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भारत और कजाकिस्तान की सेनाओं के बीच काजिंद-2019 संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू

भारत और कजाकिस्तान के बीच 3 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक होने वाले संयुक्त युद्धाभ्यास 'काजिंद-2019' का गुरुवार से आगाज हो गया. दोनों देशों की सेनाएं उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में यह संयुक्त युद्धाभ्यास कर रही हैं.

भारत और कजाकिस्तान की सेनाओं के बीच काजिंद-2019 संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू.
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Published : Oct 4, 2019, 4:14 PM IST

लखनऊः भारत और कजाकिस्तान की सेनाएं उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में संयुक्त युद्धाभ्यास कर रही हैं. दोनों देश की सेनाओं के बीच युद्धाभ्यास का ये चौथा संस्करण है. 72 घण्टों के सैन्य युद्धाभ्यास के साथ 15 अक्टूबर को यह संपन्न होगा.

भारत और कजाकिस्तान की सेनाओं के बीच काजिंद-2019 संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू.

मध्य कमान की जनसंपर्क अधिकारी गार्गी मलिक सिन्हा ने बताया कि आज से पिथौरागढ़ में दोनों देशों के बीच शुरू हुए सैन्य युद्धाभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं की टुकड़ियां ज्वाइंट एक्सरसाइज कर रही हैं. इस दौरान वे विभिन्न सैन्य ऑपरेशन और आतंकवाद विरोधी जवाबी कार्रवाई के अनुभवों को एक-दूसरे से साझा कर रहे हैं.

पढ़ेंः-लखनऊ: कांग्रेस के फैसले के विरुद्ध जाकर विधायक अदिति सिंह ने सदन की कार्यवाही में लिया हिस्सा

यह वार्षिक कार्यक्रम है, जो दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है. पूर्व में भी इस तरह के सैन्य अभ्यास आयोजित किए गए हैं. कजाकिस्तान के साथ आयोजित होने वाला यह सैन्य अभ्यास वैश्विक आतंकवाद के बदलते परिवेश में एक महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास है. इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन को अंजाम देना है.

पीआरओ गार्गी मलिक सिन्हा ने बताया कि सैन्य अभ्यास के दौरान वैश्विक आतंकवाद और युद्ध के उभरते रुझानों के विभिन्न पहलुओं को वर्तमान समय के साथ-साथ वैश्विक परिदृश्य में समकालीन प्रभावों के कारण भी शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों के बीच आपसी रक्षा सहयोग को बढ़ाने के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी.

लखनऊः भारत और कजाकिस्तान की सेनाएं उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में संयुक्त युद्धाभ्यास कर रही हैं. दोनों देश की सेनाओं के बीच युद्धाभ्यास का ये चौथा संस्करण है. 72 घण्टों के सैन्य युद्धाभ्यास के साथ 15 अक्टूबर को यह संपन्न होगा.

भारत और कजाकिस्तान की सेनाओं के बीच काजिंद-2019 संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू.

मध्य कमान की जनसंपर्क अधिकारी गार्गी मलिक सिन्हा ने बताया कि आज से पिथौरागढ़ में दोनों देशों के बीच शुरू हुए सैन्य युद्धाभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं की टुकड़ियां ज्वाइंट एक्सरसाइज कर रही हैं. इस दौरान वे विभिन्न सैन्य ऑपरेशन और आतंकवाद विरोधी जवाबी कार्रवाई के अनुभवों को एक-दूसरे से साझा कर रहे हैं.

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यह वार्षिक कार्यक्रम है, जो दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है. पूर्व में भी इस तरह के सैन्य अभ्यास आयोजित किए गए हैं. कजाकिस्तान के साथ आयोजित होने वाला यह सैन्य अभ्यास वैश्विक आतंकवाद के बदलते परिवेश में एक महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास है. इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन को अंजाम देना है.

पीआरओ गार्गी मलिक सिन्हा ने बताया कि सैन्य अभ्यास के दौरान वैश्विक आतंकवाद और युद्ध के उभरते रुझानों के विभिन्न पहलुओं को वर्तमान समय के साथ-साथ वैश्विक परिदृश्य में समकालीन प्रभावों के कारण भी शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों के बीच आपसी रक्षा सहयोग को बढ़ाने के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी.

Intro:आतंकवादियों की आएगी शामत, हिंदुस्तान-कजाकिस्तान की सेनाओं ने शुरू की जॉइंट एक्सरसाइज


लखनऊ। भारत और कजाकिस्तान के बीच 3 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक होने वाले संयुक्त युद्धाभ्यास काजिंद 2019 का आज से आगाज हो गया। दोनों देशों की सेनाएं पिथौरागढ़ में यह संयुक्त युद्धाभ्यास कर रही हैं। दोनों देश की सेनाओं के बीच युद्धाभ्यास का ये चौथा संस्करण है। 72 घण्टों के सैन्य अभ्यास और आतंकियों के संचालन में जवानों के बेहतर प्रदर्शन के साथ 15 अक्टूबर को संपन्न होगा। 13 दिन तक हिंदुस्तान और कजाकिस्तान की सेनाएं अभ्यास करेंगी, जिससे दोनों देशों के जवानों को बहुत सीखने को मिलेगा।



Body:मध्य कमान की जनसंपर्क अधिकारी गार्गी मालिक सिन्हा ने बताया कि आज से पिथौरागढ़ में दोनों देशों के बीच शुरू हुए सैन्य युद्धाभ्यास में दोनों देशों की सेनाओं की टुकड़ियां जॉइंट एक्सरसाइज कर रही हैं। इस दौरान वे विभिन्न सैन्य ऑपरेशन और आतंकवाद विरोधी जवाबी कार्रवाई के अनुभवों को एक-दूसरे से साझा कर रहे हैं। यह एक वार्षिक कार्यक्रम है जो दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। पूर्व में भी इस तरह के सैन्य अभ्यास आयोजित किए गए हैं। कजाकिस्तान के साथ आयोजित होने वाला यह सैन्य अभ्यास वैश्विक आतंकवाद के बदलते परिवेश में एक महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास है। इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन को अंजाम देना है।Conclusion:पीआरओ गार्गी मलिक सिन्हा ने बताया कि सैन्य अभ्यास के दौरान वैश्विक आतंकवाद और युद्ध के उभरते रुझानों के विभिन्न पहलुओं को वर्तमान समय के साथ-साथ वैश्विक परिदृश्य में समकालीन प्रभावों के कारण भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि इस संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों के बीच आपसी रक्षा सहयोग को बढ़ाने के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलेगी।

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