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लखनऊ: प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन, निगरानी समितियों को दिए जाएंगे जांच उपकरण

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Published : May 31, 2020, 11:59 AM IST

राजधानी लखनऊ में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में प्रवासी मजदूरों के लिए की जा रही व्यवस्थाओं से लेकर उन्हें होम क्वारंटाइन किए जाने तक को लेकर चर्चा की गयी.

लखनऊ
प्रवासी मजदूरों के लिए बनाई गई निगरानी समिति

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला लगातार जारी है. इसको लेकर शनिवार को आशियाना थाना क्षेत्र में स्थित जोन 8 के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रवासी मजदूरों को क्वारंटाइन करने के लिए पूरे जिले में एक निगरानी समिति का गठन किया गया है. निगरानी समिति नगर निकायों में पार्षद अपने क्षेत्र में आए हुए प्रवासियों की देखभाल करेंगे. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान को इसके लिए नियुक्त किया गया है.

प्रवासी मजदूरों को लेकर एक भ्रम की स्थिति बनी हुई है, उसको दूर करने के लिए प्रशासन ने एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश, मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम, नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी, अपर नगर आयुक्त अर्चना द्विवेदी व जोन 8 के जोनल सुजीत श्रीवास्तव सहित क्षेत्र के कई पार्षद सिविल डिफेंस, आशा बहू और स्वास्थ्य कार्यकर्ता मौजूद रहे.

'प्रवासी मजदूरों की जिम्मेदारी हमारी'
राजधानी लखनऊ के जोन 8 में स्थित सामुदायिक केंद्र में निगरानी समिति के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने बताया कि जो भी प्रवासी मजदूर या परिवार लखनऊ आया है, उसकी देखरेख की जिम्मेदारी हम लोगों की है. उससे किसी तरह का भेदभाव नहीं करना है. निगरानी समितियों का कर्तव्य है कि बाहर से आए लोगों को होम क्वारंटाइन या प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं के अनुसार क्वारंटाइन करने की व्यवस्था करें.

घरों के बाहर लगाया जाएगा पोस्टर
जहां पर प्रवासी परिवार को क्वारंटाइन किया गया है, उनके घर के बाहर एक पोस्टर लगाया जाएगा, जिससे कि वह घर अलग से प्रदर्शित होगा. इसी प्रकार के संदिग्ध लक्षण दिखने पर उनको स्वास्थ्य की पूरी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि 1 हफ्ते के भीतर सभी निगरानी समिति को जांच उपकरण ऑक्सीमीटर, मीटर व थर्मल स्कैनर उपलब्ध करा दिया जाएगा, जिससे कि वह बाहर से आए लोगों की जांच कर सकेंगे.

सरकार की ओर से बताए नियमों का करना चाहिए पालन
मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने बताया कि सरकार पूरी तरह से करोना वायरस से लड़ने के लिए तैयार है, लेकिन यह लड़ाई बिना आमजन के सहयोग के नहीं जीती जा सकती है. इसके लिए सभी लोगों को सरकार की ओर से बताए गए नियमों का पालन करना चाहिए. अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी करोना वायरस के प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें. जो लोग बाहर अपनी रोजी-रोटी की तलाश में गए थे, संकट की इस घड़ी में वह लोग अपने घर वापस आ रहे हैं. उनके साथ हम लोगों को सौहार्दपूर्ण व्यवहार करना चाहिए. उनके लिए सरकार ने पूरी व्यवस्था की है. निगरानी समिति के माध्यम से उनको होम क्वारंटाइन या स्कूलों में रखने की व्यवस्था की गई है. सभी बाहर से आए लोगों को 14 दिन का क्वारंटाइन पीरियड पूरे नियम कानून से पालन करना चाहिए.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला लगातार जारी है. इसको लेकर शनिवार को आशियाना थाना क्षेत्र में स्थित जोन 8 के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रवासी मजदूरों को क्वारंटाइन करने के लिए पूरे जिले में एक निगरानी समिति का गठन किया गया है. निगरानी समिति नगर निकायों में पार्षद अपने क्षेत्र में आए हुए प्रवासियों की देखभाल करेंगे. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम प्रधान को इसके लिए नियुक्त किया गया है.

प्रवासी मजदूरों को लेकर एक भ्रम की स्थिति बनी हुई है, उसको दूर करने के लिए प्रशासन ने एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश, मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम, नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी, अपर नगर आयुक्त अर्चना द्विवेदी व जोन 8 के जोनल सुजीत श्रीवास्तव सहित क्षेत्र के कई पार्षद सिविल डिफेंस, आशा बहू और स्वास्थ्य कार्यकर्ता मौजूद रहे.

'प्रवासी मजदूरों की जिम्मेदारी हमारी'
राजधानी लखनऊ के जोन 8 में स्थित सामुदायिक केंद्र में निगरानी समिति के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने बताया कि जो भी प्रवासी मजदूर या परिवार लखनऊ आया है, उसकी देखरेख की जिम्मेदारी हम लोगों की है. उससे किसी तरह का भेदभाव नहीं करना है. निगरानी समितियों का कर्तव्य है कि बाहर से आए लोगों को होम क्वारंटाइन या प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं के अनुसार क्वारंटाइन करने की व्यवस्था करें.

घरों के बाहर लगाया जाएगा पोस्टर
जहां पर प्रवासी परिवार को क्वारंटाइन किया गया है, उनके घर के बाहर एक पोस्टर लगाया जाएगा, जिससे कि वह घर अलग से प्रदर्शित होगा. इसी प्रकार के संदिग्ध लक्षण दिखने पर उनको स्वास्थ्य की पूरी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि 1 हफ्ते के भीतर सभी निगरानी समिति को जांच उपकरण ऑक्सीमीटर, मीटर व थर्मल स्कैनर उपलब्ध करा दिया जाएगा, जिससे कि वह बाहर से आए लोगों की जांच कर सकेंगे.

सरकार की ओर से बताए नियमों का करना चाहिए पालन
मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने बताया कि सरकार पूरी तरह से करोना वायरस से लड़ने के लिए तैयार है, लेकिन यह लड़ाई बिना आमजन के सहयोग के नहीं जीती जा सकती है. इसके लिए सभी लोगों को सरकार की ओर से बताए गए नियमों का पालन करना चाहिए. अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी करोना वायरस के प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें. जो लोग बाहर अपनी रोजी-रोटी की तलाश में गए थे, संकट की इस घड़ी में वह लोग अपने घर वापस आ रहे हैं. उनके साथ हम लोगों को सौहार्दपूर्ण व्यवहार करना चाहिए. उनके लिए सरकार ने पूरी व्यवस्था की है. निगरानी समिति के माध्यम से उनको होम क्वारंटाइन या स्कूलों में रखने की व्यवस्था की गई है. सभी बाहर से आए लोगों को 14 दिन का क्वारंटाइन पीरियड पूरे नियम कानून से पालन करना चाहिए.

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