लखनऊ : यूपी में अब बार में बैठकर जाम छलकाना आसान नहीं होगा. होटल लेवाना अग्निकांड (hotel levana fire) के बाद सरकार बार के लाइसेंस (bar license) देने की प्रक्रिया में बदलाव कर रही है. शासन के निर्देश पर आबकारी विभाग इसका मसौदा भी तैयार कर चुका है. जो कई मायनों में पिछ्ले नियमों से कहीं हद तक कठिन है.
आबकारी विभाग अभी तक किसी होटल या रेस्टोरेंट में आसानी से बार का लाइसेंस (bar license) देता था. इसमें होटल की रेटिंग के हिसाब से बार लाइसेंस की फीस ली जाती थी, लेकिन अब लाइसेंस देने से पहले बिल्डिंग का नक्शा, फायर सेफ्टी, सिटिंग अरेंजमेंट सहित तमाम शर्तें लाइसेंस के नियम में शामिल होंगी. होटल लेवाना अग्निकांड (hotel levana fire) के बाद मुख्यमंत्री द्वारा गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में सामने आया था कि होटल लेवाना का लखनऊ विकास प्राधिकरण से नक्शा ही पास नहीं था. यही नहीं फ़ायर सेफ्टी के भी खासा इंतजाम नहीं थे. बावजूद इसके आबकारी विभाग ने होटल को बार का लाइसेंस (bar license) दे दिया गया था. जांच टीम द्वारा रिपोर्ट सौंपने के बाद सरकार ने 19 अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेते हुये निलंबित करने के आदेश दिये थे. इसमें आबकारी विभाग के तीन अधिकारी तत्कालीन जिला आबकारी अधिकारी संतोष तिवारी, उप आयुक्त आबकारी जैनेंद्र उपाध्याय व आबकारी इंस्पेक्टर भी शामिल थे.
विभागीय सूत्रों के मुताबिक हाल ही में हुई हाईलेवल बैठक में फैसला किया गया है कि किसी भी होटल व रेस्टोरेंट को बार लेने के लिए स्थान का पूर्व का पूर्ण कमर्शियल मानचित्र देना होगा. यही नहीं जिस स्थान पर बार खोलना हो वह भी पूर्ण कमर्शियल स्थान ही होना चाहिए. विभाग ने यह फैसला किया है कि बिल्डिंग चाहे जितनी भी बड़ी या छोटी हो, हर बिल्डिंग की फायर एनओसी देनी आवश्यक होगी.
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सूत्रों के अनुसार, बैठक में यह भी फैसला किया गया है कि जिन होटल व रेस्तरां में बार लाइसेंस दिये जा चुके हैं, उनका मार्च 2023 में तब ही नवीनीकरण किया जायेगा जब इन शर्तों को पूरा कर लिया जायेगा.
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