लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनते ही अपराधियों व उनके आर्थिक साम्राज्य पर पुलिसिया कहर जमकर टूटा. नतीजा रहा कि अपराध की दुनिया के बड़े से बड़े बादशाह धराशाई हो गए. योगी सरकार पार्ट 1 में शासन ने टॉप 25 माफियाओं व पुलिस मुख्यालय ने 8 की सूची बनाई थी. सभी 33 माफियाओं व उनके गैंग को खत्म करने से लेकर उनके आर्थिक साम्राज्य को बर्बाद कर दिया गया. अब एक बार फिर योगी सरकार पार्ट 2 में माफियाओं का सफाई अभियान चलने जा रहा है. लेकिन, इस बार 33 नहीं बल्कि 61 माफियाओं की सूची तैयार हुई है, जिस पर सीएम योगी की मुहर लगनी बाकी है. ईटीवी भारत आपको उन्हीं 61 माफियाओं में 21 के नाम की एक्सक्लूसिव जानकारी देगा.
अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि यूपी पुलिस ने शराब माफिया, पशु तस्कर, वन माफिया, खनन माफिया, शिक्षा माफिया एवं भू माफिया आदि को चिन्हित किया है. इस बार शासन द्वारा 50 एवं पुलिस मुख्यालय स्तर पर 11 माफियाओं की सूची बनाई गई है. जिनके गैंग को खत्म करने से लेकर उनकी 500 करोड़ की संपत्ति जब्त करने का लक्ष्य रखा गया है. प्रशांत कुमार के मुताबिक, भविष्य में इस सूची में नाम और बढ़ाये जा सकते हैं. जिसमें उन पुलिस कर्मियों के भी नाम जोड़े जाएंगे जिन्होंने खाकी को शर्मिंदा किया है और बड़े अपराध किये हैं.
धर्मेंद्र किरठल: बागपत के कुख्यात किरठल के खिलाफ 49 मुकदमें दर्ज हैं. इनमें हत्या के 15 से ज्यादा मुकदमें हैं. उसे एसटीएफ ने देहरादून से 2021 में गिरफ्तार किया था.
सुनील राठी: बागपत के रहने वाले कुख्यात सुनील राठी की पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े माफियाओं में गिनती होती है. राठी मंडोली जेल में बंद है. सुनील राठी वह शख्स है जिसकी क्राइम हिस्ट्री पर सरकारों के बदलने का भी कोई फर्क नहीं पड़ा. सरकारें आती जाती रहीं लेकिन, सुनील राठी अपने वर्चस्व और दबदबे को बनाए रखने में कामयाब रहा. चाहे वह जेल के अंदर हो या फिर जेल से बाहर. योगी सरकार में ही राठी पर बागपत जेल में कुख्यात मुन्ना बजरंगी की हत्या का आरोप लगा. राठी टॉप 25 माफियाओं की लिस्ट में भी था.
अभिषेक सिंह हनी उर्फ जहर: अभिषेक सिंह हनी उर्फ जहर वाराणसी का कुख्यात अपराधी है. वो ID-23 गैंग का सरगना है. जहर वाराणसी के पांडेयपुर का रहने वाला है. वाराणसी में उसके खिलाफ हत्या, लूट व रंगदारी के दो दर्जन मुकदमें दर्ज हैं.
निहाल उर्फ बच्चा पासी: डी-46 गैंग का सरगना, प्रयागराज के धूमनगंज के रहने वाले निहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी पर दो दर्जन से ज्यादा मुकदमें दर्ज हैं. उसके ऊपर सबसे पहले आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसके बाद बच्चा अपराध की दुनिया में तब चर्चित हुआ, जब उसका नाम साल 2006 में मुंबई के काला घोड़ा शूटआउट में आया. इसी शूटआउट ने बच्चा पासी को बच्चा भाई में बदल दिया. फिलहाल बच्चा पासी फरार है.
लिस्ट में गोरखपुर के भी माफिया
राजन तिवारी: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के सोहगौरा गांव का रहने वाला राजन तिवारी कभी श्रीप्रकाश शुक्ला का साथी हुआ करता था. यूपी व बिहार में अपराध की दुनिया में राजन तिवारी का नाम टॉप पर अंकित है. राजन तिवारी बिहार में दो बार विधायक रह चुका है. राजन तिवारी ने 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लखनऊ में बीजेपी की सदस्यता ली थी. इस पर काफी विवाद हुआ. जिसके बाद उन्हें साइडलाइन कर दिया गया. इससे पहले 2016 में बीएसपी ज्वाइन किया था.
सुधीर कुमार सिंह: बसपा नेता व गोरखपुर जिले में पिपरौली के पूर्व ब्लॉक प्रमुख और माफिया सुधीर सिंह पर आपराधिक मामलों की एक लंबी लिस्ट है. बीते विधानसभा चुनाव में सहजनवां विधानसभा क्षेत्र से सुधीर बसपा प्रत्याशी था. उस पर हत्या के प्रयास, हत्या समेत 26 मुकदमे दर्ज हैं.
विनोद उपाध्याय: गोरखपुर के अपराधी विनोद उपाध्याय पर रंगदारी, वसूली, हत्या की कोशिश सहित 25 मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं. फिलहाल वह फतेहगढ़ जेल में बंद है.
लिस्ट में बसपा-सपा नेताओं की भरमार
रिजवान जहीर: सपा नेता व पूर्व सांसद रिजवान जहीर बलरामपुर का रहने वाला है. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार पूर्व सांसद रिजवान जहीर के ऊपर 14 मुकदमें दर्ज हैं. इसमें हत्या-बलवा समेत गम्भीर आरोप शामिल हैं.
दिलीप मिश्रा: प्रयागराज का दिलीप मिश्रा बसपा व सपा का नेता रह चुका है. मौजूदा समय फतेहगढ़ जेल में बंद है. दिलीप पर 12 जुलाई 2010 को प्रयागराज के कोतवाली शहर अंतर्गत बहादुरगंज में नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर स्कूटी में रखे गए रिमोट बम से जानलेवा हमले का आरोप लगा था. जिसमें दिलीप मिश्रा मुख्य आरोपी था. दिलीप मिश्रा का नाम टॉप 25 माफियाओं की लिस्ट में भी था.
अनुपम दुबे: बसपा नेता अनुपम दुबे के खिलाफ 41 मुकदमें दर्ज हैं. साल 1996 में कन्नौज के गुरसहायगंज कोतवाली प्रभारी रामनिवास यादव की अनुपम दुबे ने ट्रेन में गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड से अनुपम दुबे चर्चा में आया था.
हाजी इकबाल: सहारनपुर का रहने वाला खनन माफिया हाजी इकबाल उर्फ बाला पूर्व एमएलसी है. वह लखीमपुर खीरी, गोरखपुर और सीतापुर की तीन चीनी मिल खरीदने वाली कंपनी में भी डायरेक्टर है. उसके खिलाफ लखनऊ के गोमतीनगर थाने में कंपनी एक्ट व अन्य धाराओं में भी मुकदमा दर्ज है.
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टॉप माफिया लिस्ट में लखनऊ के भी अपराधी
बच्चू यादव: लखनऊ के कृष्णा नगर थाने अंतर्गत आजाद नगर का रहने वाला बच्चू यादव पहले गांजा बेचा करता था. लेकिन, देखते-देखते उस पर रंगदारी व लूट समेत 25 मुकदमें दर्ज हैं. फिलहाल बच्चू फरार है.
जुगनू वालिया: माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी जुगनू वालिया लखनऊ के आलमबाग थाना अंतर्गत चंदन नगर का रहने वाला है. उसके खिलाफ एक दर्जन मुकदमें दर्ज हैं. फिलहाल जुगनू फरार है.
लल्लू यादव: लखनऊ के राजाजीपुरम क्षेत्र का रहने वाला लल्लू यादव अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह है. आपराधिक जीवन में लल्लू यादव पर हत्या, हत्या के प्रयास, अवैध कब्जा, गैंगस्टर और मारपीट के अलावा गुंडा एक्ट जैसे 12 मुकदमे दर्ज हैं.
अपराधियों की लिस्ट में इनके अलावा मुख्तार अंसारी, बृजेश सिंह, अतीक अहमद, त्रिभुवन सिंह, खान मुबारक, सलीम, सोहराब, रुस्तम, बबलू श्रीवास्तव, उमेश राय, कुंटू सिंह, सुभाष ठाकुर, संजीव माहेश्वरी जीवा, मुनीर शामिल हैं.
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