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लखनऊ: डीजल-पेट्रोल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ वामपंथी दल 29 को करेंगे प्रदर्शन

डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर वामपंथी दलों ने नाराजगी जताई. दलों के नेताओं का कहना है कि अगर सरकार तेल के दामों में कमी नहीं करती है तो वे प्रदेश भर में 29 जून को इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे.

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Published : Jun 25, 2020, 7:10 PM IST

वामपंथी दल करेंगे विरोध
वामपंथी दल करेंगे विरोध

लखनऊ: डीजल-पेट्रोल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के खिलाफ देश की जनता में नाराजगी है. विभिन्न राजनीतिक दल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर पड़े हैं. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने भी गुरुवार को इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, अब वामपंथी दल भी विरोध-प्रदर्शन करने के लिए सड़क पर उतरने को तैयार हैं.

वामपंथी दलों ने सरकार को चेताया कि जल्द से जल्द डीजल और पेट्रोल की बढ़ी कीमतों को वापस लिया जाए. वामपंथी दलों के नेताओं के कहना है कि तेल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ प्रदेश भर में वामपंथी दल 29 जून को सड़क पर उतरकर सरकार को सबक सिखाने का काम करेंगे.

'भाजपा कर रही जनता के जीवन पर हमला'
जिले में 25 जून को उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, अब वामपंथी दल भी विरोध-प्रदर्शन करने के लिए सड़क पर उतरने को तैयार हैं. इन दलों के नेताओं ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि डीजल और पेट्रोल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी करके भाजपा सरकार जनता के जीवन पर हमला करने का आपराधिक कृत्य कर रही है.

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव डॉ. हीरा लाल यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव, डॉ. गिरीश, माले लिबरेशन के राज्य सचिव सुधाकर यादव और ऑल इंडिया फारबर्ड ब्लॉक के राज्य संयोजक अभिनव कुशवाहा ने इसका जिम्मेदार भाजपा सरकार को ठहराया है.

73 वर्षों में पहली बार हुआ ऐसा
वामपंथी दलों के नेताओं का कहना है कि कोरोना महामारी की असहनीय मार से जनता पहले से ही त्राहि-त्राहि कर रही है. अब 73 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ जब डीजल का मूल्य पेट्रोल से भी ज्यादा हो गया है. इससे किसानों पर भयानक मुश्किलें आएंगी. आवश्यक वस्तुओं के दामों में भारी वृद्धि हो रही है. डीजल-पेट्रोल पर दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा 69 प्रतिशत टैक्स मोदी सरकार की तरफ से जनता से वसूला जा रहा है.

सरकार को भेजे जाएंगे ज्ञापन
वामपंथी दलों ने डीजल-पेट्रोल के दामों में हो रही लगातार वृद्धि के खिलाफ 29 जून को प्रदेश भर में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. दलों के नेताओं का कहना है कि जहां जैसी भी स्थिति होगी, विरोध प्रदर्शन की कार्रवाई की जाएगी. जिलाधिकारियों व स्थानीय अधिकारियों के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजे जाएंगे.

वामपंथी दलों का विरोध
बता दें कि केंद्र सरकार हो या फिर प्रदेश सरकार से जुड़ा कोई भी मामला. हर मुद्दे पर वामपंथी दल मुखर होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. चाहे 69000 शिक्षकों की भर्ती का मामला हो या फिर पशुधन घोटाला वामपंथी सड़क पर उतर चुके हैं. अब ये दल पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की तैयारी में जुटे हैं.

लखनऊ: डीजल-पेट्रोल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी के खिलाफ देश की जनता में नाराजगी है. विभिन्न राजनीतिक दल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर पड़े हैं. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने भी गुरुवार को इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, अब वामपंथी दल भी विरोध-प्रदर्शन करने के लिए सड़क पर उतरने को तैयार हैं.

वामपंथी दलों ने सरकार को चेताया कि जल्द से जल्द डीजल और पेट्रोल की बढ़ी कीमतों को वापस लिया जाए. वामपंथी दलों के नेताओं के कहना है कि तेल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ प्रदेश भर में वामपंथी दल 29 जून को सड़क पर उतरकर सरकार को सबक सिखाने का काम करेंगे.

'भाजपा कर रही जनता के जीवन पर हमला'
जिले में 25 जून को उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, अब वामपंथी दल भी विरोध-प्रदर्शन करने के लिए सड़क पर उतरने को तैयार हैं. इन दलों के नेताओं ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि डीजल और पेट्रोल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी करके भाजपा सरकार जनता के जीवन पर हमला करने का आपराधिक कृत्य कर रही है.

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव डॉ. हीरा लाल यादव, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव, डॉ. गिरीश, माले लिबरेशन के राज्य सचिव सुधाकर यादव और ऑल इंडिया फारबर्ड ब्लॉक के राज्य संयोजक अभिनव कुशवाहा ने इसका जिम्मेदार भाजपा सरकार को ठहराया है.

73 वर्षों में पहली बार हुआ ऐसा
वामपंथी दलों के नेताओं का कहना है कि कोरोना महामारी की असहनीय मार से जनता पहले से ही त्राहि-त्राहि कर रही है. अब 73 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ जब डीजल का मूल्य पेट्रोल से भी ज्यादा हो गया है. इससे किसानों पर भयानक मुश्किलें आएंगी. आवश्यक वस्तुओं के दामों में भारी वृद्धि हो रही है. डीजल-पेट्रोल पर दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा 69 प्रतिशत टैक्स मोदी सरकार की तरफ से जनता से वसूला जा रहा है.

सरकार को भेजे जाएंगे ज्ञापन
वामपंथी दलों ने डीजल-पेट्रोल के दामों में हो रही लगातार वृद्धि के खिलाफ 29 जून को प्रदेश भर में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. दलों के नेताओं का कहना है कि जहां जैसी भी स्थिति होगी, विरोध प्रदर्शन की कार्रवाई की जाएगी. जिलाधिकारियों व स्थानीय अधिकारियों के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजे जाएंगे.

वामपंथी दलों का विरोध
बता दें कि केंद्र सरकार हो या फिर प्रदेश सरकार से जुड़ा कोई भी मामला. हर मुद्दे पर वामपंथी दल मुखर होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. चाहे 69000 शिक्षकों की भर्ती का मामला हो या फिर पशुधन घोटाला वामपंथी सड़क पर उतर चुके हैं. अब ये दल पेट्रोल और डीजल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की तैयारी में जुटे हैं.

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