लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद और उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में नए सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति (High Court appointed government lawyers) की है. शासकीय मामलों के निस्तारण को लेकर यह तैनाती हुई है. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल (Governor Anandi Ben Patel) की मंजूरी के बाद उच्च न्यायालय प्रयागराज और उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में सरकारी वकीलों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. भारतीय जनता पार्टी से जुड़े अधिवक्ताओं को उच्च न्यायालय में सरकारी वकील के रूप में भी तैनाती प्रदान की गई है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट में कार्यरत एक अपर महाधिवक्ता सहित 836 राज्य विधि अधिकारियों की आबद्धता समाप्त कर दी गई है. इसके साथ ही प्रयागराज प्रधान पीठ में 386 और लखनऊ पीठ में 226 कुल 602 राज्य विधि अधिकारियों को आबद्ध किया गया है. विधि विभाग के विशेष सचिव द्वारा जारी सूची में कुछ अधिकारियों की रैंक में फेरबदल भी किया गया है.
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न्याय विभाग के विशेष सचिव निकुंज मित्तल की तरफ से नए अधिवक्ताओं की नियुक्ति का आदेश जारी किया गया था. पूर्व में उच्च न्यायालय में तैनात किए गए सरकारी वकीलों का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें हटा दिया गया है. शासन से मिली जानकारी के अनुसार, करीब 900 से अधिक सरकारी वकीलों का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें हटाया गया है. उसके बाद 500 से अधिक नए सरकारी अधिवक्ताओं की तैनाती की गई है. आने वाले कुछ दिनों में और भी सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.
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