्त को अमेरिका के लिए रवाना होगी.

मां ने दूसरों के घर काम करके जुटाई दो वक्त की रोटी
मुश्किलों को पीछे छोड़ सभी बाधाओं को किया पार

जरूरतमंद और गरीब परिवार की बेटियों को अच्छी शिक्षा देने के लिए स्टडी हॉल एजुकेशनल फाउंडेशन की ओर से प्रेरणा गर्ल्स स्कूल का संचालन किया जाता है. सिमरन ने पड़ोस की कुछ लड़कियों की देखा देखी 2016 में यहां प्रवेश लिया.

यह भी पढ़ें : एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत के बाद अशोका होटल पहुंचे ओलंपिक मेडलिस्ट

वर्ष 2018 में सिमरन ने लंबी बीमारी के कारण अपने पिता को खो दिया. घर चलाने के लिए उसने अपनी मां की मदद करने का फैसला किया. अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहारा देने के लिए एक नौकरी भी की.

उसके परिवार के बाकि सदस्य, उसे और उसकी मां को हतोत्साहित करने की कोशिश करते थे. सिमरन ने कड़ी मेहनत करते हुए सभी बाधाओं को पार किया और अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहायता की. साथ ही पढ़ाई में अच्छे अंक प्राप्त किए.

16 वर्षीय सिमरन ने कहा, 'यह मेरे लिए एक बड़ा अवसर है. मैंने स्कॉलरशिप के लिए कड़ी मेहनत की है और अपने स्कूल से मिले समर्थन के लिए आभारी हूं'. सिमरन की मां रेखा वर्मा कहती हैं, 'मैं बहुत खुश हूं और गर्व महसूस कर रही हूं कि मेरी बेटी को इस स्कॉलरशिप के लिए चुना गया'.

प्रेरणा गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल राखी पंजवानी ने कहा, 'सिमरन सबसे होनहार छात्राओं में से एक है. यह उसकी लगन और कड़ी मेहनत है जिसकी वजह से उसे स्कॉलरशिप के लिए चुना गया है'. उन्होंने बताया कि कैनेडी-लुगर यूथ एक्सचेंज एंड स्टडी (YES) कार्यक्रम विभिन्न देशों के हाई स्कूल के छात्रों को एक ऐकडेमिक वर्ष के लिए अमेरिका में बुलाता है.

लखनऊ : 2018 में पिता का देहांत हो गया. घर की माली हालत ठीक नहीं थी. मां ने दूसरों के घरों में काम करके बेटियों को पाला. अब उनकी बेटी अमेरिका में जाकर पढ़ाई करेगी. सुनने में यह किसी फिल्म की कहानी जैसा है लेकिन हकीकत है.

राजधानी लखनऊ की बेटी सिमरन ने इसे सच कर दिखाया है. स्टडी हॉल एजुकेशनल फाउंडेशन के प्रेरणा गर्ल्स स्कूल की 10वीं की छात्रा को यू.एस. स्टेट डिपार्टमेंट (US state department) के कैनेडी-लुगर यूथ एक्सचेंज एंड स्टडी (Kennedy-Lugger Youth Exchange and Study (YES) Program ) प्रोग्राम तहत चुना गया है.

उसे अमेरिका में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप दी गई है. वह न्यूयॉर्क में वेस्ट सेनेका ईस्ट हाई स्कूल (शैक्षणिक वर्ष 2021-22) में अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए 10 अगस्त को अमेरिका के लिए रवाना होगी.

मां ने दूसरों के घर काम करके जुटाई दो वक्त की रोटी
मुश्किलों को पीछे छोड़ सभी बाधाओं को किया पार

जरूरतमंद और गरीब परिवार की बेटियों को अच्छी शिक्षा देने के लिए स्टडी हॉल एजुकेशनल फाउंडेशन की ओर से प्रेरणा गर्ल्स स्कूल का संचालन किया जाता है. सिमरन ने पड़ोस की कुछ लड़कियों की देखा देखी 2016 में यहां प्रवेश लिया.

यह भी पढ़ें : एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत के बाद अशोका होटल पहुंचे ओलंपिक मेडलिस्ट

वर्ष 2018 में सिमरन ने लंबी बीमारी के कारण अपने पिता को खो दिया. घर चलाने के लिए उसने अपनी मां की मदद करने का फैसला किया. अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहारा देने के लिए एक नौकरी भी की.

उसके परिवार के बाकि सदस्य, उसे और उसकी मां को हतोत्साहित करने की कोशिश करते थे. सिमरन ने कड़ी मेहनत करते हुए सभी बाधाओं को पार किया और अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहायता की. साथ ही पढ़ाई में अच्छे अंक प्राप्त किए.

16 वर्षीय सिमरन ने कहा, 'यह मेरे लिए एक बड़ा अवसर है. मैंने स्कॉलरशिप के लिए कड़ी मेहनत की है और अपने स्कूल से मिले समर्थन के लिए आभारी हूं'. सिमरन की मां रेखा वर्मा कहती हैं, 'मैं बहुत खुश हूं और गर्व महसूस कर रही हूं कि मेरी बेटी को इस स्कॉलरशिप के लिए चुना गया'.

प्रेरणा गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल राखी पंजवानी ने कहा, 'सिमरन सबसे होनहार छात्राओं में से एक है. यह उसकी लगन और कड़ी मेहनत है जिसकी वजह से उसे स्कॉलरशिप के लिए चुना गया है'. उन्होंने बताया कि कैनेडी-लुगर यूथ एक्सचेंज एंड स्टडी (YES) कार्यक्रम विभिन्न देशों के हाई स्कूल के छात्रों को एक ऐकडेमिक वर्ष के लिए अमेरिका में बुलाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.