लखनऊ: पैगम्बर मोहम्मद पर अभद्र टिप्पणी के खिलाफ लोगों की नाराजगी थमने का नाम नहीं ले रही है. शुक्रवार को नुपुर शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन में हुए बवाल और हिंसा पर अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया (Muslim Personal Law Board of India) ने बयान जारी कर चिंता व्यक्त की है. एमपीएलबीआई ने कहा कि हमारी धार्मिक आस्था पर जबरदस्त चोट हुई है. लेकिन, इसको लेकर किसी तरह की हिंसा जायज नहीं है. लोग अमन-चैन बनाये रखे किसी तरह की हिंसक गतिविधियों का वह हिस्सा न बने.
बोर्ड ने बयान जारी करते हुए शनिवार को कहा, कि सरकार को भी चाहिये कि हिंसा की पृष्ठभूमि के साथ पूरा षड्यंत्र भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा का है. उनके बयान से हिंसा उपजी है. उसके बाद भी बोर्ड हिंसा के विरुद्ध है और वह उसको न्यायोचित नहीं ठहराता है. देश के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को हुए अनेक प्रदर्शन अहिंसक थे. वहां सरकार की नैतिक व लोकतंत्र में संवैधानिक जिम्मेदारी थी कि प्रदर्शनकारियों के ज्ञापन प्रशासन द्वारा कार्रवाई के आश्वासन के साथ लिए जाते, लेकिन देखने में यह आया कि अहिंसक प्रदर्शनों में लापरवाही के साथ निपटाते हुए प्रशासनिक स्तर पर क्रिमनलाइज करने का काम किया गया, यह भी पूरी तरह से अनुचित था.
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बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मोइन अहमद खान ने कहा, कि सरकार हिंसा के पीछे बड़ी साजिश की बात कर रही है. निश्चित रूप से इसकी सीबीआई जांच करायी जाए.
नफरती हिंसा फैलाने की साजिश के पीछे पूरी तरह से नूपुर शर्मा की एक बड़ी भूमिका है, इसकी शीघ्र सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा हालात में सम्पर्क, संवाद का वातावरण निर्मित करने की पहल करे. इससे आक्रोश को आगे बढ़ने से रोका जाए. बोर्ड की स्थापित मान्यता है कि हम आपस मे सभी की धार्मिक आस्थाओं का दिल से सम्मान करें. इससे देश को विकसित व समृद्ध बनाया जा सके.
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