लखनऊ : हज़रतगंज स्थित होटल लेवाना (Hotel Levana) सुइट्स में आग लगने से हुई चार लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने के मामले में ग़ैर इरादतन हत्या करने समेत तमाम आरोपों में गिरफ़्तार किए गए होटल मालिक रोहित अग्रवाल, राहुल अग्रवाल और मैनेजर सागर श्रीवास्तव की ओर से दी गई अलग-अलग जमानत अर्जियों को एडीजे गौरव कुमार ने खारिज कर दिया है.
कोर्ट ने जमानत अर्जियों को खारिज करते हुए कहा है कि होटल का निर्माण रिहायशी प्लाट पर कराकर व्यावसायिक उपयोग किया गया है. हालांकि एलडीए ने सशर्त अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया है, लेकिन आरोपियों ने शर्तों को पूरा नहीं किया. इसी तरह अग्निशमन विभाग ने भी सशर्त अनापत्ति दी, लेकिन आरोपियों ने शर्तों के अनुसार अग्निशमन संयंत्र, आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा मानकों के अनुसार व्यवस्थित नहीं किया, जिससे इस भीषण आग से आसपास के घरों में आग लगने की भी सम्भावना थी. कोर्ट ने अपने आदेश में विवेचक की विवेचना पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि विवेचक प्राधिकरण व अन्य विभागों के उन अधिकारियों के दायित्व को तय करने में असफल रहा जो आरोपियों के कृत्यों के प्रति अपनी आंखें बंद किये रहे.
कोर्ट में अभियोजन की ओर से कहा गया कि आरोपी नियमों को धता बताकर, बिना फ़ायर सेफ़्टी की उचित व्यवस्था किए और बिना आकस्मिक निकासी व प्रवेश की व्यवस्था किए होटल का संचालन कर रहे थे, जिससे स्पष्ट है कि आरोपियों को पता था कि उनकी इस हरकत से कोई घटना हो सकती है. अभियोजन की ओर से बताया गया कि मामले की रिपोर्ट हज़रतगंज के एसएसआइ दयाशंकर द्विवेदी ने 5 सितम्बर को दर्ज कराकर बताया था कि प्रातः सात बजे होटल लेवाना सुइट्स में आग लग गई. पुलिसकर्मी, फ़ायर फाइटर और एसडीआरएफ की काफ़ी मशक्कत के बाद आग पर क़ाबू पाया गया. इस घटना में चार व्यक्तियों के झुलसने और दम घुटने से मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए. इस रिपोर्ट में बताया गया कि होटल मालिक और मैनेजर ने होटल में फ़ायर सेफ़्टी की कोई व्यवस्था नहीं की थी, वहीं होटल से आकस्मिक निकलने और प्रवेश की कोई व्यवस्था नहीं थी.
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