लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि आजमगढ़ पुलिस द्वारा पलिया गांव के पीड़ित दलितों को न्याय देने के बजाय उन पर ही अत्याचारियों के दबाव में आकर खुद भी जुल्म-ज्यादती करना और उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचाना अति-शर्मनाक. सरकार इस घटना का शीघ्र संज्ञान लेकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई और पीड़ितों की आर्थिक भरपाई करे.
इसके साथ ही अत्याचारियों और पुलिस द्वारा भी दलितों के उत्पीड़न की इस ताजा घटना की गंभीरता को देखते हुए बीएसपी का एक प्रतिनिधिमण्डल गया चरण दिनकर, पूर्व एमएलए के नेतृत्व में पीड़ितों से मिलने शीघ्र ही गांव का दौरा करेगा.
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जानिए पूरा मामला
दरअसल जिले के रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में मारपीट के विवाद को सुलझाने पहुंची पुलिस के जवानों पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था. हमले में दो सिपाही घायल हो गये थे. सिपाहियों पर हमले की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया था. आनन-फानन में अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और हमलावरों की तलाश शुरू की. हालांकि आरोपी मौके से फरार हो गए हैं. पुलिस ने 24 नामजद के साथ 115 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस अधीक्षक ने हमलावरों पर गैंगेस्टर लगाने के निर्देश दिये हैं.
परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके घरों में लूटपाट भी की. पुलिस की कार्रवाई को देखकर ग्रामीण सहम गए और इसके बाद पुरुष व बच्चे घर छोड़कर भाग गए. दूसरे दिन पुलिस ने 11 नामजद व 135 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया.
प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया कि आजमगढ़, रौनापार के पलिया गांव में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दलित परिवारों पर हमला करने की खबर आ रही है. वहां कई मकानों को तोड़ा गया, सैकड़ों पर मुकदमा दर्ज किया गया. यह सरकारी अमले की दलित विरोधी मानसिकता का परिचायक है. तत्काल दोषियों के ऊपर कार्रवाई हो और पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए.
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट किया कि जिला आजमगढ़, ग्राम पलिया के प्रधान मुन्ना पासी के घर पर की गई तोड़-फोड़ प्रशासन की दलित विरोधी मानसिकता का प्रमाण है. योगी जी दलितों पर आपकी पुलिस द्वारा किया गया अत्याचार दलित समाज भूलेगा नहीं. मैं 19 जुलाई को पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें न्याय दिलाने खुद आजमगढ़ आ रहा हूं.
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रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में डॉ. आनंद बंगाली की दवा की दुकान है. गांव के ही दो लड़के आनंद के लड़के लिट्टन को बुलाकर ले गए और मारने लगे. मारपीट की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष ने गांव के ही पास में ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल विवेक व मुखराम यादव को मौके पर विवाद सुलझाने के लिए भेजा. पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे तो मारपीट हो रही थी. तभी एक पुलिसकर्मी मोबाइल से मारपीट का वीडियो बनाने लगा. यह देख मौके पर मौजूद ग्रामीण एक जुट होकर पुलिस के जवानों पर हमला बोल दिया और जमकर पिटाई की. ग्रामीणों के हमले में दोनों सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गये. सूचना के बाद महकमे के आला अधिकारी रात को गांव में भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और हमलावरों की तलाश में जुट गए.