लखनऊ: सीबीआई व प्रदूषण की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट यशा शर्मा ने गंगा नदी में फैक्ट्री का गंदा पानी प्रवाहित करने के मामले में कानपुर की मेसर्स चौधरी लेदर्स फिनिशर्स और इसके प्रोपराइटर को दोषी करार दिया. कोर्ट ने जल प्रदूषण निवारण व नियंत्रण अधिनियम की धारा 44 व 41 के तहत प्रोपराइटर राज चौधरी को दो साल की सजा सुनाई. अदालत ने फैक्ट्री पर दो लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
विशेष वकील एके चौबे के मुताबिक अभियुक्त राज चौधरी कानपुर के जार्जमऊ में मेसर्स चौधरी लेदर्स फिनिशर्स नाम से अपनी फैक्ट्री संचालित करता था. 27 जून, 2007 को इस फैक्टरी को बंद करने का आदेश जारी हुआ था. 9 अगस्त, 2007 को यूपी जल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक पर्यावरण अभियंता प्रखर कुमार ने फैक्ट्री का निरीक्षण किया था.
जांच में पाया गया कि गंगा प्रदूषण से संबधित आदेश का उल्लघंन करते हुए अभियुक्त अपनी फैक्टरी संचालित कर रहा था. इसकी वजह से फैक्ट्री का गंदा पानी गंगा में प्रवाहित हो रहा था और गंगा का जल प्रदूषित हो रहा था. 30 जनवरी, 2008 को यूपी जल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस मामले में फैक्ट्री और इसके प्रोपराइटर राज चौधरी के खिलाफ अदालत में परिवाद दर्ज कराया था. विशेष अदालत ने विचारण के पश्चात फैक्ट्री औऱ इसके मालिक को जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम की धारा 44 व 41 के तहत दोषी करार दिया.
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