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पैंतीस हजार युवाओं को दिया जाएगा औद्योगिक प्रशिक्षण - yogi adityanath government

प्रदेश सरकार की योगी आदित्यनाथ सरकार (yogi adityanath government) ने अगले दो वर्ष में राजकीय संस्थाओं को और बेहतर करने का खाका तैयार किया है. मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (सीएमएपीएस) के तहत 35 हजार युवाओं को उद्योगों एवं एमएसएमई में प्रशिक्षित कराया जाएगा.

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Published : Sep 23, 2022, 3:01 PM IST

लखनऊ : प्रदेश सरकार की योगी आदित्यनाथ सरकार (yogi adityanath government) ने अगले दो वर्ष में राजकीय संस्थाओं को और बेहतर करने का खाका तैयार किया है. सरकार की कार्ययोजना के मुताबिक सभी राजकीय आईटीआई में स्मार्ट रूम तैयार किए जाएंगे. साथ ही सभी ट्रेड के पाठ्यक्रमों का डिजिटल कांटेक्ट उपलब्ध कराया जाएगा. मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (सीएमएपीएस) के तहत 35 हजार युवाओं को उद्योगों एवं एमएसएमई में प्रशिक्षित कराया जाएगा. साथ ही सरकार असेवित विकास खंडों में आईटीआई-एसडीएस खोलेगी. शासन के उच्चस्तरीय सूत्रों ने यह जानकारी दी है.


प्रदेश के आर्थिक विकास में तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं की अहमियत को देखते हुए योगी सरकार का व्यावसायिक शिक्षा पर खासा जोर है. इनमें आईटीआई प्रशिक्षुओं की भूमिका को देखते हुए सरकार ने इन संस्थानों में नवाचार और बदलाव के साथ ही विस्तार भी किया है. आधारभूत ढांचे में व्यापक सुधार और नए ट्रेड के प्रशिक्षण का ही नतीजा है कि दो लाख 20 हजार प्रशिक्षुओं का प्रतिष्ठित कंपनियों में सेवायोजन हुआ है. पहली बार प्रशिक्षण के लिए आने वाले लोगों की संख्या में 30213 की बढ़ोतरी हुई है.


तकनीकी के बदलते दौर में सेवायोजन और रोजगार की संभावनाओं के नए द्वार खोलने के लिए सरकार ने टाटा ग्रुप और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के सहयोग से 50 राजकीय आईटीआई का उच्चीकरण शुरू कर दिया है. इसके अलावा सरकार राजकीय आईटीआई संस्थानों का लगातार विस्तार कर रही है. पांच वर्ष में 44 नए राजकीय आईटीआई खोले गए हैं और सीटों की संख्या में 46412 की वृद्धि की गई है. लिहाजा दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ रही है.

यह भी पढ़ें : छापेमारी के विरोध में PFI के बंदी के ऐलान पर यूपी में एलर्ट जारी

आईटीआई शिक्षा को प्रोत्साहित और प्रशिक्षुओं के बेहतर प्लेसमेंट के लिए नई नीति लागू करने जा रही है. इसके अलावा नौकरी और रोजगार के और अधिक अवसर की संभावनाओं को देखते हुए ड्रोन, आईओटी और सोलर में प्रशिक्षण के लिए प्रवेश किए जाएंगे. पांच लाइट हाउस आईटीआई बनाए जाएंगे. यह संस्थान अन्य संस्थाओं के लिए बेंचमार्क इंस्टीट्यूट होंगे, जबकि आठ राजकीय आईटीआई पीपीपी मॉडल से खोले जाएंगे. इसके लिए निजी क्षेत्रों से करार किया जाएगा.

लखनऊ : प्रदेश सरकार की योगी आदित्यनाथ सरकार (yogi adityanath government) ने अगले दो वर्ष में राजकीय संस्थाओं को और बेहतर करने का खाका तैयार किया है. सरकार की कार्ययोजना के मुताबिक सभी राजकीय आईटीआई में स्मार्ट रूम तैयार किए जाएंगे. साथ ही सभी ट्रेड के पाठ्यक्रमों का डिजिटल कांटेक्ट उपलब्ध कराया जाएगा. मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (सीएमएपीएस) के तहत 35 हजार युवाओं को उद्योगों एवं एमएसएमई में प्रशिक्षित कराया जाएगा. साथ ही सरकार असेवित विकास खंडों में आईटीआई-एसडीएस खोलेगी. शासन के उच्चस्तरीय सूत्रों ने यह जानकारी दी है.


प्रदेश के आर्थिक विकास में तकनीकी रूप से दक्ष युवाओं की अहमियत को देखते हुए योगी सरकार का व्यावसायिक शिक्षा पर खासा जोर है. इनमें आईटीआई प्रशिक्षुओं की भूमिका को देखते हुए सरकार ने इन संस्थानों में नवाचार और बदलाव के साथ ही विस्तार भी किया है. आधारभूत ढांचे में व्यापक सुधार और नए ट्रेड के प्रशिक्षण का ही नतीजा है कि दो लाख 20 हजार प्रशिक्षुओं का प्रतिष्ठित कंपनियों में सेवायोजन हुआ है. पहली बार प्रशिक्षण के लिए आने वाले लोगों की संख्या में 30213 की बढ़ोतरी हुई है.


तकनीकी के बदलते दौर में सेवायोजन और रोजगार की संभावनाओं के नए द्वार खोलने के लिए सरकार ने टाटा ग्रुप और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के सहयोग से 50 राजकीय आईटीआई का उच्चीकरण शुरू कर दिया है. इसके अलावा सरकार राजकीय आईटीआई संस्थानों का लगातार विस्तार कर रही है. पांच वर्ष में 44 नए राजकीय आईटीआई खोले गए हैं और सीटों की संख्या में 46412 की वृद्धि की गई है. लिहाजा दाखिला लेने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ रही है.

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आईटीआई शिक्षा को प्रोत्साहित और प्रशिक्षुओं के बेहतर प्लेसमेंट के लिए नई नीति लागू करने जा रही है. इसके अलावा नौकरी और रोजगार के और अधिक अवसर की संभावनाओं को देखते हुए ड्रोन, आईओटी और सोलर में प्रशिक्षण के लिए प्रवेश किए जाएंगे. पांच लाइट हाउस आईटीआई बनाए जाएंगे. यह संस्थान अन्य संस्थाओं के लिए बेंचमार्क इंस्टीट्यूट होंगे, जबकि आठ राजकीय आईटीआई पीपीपी मॉडल से खोले जाएंगे. इसके लिए निजी क्षेत्रों से करार किया जाएगा.

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