लखनऊ: यूपी में सितंबर महीने में एक बार फिर बिजली संकट दिखने लगा है, जिसकी वजह से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में दो घंटे, तहसील में डेढ घंटे और नगर पंचायत में भी डेढ घंटे तक बिजली कटौती (Increased power cuts in UP) शुरू हो गई.
ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग दो घंटा 19 मिनट बिजली की कटौती (Increased power cuts in UP) हुई और तहसील में लगभग डेढ घंटे की कटौती हुई. बुंदेलखंड में भी करीब दो घंटे की बिजली कटौती शुरू हो गई है. रात्रिकालीन कटौती भी शुरू हो गई.
यूपी में बिजली की मांग (Electricity demand in UP) दो दिन पहले लगभग 25,537 मेगावाट तक पहुंच गई थी. वहीं, बीते शनिवार की बात करें तो वह घटकर लगभग 23,513 मेगावाट रही. आने वाले समय में बिजली की डिमांड और बढ़ेगी. ऐसे में पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन (UP Power Corporation Management) को बिजली की उपलब्धता बढ़ाने के लिए हर स्तर पर प्रयास करना होगा, क्योंकि इस समय पावर एक्सचेंज पर पूरे देश में बिजली संकट की शुरुआत होने की वजह से बिजली बेचने वालों की संख्या कम है और बिजली खरीदने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है, जिसकी वजह से पावर एक्सचेंज सभी राज्यों को 8 से 10 फीसदी के हिसाब से बंटवारा कर देता है. टांडा की भी 110 मेगावाट की एक इकाई जो बंद थी, वह शुरू हो गई है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में लगभग 770 मेगावाट बिजली की उपलब्धता में बढ़ोतरी होगी. इससे काफी हद तक ग्रामीण और तहसील स्तर पर बिजली कटौती में कमी आएगी.
पढें- मथुरा में युवक के सोशल मीडिया अकाउंट से पोस्ट, एक घंटे का CM बनाने की मांग
राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि, वर्तमान में पावर एक्सचेंज के भरोसे रहना उचित नहीं होगा. सबसे ज्यादा आवश्यक होगा कि, जो हमारी मशीनें बंद हैं उन्हें चालू कराने की दिशा में प्रयास करना होगा. हरदुआगंज और ललितपुर की जो इकाइयां बंद है उन्हें चालू करके बेहतर परिणाम मिल सकता है, क्योंकि उन इकाइयों की कैपेसिटी ज्यादा है. वर्तमान में सितंबर महीने में जब डिमांड (Electricity demand in UP) बढ़ेगी. इसी बीच एक बार फिर उपभोक्ता परिषद ने पावर कॉरपरेशन प्रबंधन (UP Power Corporation Management) से काफी लंबे समय से बंद पड़ी अनपरा -डी उन्नाव ट्रांसमिशन की 765 केवी लाइन को तत्काल चालू कराने की मांग की है.
पढें- लेखपाल को घुस लेते एन्टी करप्शन की टीम ने रंगे हाथ पकड़ा, भेजा जेल