लखनऊ : उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में तबादलों को लेकर गड़बड़ियां हुईं. जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शासन स्तर से गठित उच्च स्तरीय जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है. शासन के उच्च स्तरीय सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) अमित मोहन प्रसाद और लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता विभागाध्यक्ष मनोज गुप्ता को सैद्धांतिक रूप से दोषी मानते हुए कार्रवाई की संस्तुति की गई है. समझा जा रहा है कि एक दो दिन में इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री ठोस निर्णय लेंगे और जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच कमेटी को 2 दिन में अपनी रिपोर्ट सबमिट करने को कहा था. जांच रिपोर्ट शुक्रवार को मुख्यमंत्री के सामने पेश की जाएगी.
गत दिनों तबादलों की अंतिम तिथि बीतने के बाद उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने तबादलों में गड़बड़ियों की शिकायत मिलने पर अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद से रिपोर्ट तलब की थी, लेकिन उन्होंने उप मुख्यमंत्री के पत्र को ही नजरअंदाज कर दिया. प्रधानमंत्री कार्यालय व भाजपा नेतृत्व सहित उच्च स्तर पर इस मामले में सख्त रुख अख्तियार किए जाने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय से तीन अधिकारियों की जांच कमेटी गठित की गई. इस कमेटी में प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवनीश अवस्थी और अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी को सदस्य बनाया गया था.
शासन के उच्च स्तरीय सूत्रों का कहना है कि इस कमेटी ने 2 दिनों की गहन छानबीन और दस्तावेजों की पड़ताल के बाद यह पाया है कि तबादलों में गड़बड़ियां की गई हैं. कई ऐसे लोगों को स्थानांतरित कर दिया गया जो तबादला नीति में नहीं आते थे. इसके अलावा निर्धारित समय से पूर्व तबादले किए गए. कुछ ऐसे तबादले भी कर दिए गए जो अधिकारी रिटायरमेंट की दहलीज पर खड़े थे. इन सभी गड़बड़ियों की जिम्मेदारी अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद पर डाली गई है. इसी तरह दूसरी जांच समिति पीडब्ल्यूडी में तबादलों को लेकर गठित की गई थी. जिसमें कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय भूसरेड्डी, ACS नियुक्ति देवेश चतुर्वेदी को शामिल किया गया था. जांच में पाया गया कि तबादलों में व्यापक भ्रष्टाचार किया गया है. प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी नरेंद्र भूषण से राय मशवरा भी नहीं किया गया. उन्हें तबादलों की सूची से दूर रखा गया. विभागाध्यक्ष पीडब्ल्यूडी ने अपने स्तर से सारे तबादले किए. इन सारी गड़बड़ियों के लिए विभागाध्यक्ष मनोज गुप्ता को जिम्मेदार माना गया है.
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सूत्रों का कहना है कि जांच रिपोर्ट से मुख्यमंत्री को मौखिक रूप पर अवगत कराया गया है. शुक्रवार सुबह जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने पेश की जाएगी. इसके बाद दोषी पाए गए अधिकारियों पर कठोर कार्यवाही किए जाने की संभावना है. माना जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष मनोज गुप्ता का कार्यकाल सितंबर में पूरा हो रहा है. ऐसे में उनके प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार सीज किए जा सकते हैं. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद का तबादला किया जा सकता है और उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि भी दी जा सकती है. इसके अलावा अन्य अफसरों पर भी कार्रवाई की जा सकती है.
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