लखनऊ: संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान की हृदय रोग विशेषज्ञ ने खास विधि से हृदय वॉल्व बदलने में सफलता हासिल की. पहली बार महिला के गले की नस से जाकर उसके खराब वॉल्व पर कृत्रिम वॉल्व प्रत्यारोपित किया गया. इसकी वजह से मरीज की ओपेन सर्जरी नहीं हुई. चिकित्सक का दावा है कि नई विधि से यूपी में पहला प्रोसीजर किया गया.
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डॉ. रूपाली ने कहा कि मरीज को कैथ लैब में शिफ्ट किया गया. इसमें पहले पैर की नस (फीमरोल वेन) से कैथेटर के जरिये हृदय तक वॉल्व ले जाने का फैसला किया गया. मगर, महिला में पैर की हृदय तक पहुंचने वाली नस अन्य लोगों से अलग थी. लिहाजा इससे दिल तक पहुंचा नहीं जा सकता था. ऐसे में बीमारी के इलाज के लिए ओपेन हार्ट सर्जरी ही विकल्प थी.
इस दौरान आधुनिक विधि ट्रांस जुगुलर बलून नाइट्रेल वॉल्व्यूएक्टमी करने का फैसला किया गया. इसमें गले की नस (जुगुलर वेन) से कैथेटर के जरिये दिल तक पहुंचा गया. 45 मिनट में खराब वॉल्व पर कृत्रिम वॉल्व प्रत्यारोपित कर दिया गया. इस प्रक्रिया में 45 मिनट लगे. रोगी को शुक्रवार को डिस्चार्ज कर दिया गया.
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