लखनऊ : इन दिनों स्तन कैंसर की समस्या काफी बढ़ रही है. इसको लेकर केजीएमयू (Kgmu) की स्तन रोग विशेषज्ञ डॉ. गीतिका नंदा ने बताया कि आमतौर पर लोब्यूल्स और दुग्ध नलिकाओं में घुसकर वे स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण करते हैं और शरीर के अन्य भागों में फैल जाते हैं. कुछ मामलों में स्तन कैंसर स्तन के अन्य ऊतकों को भी प्रभावित कर सकता है.
एक सर्वे के अनुसार, प्रदेश में 27 प्रतिशत महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित होती हैं. रोजाना ओपीडी में 25 से 30 महिलाएं आती हैं. जिसमें से तीन से चार महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित होती हैं. उन्हें तुरंत इलाज उपलब्ध कराया जाता है, क्योंकि एक स्टेज पर यह भयावह रूप ले लेता है.
ऐसे करें पहचान
- स्तन कैंसर मामलों में यह सबसे आम लक्षण है. स्तन में गांठों की जांच की जानी चाहिए चाहे गांठें कोमल ही क्यों न हों.
- स्तन के एक हिस्से या पूरे स्तन में किसी भी तरह की सूजन एक समस्या का कारण है, हालांकि यह संक्रमण या गर्भावस्था जैसी स्थिति में भी हो सकता है, लेकिन स्तन की त्वचा में जलन या डिंपलिंग जैसे अन्य लक्षण हैं या नहीं यह खोज करना महत्वपूर्ण है.
- त्वचा में परिवर्तन भी स्तन कैंसर का एक संकेत हो सकता है. इसमें जलन/त्वचा का लाल होना, त्वचा का मोटा होना, स्तन ऊतक के डिंपलिंग, त्वचा की बनावट में बदलाव शामिल है.
- निप्पल से किसी भी तरह के असामान्य तरल निकालने को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. साथ ही निप्पल का अंदर की ओर दबना भी स्तन कैंसर का लक्षण हो सकता है. अगर निप्पल में दर्द हो तो उसकी भी जांच करानी चाहिए.
कैंसर के लक्षण
- शरीर के किसी भी अंग में घाव या नासूर जो न भरे.
- लम्बे समय से शरीर के किसी भी अंग में दर्दरहित गांठ या सूजन.
- स्तनों में गांठ होना या रिसाव होना. मल, मूत्र, उल्टी और थूक में खून आना.
- आवाज में बदलाव, निगलने में दिक्कत, मल-मूत्र की सामान्य आदत में परिवर्तन, लम्बे समय तक लगातार खांसी.
- पहले से बनी गांठ, मस्सों व तिल का अचानक तेजी से बढ़ना और रंग में परिवर्तन या पुरानी गांठ के आस-पास नयी गांठों का उभरना.
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- बिना कारण वजन घटना, कमजोरी आना या खून की कमी.
- औरतों में स्तन में गांठ, अस्वाभाविक खून बहना, दो माहवारियों के बीच व यौन संबन्धों के तुरन्त बाद और 40-45 वर्ष की उम्र में माहावारी बन्द हो जाने के बाद खून आना.
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