लखनऊ: सपा-प्रसपा के बीच सीट्स का बंटवारा दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की संभावना के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपने चाचा को सिर्फ दो सीट देना चाहते हैं, वहीं प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव 100 सीट्स मांग रहे हैं.
विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन के अंतिम दौर में है. जल्द ही सीटों के बंटवारे पर मुहर लग जाएगी. सपा-प्रसपा गठबंधन अधर में दिख रहा है. अखिलेश यादव शिवपाल यादव में सीट बंटवारा नहीं हो पा रहा है. अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को मात्र 2 सीट देकर गठबंधन के साथी के रूप में जोड़ना चाहते हैं. शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी में अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का विलय करना चाहते हैं.
वहीं प्रसपा (Pragatisheel Samajwadi Party) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव 100 सीट्स मांग रहे हैं. अखिलेश यादव से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वह सिर्फ 2 सीट देकर उन्हें साथ लाने की बात कर रहे हैं. सपा-प्रसपा में सीट को लेकर विवाद का हल फिलहाल निकलता दिख नहीं रहा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि भतीजे अखिलेश की इस पेशकश पर शिवपाल सहमत होते हैं या नहीं.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव बार-बार अपने संबोधन और मीडिया से बातचीत में इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वह सिर्फ सम्मान चाहते हैं. लेकिन सूत्र बताते हैं कि वो सम्मान के साथ-साथ सीट्स की मांग भी कर रहे हैं. वो अपने समर्थकों को भी विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहते हैं. वहीं अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का तर्क है कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ जो कार्यकर्ता हैं, वो सपा के ही कार्यकर्ता हैं. ऐसे में अभी से अन्य कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए सीटें देने की बात नहीं होनी चाहिए. सिर्फ दो सीटें देकर ही गठबंधन या विलय की बात को आगे बढ़ाया जा रहा है.
इस पर शिवपाल सिंह यादव सहमत नजर नहीं आ रहे हैं. शिवपाल चाहते हैं वह अपनी पार्टी का विलय भी कर देंगे लेकिन उनका पूरा सम्मान और कार्यकर्ताओं का सम्मान हो, जिसके लिए शायद अखिलेश यादव अभी तैयार नजर नहीं आ रहे हैं. अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं से बातचीत में यह बात भी कही है कि प्रसपा के जो कार्यकर्ता है और वह बेहतर चुनाव लड़ने की स्थिति में होंगे, वह उन्हें भी चुनाव लड़ाएंगे. शुरुआती बातचीत में उन्हें सीटें देने को लेकर वह कोई आश्वासन नहीं दे सकते हैं. सूत्र बताते हैं कि गठबंधन या विलय पर सम्मानजनक बातचीत न होने की स्थिति में शिवपाल सिंह यादव अपनी अलग तैयारियों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं और आने वाले 10 दिनों में वह कोई बड़ा ऐलान भी कर सकते हैं.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दीपक मिश्र कहते हैं कि शिवपाल सिंह यादव सिर्फ सम्मान चाहते हैं. समाजवादी पार्टी कितनी सीट देना चाहती है, कितनी सीट नहीं देना चाहती है यह बात वही बता सकती है. हमारी कोशिश है कि समान विचारधारा वाले लोग एक साथ चुनाव लड़ें और अगर गठबंधन या विलय पर बातचीत आगे नहीं बढ़ती है, तो शिवपाल सिंह यादव अपनी तैयारियों को अपने स्तर से आगे बढ़ा रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी को सिर्फ प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ही हरा सकते हैं.
वहीं समाजवादी पार्टी प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने फोन पर कहा कि अखिलेश यादव जल्द ही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर फैसला करेंगे. समाजवादी पार्टी छोटे दलों को साथ लेकर भाजपा को हराने का काम करेगी और सरकार बनाएगी.
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