ETV Bharat / city

बाघ की मूंछ के बाल करते हैं सेंसर का काम : प्राणी उद्यान निदेशक - lucknow zoo director

लखनऊ प्राणि उद्यान में इस वक्त 13 बाघ मौजूद हैं. वहीं, पूरे भारत में कुल 2900 बाघ हैं. प्राणी उद्यान निदेशक ने लोगों से बाघ की सुरक्षा का संकल्प लेने की अपील की.

etv bharat
राष्ट्रीय पशु बाघ
author img

By

Published : Jul 30, 2022, 10:58 AM IST

लखनऊ : इंसानों की तुलना में जानवरों के पास देखने और सुनने के साथ ही चीजों को महसूस करने की क्षमता तेज होती है, जिससे वो अपने से काफी दूर की हलचल को भी आसानी से महसूस कर लेते हैं. ये बातें काफी लोगों को पता होंगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाघ की मूछें एक सेंसर की तरह काम करती हैं. जी हां, आपने सही समझा. शुक्रवार को नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में विश्व बाघ दिवस के मौके पर बाघों के प्रति जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. प्राणि उद्यान के निदेशक डॉ. वीके मिश्रा ने बताया कि बाघों की आंख की रेटिना के पीछे एक अतिरिक्त परत होती है. इसकी वजह से उनकी देखने की क्षमता मनुष्यों से कई गुना बढ़ जाती है. ये रात के अंधेरे में भी एकदम साफ देख सकते हैं. वहीं, इनकी मूंछ के बाल भी सेंसर का काम करते हैं.

प्राणी उद्यान निदेशक वीके मिश्र ने बताया कि पहली बार रूस के सेन्ट पीटर्सबर्ग में 29 जुलाई 2002 में विश्व में बाघों की संख्या कम होने पर चिंता व्यक्त की गई. इसी दिन यह निर्धारित किया गया कि 29 जुलाई को प्रत्येक साल विश्व बाघ दिवस के रूप में मनाया जाएगा. आज पूरे विश्व में 3900 बाघ हैं. इनमें से करीब 2900 बाघ भारत में पाये जाते हैं. निदेशक ने बाघों की सुरक्षा एवं संरक्षण को लेकर कार्यशाला में मौजूद स्कूली छात्र-छात्राओं और आम लोगों से संकल्प लेने की अपील की.

ये भी पढ़े- एक कॉल पर आएगी एंबुलेंस, अस्पताल में तुरंत शुरू होगा इलाज: CM

प्राणि उद्यान के क्षेत्राधिकारी पियूश मोहन श्रीवास्तव ने इस मौके पर बताया कि प्राणि उद्यान में रह रहे बाघों की उम्र जंगल के बाघों की तुलना में अधिक होती है. बाघों की गणना दो प्रकार से की जाती है. पहली बाघों के पगचिह्नों द्वारा और दूसरी थर्मोसेन्सर कैमरे द्वारा. ये शिकार करते समय हवा के रुख का भी ध्यान रखते हैं. बाघ करीब 16 घंटे की नींद लेते हैं.

विश्व बाघ दिवस के मौके पर शुक्रवार नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में आयोजित कार्यशाला में ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. इसमें विभिन्न स्कूलों के लगभग 50 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया. इस मौके पर डॉ. उत्कर्ष शुक्ला उप निदेशक प्राणि उद्यान लखनऊ, डॉ. अशोक कश्यप पशु चिकित्सक प्राणि उद्यान लखनऊ, डॉ. बृजेन्द्र मणि यादव पशु चिकित्सक प्राणि उद्यान लखनऊ, पीयूश मोहन श्रीवास्तव क्षेत्रीय वनाधिकारी प्राणि उद्यान लखनऊ, नीना कुमार शिक्षाधिकारी प्राणि उद्यान लखनऊ और प्राणि उद्यान के कर्मचारी और विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे.

ड्राइंग प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागी

  • ऋतु यादव- प्रथम स्थान, एमेकस एकेडमी, लखनऊ कक्षा-8
  • संस्कृति सोनकर- द्वितीय स्थान, हार्नर कालेज, लखनऊ कक्षा-11
  • अंजली कष्यप- तृतीय स्थान, अवध एकेडमी, लखनऊ कक्षा-10
  • नमिता विष्वकर्मा- सांत्वना, एमेकस एकेडमी, लखनऊ कक्षा-8
  • अदिति गुप्ता- सांत्वना, टी.डी.गर्ल्स इण्टर कालेज, कक्षा-12

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ : इंसानों की तुलना में जानवरों के पास देखने और सुनने के साथ ही चीजों को महसूस करने की क्षमता तेज होती है, जिससे वो अपने से काफी दूर की हलचल को भी आसानी से महसूस कर लेते हैं. ये बातें काफी लोगों को पता होंगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाघ की मूछें एक सेंसर की तरह काम करती हैं. जी हां, आपने सही समझा. शुक्रवार को नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में विश्व बाघ दिवस के मौके पर बाघों के प्रति जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया. प्राणि उद्यान के निदेशक डॉ. वीके मिश्रा ने बताया कि बाघों की आंख की रेटिना के पीछे एक अतिरिक्त परत होती है. इसकी वजह से उनकी देखने की क्षमता मनुष्यों से कई गुना बढ़ जाती है. ये रात के अंधेरे में भी एकदम साफ देख सकते हैं. वहीं, इनकी मूंछ के बाल भी सेंसर का काम करते हैं.

प्राणी उद्यान निदेशक वीके मिश्र ने बताया कि पहली बार रूस के सेन्ट पीटर्सबर्ग में 29 जुलाई 2002 में विश्व में बाघों की संख्या कम होने पर चिंता व्यक्त की गई. इसी दिन यह निर्धारित किया गया कि 29 जुलाई को प्रत्येक साल विश्व बाघ दिवस के रूप में मनाया जाएगा. आज पूरे विश्व में 3900 बाघ हैं. इनमें से करीब 2900 बाघ भारत में पाये जाते हैं. निदेशक ने बाघों की सुरक्षा एवं संरक्षण को लेकर कार्यशाला में मौजूद स्कूली छात्र-छात्राओं और आम लोगों से संकल्प लेने की अपील की.

ये भी पढ़े- एक कॉल पर आएगी एंबुलेंस, अस्पताल में तुरंत शुरू होगा इलाज: CM

प्राणि उद्यान के क्षेत्राधिकारी पियूश मोहन श्रीवास्तव ने इस मौके पर बताया कि प्राणि उद्यान में रह रहे बाघों की उम्र जंगल के बाघों की तुलना में अधिक होती है. बाघों की गणना दो प्रकार से की जाती है. पहली बाघों के पगचिह्नों द्वारा और दूसरी थर्मोसेन्सर कैमरे द्वारा. ये शिकार करते समय हवा के रुख का भी ध्यान रखते हैं. बाघ करीब 16 घंटे की नींद लेते हैं.

विश्व बाघ दिवस के मौके पर शुक्रवार नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में आयोजित कार्यशाला में ड्राइंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. इसमें विभिन्न स्कूलों के लगभग 50 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया. इस मौके पर डॉ. उत्कर्ष शुक्ला उप निदेशक प्राणि उद्यान लखनऊ, डॉ. अशोक कश्यप पशु चिकित्सक प्राणि उद्यान लखनऊ, डॉ. बृजेन्द्र मणि यादव पशु चिकित्सक प्राणि उद्यान लखनऊ, पीयूश मोहन श्रीवास्तव क्षेत्रीय वनाधिकारी प्राणि उद्यान लखनऊ, नीना कुमार शिक्षाधिकारी प्राणि उद्यान लखनऊ और प्राणि उद्यान के कर्मचारी और विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे.

ड्राइंग प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागी

  • ऋतु यादव- प्रथम स्थान, एमेकस एकेडमी, लखनऊ कक्षा-8
  • संस्कृति सोनकर- द्वितीय स्थान, हार्नर कालेज, लखनऊ कक्षा-11
  • अंजली कष्यप- तृतीय स्थान, अवध एकेडमी, लखनऊ कक्षा-10
  • नमिता विष्वकर्मा- सांत्वना, एमेकस एकेडमी, लखनऊ कक्षा-8
  • अदिति गुप्ता- सांत्वना, टी.डी.गर्ल्स इण्टर कालेज, कक्षा-12

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.