लखनऊ : प्रदेश के समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण (Minister of State for Social Welfare Aseem Arun) ने शुक्रवार को बापू भवन में प्रदेश सरकार के जनजाति निदेशालय द्वारा चलाई जा रही विभिन्न विद्यालयों एवं योजनाओं की समीक्षा बैठक की. बैठक में जनजाति कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित चार एकलव्य विद्यालयों लखीमपुर खीरी, बहराइच, सोनभद्र एवं ललितपुर के संचालन के संबंध में समीक्षा की गई. उक्त चारों एकलव्य विद्यालयों (Eklavya School) को आधुनिक और संरचनात्मक तौर पर व्यवस्थित करने के लिए प्रत्येक को पांच-पांच करोड़ की धनराशि शीघ्र स्वीकृत की जाएगी. इस दौरान समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने सोनभद्र एवं ललितपुर के एकलव्य विद्यालय (Eklavya School) को संचालित करने के लिए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश भी दिए.
प्रदेश में जनजाति विद्यालयों के छात्रों के लिए लखीमपुर खीरी, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, महाराजगंज और बिजनौर में संचालित नौ आश्रम पद्धति विद्यालयों को 11 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया जाएगा. जिससे इन विद्यालयों में पोषण वाटिका, खेल की सुविधा एवं सोलर पैनल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराकर आधारभूत संरचना को और उन्नत किया जा सके. इस दौरान समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने बताया कि प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए 38 करोड़ की लागत से एक और एकलव्य विद्यालय जल्द ही खुलेगा.
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इस अवसर पर संयुक्त सचिव, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार डॉ. नवलजीत कपूर, प्रमुख सचिव समाज कल्याण डॉ. हरिओम, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी, जनजाति निदेशालय प्रकाश सिंह, उप निदेशक जनजाति निदेशालय डॉ. प्रियंका वर्मा एवं शोध अधिकारी देवेन्द्र सिंह उपस्थित रहे.
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