ETV Bharat / city

युवक को अवैध हिरासत में रखने के मामले में हाईकोर्ट सख्त, मांगी रिपोर्ट - ईटीवी भारत यूपी न्यूज

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने युवक को अवैध हिरासत में रखने के मामले में सख्ती दिखाते हुए एसपी को दस दिनों में जांच कर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा.

etv bharat
हाईकोर्ट सख्त, मांगी रिपोर्ट
author img

By

Published : Jun 24, 2022, 10:53 PM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक युवक को थाने में बिना लिखा-पढी के अवैध तरीके से हिरासत में रखने के मामले में सख्त रुख अपनाया. हाईकोर्ट बेंच ने पुलिस अधीक्षक, सीतापुर को दस दिनों में जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है. मामले में सीतापुर पुलिस पर 17 दिनों तक एक युवक को अवैध हिरासत में रखने का आरोप है. मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी.


यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां की अवकाशकालीन पीठ ने युवक रामू की मां रेखा देवी की ओर से भेजे गए पत्र को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के तौर पर सुनवाई करते हुए दिया. सीतापुर जनपद के सकरन थाने में युवक के खिलाफ एक लड़की को भगाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

वहीं, युवक व लड़की ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी. जिसमें हाईकोर्ट ने 25 मई को पुलिस को आदेश दिया था कि यदि लड़की बालिग है और एफआईआर के तथ्यों का समर्थन नहीं करती. तो युवक को गिरफ्तार न किया जाए. उक्त आदेश की प्रति देने गए युवक व लड़की को 30 मई को पुलिस ने थाने में ही रोक लिया. लड़की ने पुलिस व मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में अपने मर्जी से युवक से शादी की बात कही. मेडिकल कराए जाने पर लड़की की उम्र भी 17 से 19 वर्ष के बीच मिली.हालांकि, कक्षा आठ के शैक्षिक दस्तावेज में उसकी उम्र 16 वर्ष ही पाई गई.

यह भी पढ़ें:बुजुर्ग महिला से दुष्कर्म करने वाले दो दोषियों को आजीवन कारावास


आरोप है कि पुलिस बिना किसी लिखा-पढी के युवक को थाने में बैठाए रही और 17 जून को छोड़ दिया. न्यायालय के आदेश पर हाजिर हुए मामले के विवेचक प्रदीप पांडेय ने स्वीकार किया कि युवक को थाने में बैठाया गया था. हालांकि उसने कहा कि एक या दो दिन बाद युवक थाने से चला गया था. उसने यह भी माना कि युवक को इस संदर्भ में जीडी एंट्री नहीं की गई थी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक युवक को थाने में बिना लिखा-पढी के अवैध तरीके से हिरासत में रखने के मामले में सख्त रुख अपनाया. हाईकोर्ट बेंच ने पुलिस अधीक्षक, सीतापुर को दस दिनों में जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है. मामले में सीतापुर पुलिस पर 17 दिनों तक एक युवक को अवैध हिरासत में रखने का आरोप है. मामले की अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी.


यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति सैयद वैज मियां की अवकाशकालीन पीठ ने युवक रामू की मां रेखा देवी की ओर से भेजे गए पत्र को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के तौर पर सुनवाई करते हुए दिया. सीतापुर जनपद के सकरन थाने में युवक के खिलाफ एक लड़की को भगाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई थी.

वहीं, युवक व लड़की ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी. जिसमें हाईकोर्ट ने 25 मई को पुलिस को आदेश दिया था कि यदि लड़की बालिग है और एफआईआर के तथ्यों का समर्थन नहीं करती. तो युवक को गिरफ्तार न किया जाए. उक्त आदेश की प्रति देने गए युवक व लड़की को 30 मई को पुलिस ने थाने में ही रोक लिया. लड़की ने पुलिस व मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में अपने मर्जी से युवक से शादी की बात कही. मेडिकल कराए जाने पर लड़की की उम्र भी 17 से 19 वर्ष के बीच मिली.हालांकि, कक्षा आठ के शैक्षिक दस्तावेज में उसकी उम्र 16 वर्ष ही पाई गई.

यह भी पढ़ें:बुजुर्ग महिला से दुष्कर्म करने वाले दो दोषियों को आजीवन कारावास


आरोप है कि पुलिस बिना किसी लिखा-पढी के युवक को थाने में बैठाए रही और 17 जून को छोड़ दिया. न्यायालय के आदेश पर हाजिर हुए मामले के विवेचक प्रदीप पांडेय ने स्वीकार किया कि युवक को थाने में बैठाया गया था. हालांकि उसने कहा कि एक या दो दिन बाद युवक थाने से चला गया था. उसने यह भी माना कि युवक को इस संदर्भ में जीडी एंट्री नहीं की गई थी.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.