लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने नागरिक संशोधन विधेयक को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है. बसपा सुप्रीमो मायावती के अनुसार, यह विधेयक विभाजनकारी और असंवैधानिक है.
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मायावती ने कहा कि-
- इस विधेयक के जरिए नागरिकों में धर्म के आधार पर भेदभाव करना आंबेडकर की मानवतावादी एवं धर्मनिरपेक्ष संविधान की मंशा और बुनियादी ढांचे के खिलाफ है.
- बसपा इस बिल के वर्तमान स्वरूप से बिल्कुल भी सहमत नहीं है.
- यदि केंद्र सरकार देश व जनहित में भारतीय संविधान के मुताबिक सही व उचित फैसले लेती है तो बसपा फिर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर केंद्र सरकार का समर्थन करेगी.
- मायावती ने केंद्र सरकार के नोटबंदी और जीएसटी जैसे फैसलों को भी कटघरे में खड़ा किया.
- नोटबंदी और जीएसटी की तरह ही अपरिपक्व तरीके से लाए गए नागरिक संशोधन विधेयक को देश पर जबरदस्ती थोपने की बजाय इस पर केंद्र सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए.
- इसके बेहतर विचार-विमर्श के लिए इसे संसदीय समिति के पास भेजना चाहिए.
- ताकि यह विधायक संवैधानिक रूप से देश की जनता के सामने आ सके.
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बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि जम्मू कश्मीर के मामले में हमने आर्टिकल 370 को लेकर इसी सोच के आधार पर ही केंद्र सरकार का समर्थन भी किया था. यह फैसला हमारी पार्टी ने बाबासाहेब आंबेडकर की सोच को ध्यान में रखते हुए ही लिया था.
मायावती ने यह भी कहा कि यदि धारा 370 को लेकर हमारा नजरिया कुछ और होता तो फिर आज हमारी पार्टी केंद्र सरकार के लाए गए नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में खुलकर खड़ी नहीं होती. दरअसल अनुच्छेद 370 के फैसले पर मायावती द्वारा केंद्र सरकार को समर्थन दिए जाने के बाद यह सवाल खड़े होने लगे थे कि ऐसा तो नहीं कि बसपा भारतीय जनता पार्टी के साथ गलबहियां कर रही है.