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लखनऊ: अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस पर कथक नर्तक शुभम ने दिया संदेश, गिनीज बुक में दर्ज करा चुके हैं नाम - guinness book of world records

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ निवासी और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराने वाले शुभम तिवारी ने अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस पर देशवासियों को संदेश दिया है.

kathak dancer shubham.
कथक नर्तक शुभम.
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Published : Apr 28, 2020, 8:43 PM IST

लखनऊ: हर साल 29 अप्रैल को विश्व भर में नृत्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की शुरुआत 29 अप्रैल 1982 से हुई थी. यूनेस्को के अंतरराष्ट्रीय थिएटर इंस्टिट्यूट की अंतरराष्ट्रीय डांस कमेटी ने इसे नृत्य दिवस के रूप में स्थापित किया था. इंटरनेशनल डांस डे जॉर्ज नावेरे नामक महान रिफॉर्मर के जन्म की याद में मनाया जाता है. पूरे विश्व में नृत्य दिवस को मनाने का उद्देश्य जनसाधारण के बीच की महत्ता के बारे में जागरूकता लाना था. इसी सिलसिले में ईटीवी भारत ने कथक नृत्य में महारत हासिल कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाने वाले शुभम तिवारी से खास बातचीत की.

जानकारी देते कथक नर्तक.

कथक नृत्य में शुभम ने विश्व भर में 1 मिनट के अंदर सबसे अधिक चक्कर लगाने का रिकॉर्ड बनाया है. इसी वजह से उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है. शुभम इसे लेकर खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं. शुभम कहते हैं कि मैंने यह रिकॉर्ड अपने गुरु जी और अपने परिवार के आशीर्वाद से ही अर्जित किया है और मैं हमेशा से ही उन्हें अपना प्रेरणास्रोत मानता रहा हूं. शुभम की मानें तो जबसे कथक को अपने करियर के रूप में शुरू किया है, तब से इन्हीं लोगों ने मुझे हमेशा सराहा है और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है.

शुभम अपने संघर्षों के बारे में बताते हैं कि इस रिकॉर्ड को दर्ज करने से पहले लगभग 1 साल से मैं इसका रियाज कर रहा हूं. मुझे याद है मेरे पैर कट जाते थे, डांस करते-करते मेरे पैरों में छाले पड़ जाते थे, लेकिन मेरी मां ने हमेशा उन पर मरहम लगाकर मुझे रियाज करने के लिए आगे बढ़ाया और अपने गुरु पंडित अनुज मिश्रा के सानिध्य में मैं बस आगे बढ़ता चला गया.

जानें शुभम ने क्या कहा-
शुभम कहते हैं कि एक लड़का होने के तौर पर जब मैंने कथक को करियर के रूप में शुरू किया तो लोगों से कई तरह के ताने सुनने को मिले कई तरह के सवालों का मुझे सामना करना पड़ा. कुछ लोगों ने मुझसे यह भी कहा कि यह लड़कियों की विधा है. लड़कों को इसमें नहीं जाना चाहिए या फिर मेरी भाव भंगिमाएं लड़कियों जैसी हो जाएंगी. उस वक्त मुझे लगता था कि मुझे इन सभी को जवाब देना चाहिए और मैं जवाब देकर रहूंगा.

इसे भी पढ़ें- सहारनपुर : MTV रोडीज व बिग बॉस सीजन-2 के विजेता ने लॉकडाउन में रचाई शादी

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज करवाने के लिए शुभम ने कई वीडियोज भेजे. वह कहते हैं कि मुझसे ज्यादा मुझे सिखाने वाले और मेरे आस-पास के लोगों को भरोसा था कि यह रिकॉर्ड में दर्ज कर सकता हूं और 2 दिन पहले मुझे पता चला कि मेरा नाम गिनीज बुक में दर्ज हो चुका है. अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस पर शुभम ने यह संदेश दिया कि कोई भी विधा किसी भी व्यक्ति के लिए हो सकती है. इसमें भेदभाव कहीं से भी सही नहीं है. इसी तरह नृत्य भी लड़का और लड़की दोनों के लिए ही समान है, इसलिए दोनों को ही समाज से एक एक जैसा प्रोत्साहन मिलना चाहिए.

लखनऊ: हर साल 29 अप्रैल को विश्व भर में नृत्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस की शुरुआत 29 अप्रैल 1982 से हुई थी. यूनेस्को के अंतरराष्ट्रीय थिएटर इंस्टिट्यूट की अंतरराष्ट्रीय डांस कमेटी ने इसे नृत्य दिवस के रूप में स्थापित किया था. इंटरनेशनल डांस डे जॉर्ज नावेरे नामक महान रिफॉर्मर के जन्म की याद में मनाया जाता है. पूरे विश्व में नृत्य दिवस को मनाने का उद्देश्य जनसाधारण के बीच की महत्ता के बारे में जागरूकता लाना था. इसी सिलसिले में ईटीवी भारत ने कथक नृत्य में महारत हासिल कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाने वाले शुभम तिवारी से खास बातचीत की.

जानकारी देते कथक नर्तक.

कथक नृत्य में शुभम ने विश्व भर में 1 मिनट के अंदर सबसे अधिक चक्कर लगाने का रिकॉर्ड बनाया है. इसी वजह से उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है. शुभम इसे लेकर खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं. शुभम कहते हैं कि मैंने यह रिकॉर्ड अपने गुरु जी और अपने परिवार के आशीर्वाद से ही अर्जित किया है और मैं हमेशा से ही उन्हें अपना प्रेरणास्रोत मानता रहा हूं. शुभम की मानें तो जबसे कथक को अपने करियर के रूप में शुरू किया है, तब से इन्हीं लोगों ने मुझे हमेशा सराहा है और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है.

शुभम अपने संघर्षों के बारे में बताते हैं कि इस रिकॉर्ड को दर्ज करने से पहले लगभग 1 साल से मैं इसका रियाज कर रहा हूं. मुझे याद है मेरे पैर कट जाते थे, डांस करते-करते मेरे पैरों में छाले पड़ जाते थे, लेकिन मेरी मां ने हमेशा उन पर मरहम लगाकर मुझे रियाज करने के लिए आगे बढ़ाया और अपने गुरु पंडित अनुज मिश्रा के सानिध्य में मैं बस आगे बढ़ता चला गया.

जानें शुभम ने क्या कहा-
शुभम कहते हैं कि एक लड़का होने के तौर पर जब मैंने कथक को करियर के रूप में शुरू किया तो लोगों से कई तरह के ताने सुनने को मिले कई तरह के सवालों का मुझे सामना करना पड़ा. कुछ लोगों ने मुझसे यह भी कहा कि यह लड़कियों की विधा है. लड़कों को इसमें नहीं जाना चाहिए या फिर मेरी भाव भंगिमाएं लड़कियों जैसी हो जाएंगी. उस वक्त मुझे लगता था कि मुझे इन सभी को जवाब देना चाहिए और मैं जवाब देकर रहूंगा.

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गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज करवाने के लिए शुभम ने कई वीडियोज भेजे. वह कहते हैं कि मुझसे ज्यादा मुझे सिखाने वाले और मेरे आस-पास के लोगों को भरोसा था कि यह रिकॉर्ड में दर्ज कर सकता हूं और 2 दिन पहले मुझे पता चला कि मेरा नाम गिनीज बुक में दर्ज हो चुका है. अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस पर शुभम ने यह संदेश दिया कि कोई भी विधा किसी भी व्यक्ति के लिए हो सकती है. इसमें भेदभाव कहीं से भी सही नहीं है. इसी तरह नृत्य भी लड़का और लड़की दोनों के लिए ही समान है, इसलिए दोनों को ही समाज से एक एक जैसा प्रोत्साहन मिलना चाहिए.

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