लखनऊ. नया कनेक्शन लेने पर उपभोक्ताओं से एस्टीमेट के नाम पर जमकर वसूली करने वाले अभियंताओं पर विभाग ने गाज गिरानी शुरू कर दी है. इसके पहले शिकार हुए हैं लखनऊ इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई एडमिनिस्ट्रेशन के दुबग्गा उपकेंद्र पर तैनात अवर अभियंता जितेंद्र मिश्रा. मंगलवार देर रात उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा (Energy Minister Arvind Kumar Sharma) के निर्देश पर अवर अभियंता को सस्पेंड कर दिया गया. बता दें कि उत्तर प्रदेश पावर काॅरपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने साफ तौर पर प्रदेश भर के अधिकारियों को हिदायत दी है कि एस्टीमेट के नाम पर जो भी वसूली की हो उनका पैसा उपभोक्ताओं को वापस किया जाए, साथ ही जो दोषी होंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
शहर के दुबग्गा विद्युत उपकेंद्र पर तैनात जेई जितेंद्र मिश्रा को मंगलवार को निलम्बित कर दिया गया. निलंबन के दौरान व परीक्षण खंड नवम से सम्बद्ध रहेंगे. जितेन्द्र पर आरोप है कि उन्होंने उपभोक्ताओं के एस्टीमेट बनाने में खूब धांधली की है. ऊर्जा मंत्री के निर्देश पर उन्हें निलम्बित किया गया है. बता दें कि उपभोक्ताओं से उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग की तरफ से जारी कॉस्ट डाटा बुक के बजाय एस्टीमेट बनाने के नाम पर बिजली विभाग के अधिकारियों ने स्टॉक इश्यू रेट के आधार पर पैसे की वसूली की. बिजली के हर उपकरण में 25 से लेकर 35 फीसद अतिरिक्त पैसा वसूला गया.
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नियामक आयोग ने पावर काॅरपोरेशन के चेयरमैन समेत सभी डिस्कॉम के एमडी को तलब भी किया है. यही वजह है ऊर्जा मंत्री के साथ ही पावर काॅरपोरेशन के अध्यक्ष भी बिजली विभाग के इंजीनियरों पर काफी खफा है. अब इंजीनियरों पर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.
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