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होटल लेवाना अग्निकांड, मालिक पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित - होटल लेवाना अग्निकांड

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) में लेवाना होटल अग्निकांड (levana hotel fire) मामले में होटल मालिक व अभियुक्त पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका पर सोमवार को बहस पूरी हो गई.

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Published : Oct 17, 2022, 8:47 PM IST

Updated : Oct 17, 2022, 9:29 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) में लेवाना होटल अग्निकांड (levana hotel fire) मामले में होटल मालिक व अभियुक्त पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका पर सोमवार को बहस पूरी हो गई. बहस के पश्चात न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.


सोमवार को न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ के समक्ष पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका पर बहस हुई. अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि उसके दो पुत्रों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है, परिवार में कोई पुरूष सदस्य नहीं बचा है. अभियुक्त की ओर से यह भी दलील दी गई है कि वह 75 वर्ष का है और विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित है, उसे हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं. वहीं राज्य सरकार व पीड़ितों की ओर से अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि बुजुर्ग व बीमार को गंभीर मामलों में अग्रिम जमानत आवश्यक रूप से देने का कोई प्रावधान नहीं है. इसके साथ ही यह भी दलील दी गई कि अभियुक्त बहुत ही रसूखदार व्यक्ति है, जहां वह रहता है उसके चारों तरफ बड़े-बड़े नेताओं के घर हैं, उसकी पहुंच इतनी है कि उसके होटल का नक्शा मंजूर हुए बिना ही उसे फायर एनओसी प्राप्त हो गई.

वहीं मामले के विवेचक ने न्यायालय को बताया है कि अभियुक्त विवेचना में सहयोग नहीं कर रहा है. अभियुक्त की ओर से मुख्य रूप से दलील दी गई कि उक्त होटल का व्यवसाय चलाने में उसकी कोई भूमिका नहीं थी, सारा कारोबार उसका बेटा व भतीजा देखते थे. यह भी कहा गया कि विवेचनाधिकारी ने पूछताछ के लिए आज तक इस मामले में जेल में निरुद्ध अभियुक्तों से कोई पूछताछ नहीं की है, जिसका अर्थ है कि उनके पास पूछने के लिए कुछ नहीं है, ऐसे में पवन अग्रवाल को भी विवेचनाधिकारी सिर्फ जेल भेजना चाहते हैं और आत्मा समर्पण करने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि मामले की रिपोर्ट हज़रतगंज के एसएसआई दयशंकर द्विवेदी ने 5 सितम्बर को दर्ज कराई थी. एफआईआर में कहा गया है कि होटल लेवाना में आग लग गई, जिस पर पुलिसकर्मी, फ़ायर फाइटर और एसडीआरएफ की काफ़ी मशक़्क़त के बाद आग पर क़ाबू पाया गया, इस घटना में चार व्यक्तियों की झुलसने और दम घुटने से मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए.

एलडीए वीसी समेत 21 के खिलाफ एफआईआर की मांग : लेवाना होटल अग्निकांड मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी सहित 21 लोगों को अपनी पुत्री की मौत का जिम्मेदार बताते हुए, अरविंदर कौर ने एफआईआर दर्ज की जाने की मांग की है. उन्होंने इसकी अर्जी कोर्ट में दाखिल की. उनकी अर्जी पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार गुप्ता ने आगामी 9 नवंबर को हजरतगंज थाने से रिपोर्ट तलब किया है. अदालत के समक्ष दाखिल अर्जी पर वादिनी ने एलडीए वीसी के अलावा अग्निशमन विभाग के अधिकारियों व आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी अभियुक्त बनाया है. अर्जी में कहा गया है कि विगत 5 सितंबर को सुबह सात बजे लेवाना होटल में आग लग जाने के कारण उनकी 26 वर्षीय पुत्री जसप्रीत कौर की मौत हो गई थी. कहा गया है कि मृतका मेकअप डिजाइनिंग आर्टिस्ट का काम करती थी तथा 4 सितंबर 2022 को वह लेवाना होटल में एक इवेंट्स कार्यक्रम में गई थी जो कि लेवाना फॉर्म की ओर से आयोजित था.

यह भी पढ़ें : रोडवेज ने दो दिनों में कमाए 10 करोड़ रुपये, PET Exam में उमड़े परीक्षार्थियों से बढ़ी आमदनी

अर्जी में यह भी कहा गया है कि रात में कार्यक्रम समाप्त होने के बाद देर हो जाने के कारण उसकी पुत्री होटल के कमरा नंबर 203 में रुक गई थी. कहा गया है कि सुबह अग्निकांड में चार लोगों की मौत हो गई तथा सात लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे. इन मृतकों में उसकी पुत्री भी थी. यह भी आरोप है कि होटल में लापरवाही के चलते इतना बड़ा हादसा हुआ है, जिसके लिए अभियुक्त बनाए गए सभी अधिकारी जिम्मेदार हैं. वादिनी ने कहा है कि उसने जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस आयुक्त को भी अर्जी दी थी लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई.

यह भी पढ़ें : विधान परिषद की रिक्त सीटों पर निर्णय न कर पाने से हो रही योगी सरकार और संगठन की किरकिरी

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) में लेवाना होटल अग्निकांड (levana hotel fire) मामले में होटल मालिक व अभियुक्त पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका पर सोमवार को बहस पूरी हो गई. बहस के पश्चात न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.


सोमवार को न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ के समक्ष पवन अग्रवाल की अग्रिम जमानत याचिका पर बहस हुई. अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि उसके दो पुत्रों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है, परिवार में कोई पुरूष सदस्य नहीं बचा है. अभियुक्त की ओर से यह भी दलील दी गई है कि वह 75 वर्ष का है और विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित है, उसे हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं. वहीं राज्य सरकार व पीड़ितों की ओर से अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा गया कि बुजुर्ग व बीमार को गंभीर मामलों में अग्रिम जमानत आवश्यक रूप से देने का कोई प्रावधान नहीं है. इसके साथ ही यह भी दलील दी गई कि अभियुक्त बहुत ही रसूखदार व्यक्ति है, जहां वह रहता है उसके चारों तरफ बड़े-बड़े नेताओं के घर हैं, उसकी पहुंच इतनी है कि उसके होटल का नक्शा मंजूर हुए बिना ही उसे फायर एनओसी प्राप्त हो गई.

वहीं मामले के विवेचक ने न्यायालय को बताया है कि अभियुक्त विवेचना में सहयोग नहीं कर रहा है. अभियुक्त की ओर से मुख्य रूप से दलील दी गई कि उक्त होटल का व्यवसाय चलाने में उसकी कोई भूमिका नहीं थी, सारा कारोबार उसका बेटा व भतीजा देखते थे. यह भी कहा गया कि विवेचनाधिकारी ने पूछताछ के लिए आज तक इस मामले में जेल में निरुद्ध अभियुक्तों से कोई पूछताछ नहीं की है, जिसका अर्थ है कि उनके पास पूछने के लिए कुछ नहीं है, ऐसे में पवन अग्रवाल को भी विवेचनाधिकारी सिर्फ जेल भेजना चाहते हैं और आत्मा समर्पण करने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि मामले की रिपोर्ट हज़रतगंज के एसएसआई दयशंकर द्विवेदी ने 5 सितम्बर को दर्ज कराई थी. एफआईआर में कहा गया है कि होटल लेवाना में आग लग गई, जिस पर पुलिसकर्मी, फ़ायर फाइटर और एसडीआरएफ की काफ़ी मशक़्क़त के बाद आग पर क़ाबू पाया गया, इस घटना में चार व्यक्तियों की झुलसने और दम घुटने से मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए.

एलडीए वीसी समेत 21 के खिलाफ एफआईआर की मांग : लेवाना होटल अग्निकांड मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी सहित 21 लोगों को अपनी पुत्री की मौत का जिम्मेदार बताते हुए, अरविंदर कौर ने एफआईआर दर्ज की जाने की मांग की है. उन्होंने इसकी अर्जी कोर्ट में दाखिल की. उनकी अर्जी पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रवि कुमार गुप्ता ने आगामी 9 नवंबर को हजरतगंज थाने से रिपोर्ट तलब किया है. अदालत के समक्ष दाखिल अर्जी पर वादिनी ने एलडीए वीसी के अलावा अग्निशमन विभाग के अधिकारियों व आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी अभियुक्त बनाया है. अर्जी में कहा गया है कि विगत 5 सितंबर को सुबह सात बजे लेवाना होटल में आग लग जाने के कारण उनकी 26 वर्षीय पुत्री जसप्रीत कौर की मौत हो गई थी. कहा गया है कि मृतका मेकअप डिजाइनिंग आर्टिस्ट का काम करती थी तथा 4 सितंबर 2022 को वह लेवाना होटल में एक इवेंट्स कार्यक्रम में गई थी जो कि लेवाना फॉर्म की ओर से आयोजित था.

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अर्जी में यह भी कहा गया है कि रात में कार्यक्रम समाप्त होने के बाद देर हो जाने के कारण उसकी पुत्री होटल के कमरा नंबर 203 में रुक गई थी. कहा गया है कि सुबह अग्निकांड में चार लोगों की मौत हो गई तथा सात लोग बुरी तरह से घायल हो गए थे. इन मृतकों में उसकी पुत्री भी थी. यह भी आरोप है कि होटल में लापरवाही के चलते इतना बड़ा हादसा हुआ है, जिसके लिए अभियुक्त बनाए गए सभी अधिकारी जिम्मेदार हैं. वादिनी ने कहा है कि उसने जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस आयुक्त को भी अर्जी दी थी लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई.

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Last Updated : Oct 17, 2022, 9:29 PM IST
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