लखनऊः मजलिस तहफ़्फ़ूजे नामूसे सहाबा हिंद के अध्यक्ष और मदरसा दारुल मुबल्लिग़ीन के प्रबंधक मौलाना अब्दुल अलीम फ़ारूकी ने लखनऊ कमिश्नर डी.के ठाकुर से मुलाकात की. शनिवार को एक प्रतिनिधि मंडल ने लखनऊ कमिश्नर को नूपुर शर्मा व नवीन जिंदल की गिरफ्तारी को लेकर ज्ञापन सौंपा.
कमिश्नर को दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि हिन्दुस्तान ऐसा मुल्क है. जहां बहुत से मज़हबों को मानने वाले आबाद हैं. सभी लोग अपनी-अपनी इबादतें अपने खास तरीके से इबादतगाहों में अंजाम देते हैं. सदियों से ये सिलसिला जारी है. ये सभी लोग अपने मज़हबी पेशवाओं से अक़ीदत रखते हैं. देश के संविधान के अनुसार और मज़हब के उसूल के मुताबिक़ किसी को ये हक़ नहीं है कि वह अपने अलावा दूसरे के दीन पर या दीनी पेशवाओं पर किसी भी तरह की अभद्र टिप्पणी करे. लेकिन साम्प्रदायिक तत्व और देश के अमन भाई-चारे के दुश्मन अपनी गलत बातों से माहौल को खराब करने पर तुले हुये हैं. वर्तमान में फिर एक अभद्र टिप्पणी करने का मामला सामने आया है जो कि मुसलमानों के लिये नाक़ाबिले बर्दाश्त है. पूरी दुनिया इस घिनौनी हरकत पर अपने गुस्से का इज़हार कर रही है.
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ज्ञापन में कहा गया कि ये हरकतें जान बूझकर मुसलमानों को दुख पहुंचाकर और धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने के लिए की जा रही हैं. ऐसी गलत टिप्पणियों से हमारे देश की बदनामी हो रही है. इसलिए ऐसे लोगों पर पाबंदी लगायी जाये. साथ ही नवीन जिन्दल और नुपूर शर्मा को कठोर से कठोर सजा दी जाये. ज्ञापन में भारत सरकार से मांग कि गई है कि मुल्क को बदअमनी से बचाने की कोशिश करें. साथ ही ऐसा कानून बनाकर लागू करें जिससे किसी भी मज़हब या मज़हबी शख़्सियत की तौहीन करने वाले को कठोर सजा मिल सके. मौलाना ने कहा कि हम समझते हैं कि हज़रत मोहम्मद स.अ.व के सिलसिले में गंदी ज़ुबान इस्तेमाल करने वाले मुल्क के भी दुश्मन हैं और इन्सानियत के भी.
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