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जानिये चाबी लेकर क्यों भाग खड़े हुये स्कूली वाहन चालक?

परिवहन विभाग लगातार स्कूल प्रबंधन और स्कूली वाहन चालकों से फिटनेस सर्टिफिकेट जारी होने के बाद ही बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने की अपील कर रहा है. फिर भी स्कूल प्रबंधन और स्कूली वाहन चालक मासूमों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. मंगलवार को चेकिंग अभियान के दौरान ऐसे ही स्कूली वाहनों को पकड़ा गया

अधिकारी अनीता वर्मा
अधिकारी अनीता वर्मा
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Published : Jul 19, 2022, 8:29 PM IST

लखनऊ : परिवहन विभाग लगातार स्कूल प्रबंधन और स्कूली वाहन चालकों से फिटनेस सर्टिफिकेट जारी होने के बाद ही बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने की अपील कर रहा है. फिर भी स्कूल प्रबंधन और स्कूली वाहन चालक मासूमों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. मंगलवार को चेकिंग अभियान के दौरान ऐसे ही स्कूली वाहनों को पकड़ा गया जो बिना फिटनेस के ही स्कूली बच्चों को ढो रहे थे. आरटीओ लखनऊ में तैनात यात्री कर अधिकारी अनीता वर्मा ने अपनी टीम के साथ चेकिंग कर दो वाहनों को सीज कर दिया और चार का चालान किया. सीज होने वाले वाहन चालक गाड़ी की चाबी लेकर ही भाग गए.



मंगलवार को यात्री कर अधिकारी अनीता वर्मा ने सड़क पर परिवहन विभाग के मानकों का उल्लंघन करने वाले स्कूली वाहन चालकों पर नकेल कसने के लिए चेकिंग अभियान चलाया. अपने साथ सिपाहियों की टीम लेकर मोहान रोड स्थित पारा में उन्होंने स्कूली वाहनों की चेकिंग की. जैसे ही यात्री कर अधिकारी अनीता वर्मा स्कूली वाहनों की चेकिंग करने पहुंचीं, तो ऐसे स्कूली वाहन जो नियमों की धज्जियां उड़ा कर बच्चों की जान से खिलवाड़ कर रहे थे उनमें हड़कंप मच गया. आनन-फानन में कुछ स्कूली वाहन चालक भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन टीम ने सक्रियता दिखाते हुए कुल छह स्कूली वाहनों को पकड़ लिया. इनमें से दो स्कूली वाहनों की फिटनेस ही नहीं थी जिसके चलते उन्हें सीज करने की कार्रवाई की गई. चार अन्य स्कूली वाहनों का चालान कर दिया गया.

जानकारी देतीं अधिकारी अनीता वर्मा

यात्री कर अधिकारी अनीता वर्मा ने बताया कि अभियान के दौरान सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक वाहनों में रॉड लगी होनी चाहिए, जीपीएस और कैमरे से लैस होने चाहिए. प्राथमिक उपचार के लिए वाहन के अंदर फर्स्ट एड बॉक्स होना चाहिए. स्कूली वाहन इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए गए हैं इसलिये कार्रवाई की गई है. लगातार स्कूली वाहनों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी. उन्होंने अनुरोध किया है कि स्कूल वाहन चालक और स्कूल प्रबंधन बच्चों की जान से खिलवाड़ न करें. वाहनों की फिटनेस कराने के बाद ही बच्चों को स्कूली वाहन में बिठाएं. जिससे कोई हादसा न होने पाए. गाजियाबाद में पिछले दिनों जो हादसा हुआ था वह काफी दर्दनाक था. उसकी पुनरावृत्ति न हो इसे लेकर अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की जा रही है.

ये भी पढ़ें : पीडब्ल्यूडी में अभियंताओं के स्थानांतरण में गड़बड़ी के जिम्मेदार प्रधान सहायक निलंबित

बता दें सोमवार को यात्री कर अधिकारी आभा त्रिपाठी ने भी परिवहन विभाग के नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूली वाहनों पर सख्त कार्रवाई की थी. उन्होंने चार स्कूली वाहनों को बंद करने की कार्रवाई की थी.

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लखनऊ : परिवहन विभाग लगातार स्कूल प्रबंधन और स्कूली वाहन चालकों से फिटनेस सर्टिफिकेट जारी होने के बाद ही बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने की अपील कर रहा है. फिर भी स्कूल प्रबंधन और स्कूली वाहन चालक मासूमों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. मंगलवार को चेकिंग अभियान के दौरान ऐसे ही स्कूली वाहनों को पकड़ा गया जो बिना फिटनेस के ही स्कूली बच्चों को ढो रहे थे. आरटीओ लखनऊ में तैनात यात्री कर अधिकारी अनीता वर्मा ने अपनी टीम के साथ चेकिंग कर दो वाहनों को सीज कर दिया और चार का चालान किया. सीज होने वाले वाहन चालक गाड़ी की चाबी लेकर ही भाग गए.



मंगलवार को यात्री कर अधिकारी अनीता वर्मा ने सड़क पर परिवहन विभाग के मानकों का उल्लंघन करने वाले स्कूली वाहन चालकों पर नकेल कसने के लिए चेकिंग अभियान चलाया. अपने साथ सिपाहियों की टीम लेकर मोहान रोड स्थित पारा में उन्होंने स्कूली वाहनों की चेकिंग की. जैसे ही यात्री कर अधिकारी अनीता वर्मा स्कूली वाहनों की चेकिंग करने पहुंचीं, तो ऐसे स्कूली वाहन जो नियमों की धज्जियां उड़ा कर बच्चों की जान से खिलवाड़ कर रहे थे उनमें हड़कंप मच गया. आनन-फानन में कुछ स्कूली वाहन चालक भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन टीम ने सक्रियता दिखाते हुए कुल छह स्कूली वाहनों को पकड़ लिया. इनमें से दो स्कूली वाहनों की फिटनेस ही नहीं थी जिसके चलते उन्हें सीज करने की कार्रवाई की गई. चार अन्य स्कूली वाहनों का चालान कर दिया गया.

जानकारी देतीं अधिकारी अनीता वर्मा

यात्री कर अधिकारी अनीता वर्मा ने बताया कि अभियान के दौरान सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक वाहनों में रॉड लगी होनी चाहिए, जीपीएस और कैमरे से लैस होने चाहिए. प्राथमिक उपचार के लिए वाहन के अंदर फर्स्ट एड बॉक्स होना चाहिए. स्कूली वाहन इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए गए हैं इसलिये कार्रवाई की गई है. लगातार स्कूली वाहनों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी. उन्होंने अनुरोध किया है कि स्कूल वाहन चालक और स्कूल प्रबंधन बच्चों की जान से खिलवाड़ न करें. वाहनों की फिटनेस कराने के बाद ही बच्चों को स्कूली वाहन में बिठाएं. जिससे कोई हादसा न होने पाए. गाजियाबाद में पिछले दिनों जो हादसा हुआ था वह काफी दर्दनाक था. उसकी पुनरावृत्ति न हो इसे लेकर अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की जा रही है.

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बता दें सोमवार को यात्री कर अधिकारी आभा त्रिपाठी ने भी परिवहन विभाग के नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूली वाहनों पर सख्त कार्रवाई की थी. उन्होंने चार स्कूली वाहनों को बंद करने की कार्रवाई की थी.

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