लखनऊ : राजधानी स्थित चिड़ियाघर में बीते मंगलवार देर रात को इलाज के दौरान नर चिम्पांजी जैसन की मौत हो गई. जिसके बाद से मादा चिम्पांजी निकिथा सदमे में है. चिड़ियाघर के सभी सदस्यों ने मिलकर नर चिम्पांजी जैसन को अंतिम विदाई दी.
चिड़ियाघर के डायरेक्टर वीके मिश्रा ने बताया कि बीते मंगलवार सुबह लगभग 11:30 बजे कीपरों ने पशु चिकित्सकों को सूचना दी कि नर चिम्पांजी जैसन सामान्य रूप से भोजन नहीं ले रहा है. वह बार-बार लेटा जा रहा है. पशु चिकित्सकों ने तत्काल चिम्पांजी बाड़े का निरीक्षण किया. उन्होंने पाया कि चिम्पांजी अस्वस्थ है. जिसकी सूचना निदेशक प्राणि उद्यान लखनऊ को देते हुए तत्काल भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) बरेली से विशेषज्ञ से सम्पर्क कर चिकित्सा परामर्श लिया गया. चिम्पांजी की अचानक गंभीर हुई स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञों को नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ बुलाये जाने के लिए तत्काल अनुरोध पत्र ई-मेल किया गया.
रात करीब 8 बजे चिम्पांजी की हालत बिगड़ने के बाद उसे बाड़े से पशु चिकित्सालय में शिफ्ट कर उसका इलाज शुरू कर दिया गया, लेकिन रात लगभग 11 बजे नर जैसन का निधन हो गया. बुधवार को पशु चिकित्सकों के पैनल ने चिम्पांजी का शव विच्छेदन किया. जिसमें अधिक आयु के साथ-साथ शरीर के विभिन्न अंगों में आसामान्य क्षति भी पायी गयी. विस्तृत जांच रिपोर्ट के लिए अंगों को आईवीआरआई, बरेली भेजा गया है. बाकी जानकारी रिपोर्ट आने पर अवगत कराया जायेगा.
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नर चिम्पांजी जैसन को लगभग 20 वर्ष की आयु में 2007 में मैसूर चिड़ियाघर से अपनी संगिनी मादा चिम्पांजी निकिथा के साथ लखनऊ प्राणि उद्यान लाया गया था. चिम्पांजियों के विनिमय में लखनऊ प्राणि उद्यान से एक मादा जिराफ खुशी, एक नर जेब्रा और एक जोड़ा सारस दिये गये थे. प्राणि उद्यान के अधिकारी एवं कर्मचारी "जैसन' चिम्पांजी के अचानक चले जाने से अत्यन्त दुखी हैं. अधिकारी एवं कर्मचारियों ने जैसन को भावभीनी श्रद्धांजलि दी. मादा चिम्पांजी निकिथा भी अपने साथी के बिछड़ जाने के कारण गुमसुम सी है.
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