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मनीष गुप्ता मर्डर केस: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई आज

गोरखपुर में कथित तौर पर एक व्यवसायी की हत्या (Gorakhpur Businessman Murder Case) के मामले में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई है. इससे पहले यह सुनवाई टाल दी गई थी.

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Published : Sep 1, 2022, 10:48 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट (Delhi Rouse Avenue Court) में गुरुवार को गोरखपुर में कथित तौर पर कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या (manish gupta lynched) करने के मामले में सुनवाई होगी.

स्पेशल जज चंद्रशेखर आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर दलीलें सुनेंगे. 22 अप्रैल को आरोपियों विजय यादव, राहुल दुबे और कमलेश सिंह यादव को आरोपों से बरी करने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. सीबीआई ने इस मामले के एक गवाह आदर्श पांडेय के मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान की प्रति कोर्ट को सौंपी थी. इसके अलावा सीबीआई ने स्थानीय पुलिस और एसआईटी की जांच रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल किया है.

बीते 4 अप्रैल को कोर्ट ने सीबीआई से अतिरिक्त चार्जशीट दाखिल करने को कहा था. वहीं, 11 मार्च को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई द्वारा पेश आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद 14 मार्च को चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अंबिका सिंह की कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामले पर सुनवाई करने के लिए इस मामले को सेशंस कोर्ट में भेजने का आदेश दिया था. इससे पहले राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मामले पर सुनवाई टालते हुए सुनवाई के लिए अगली तारीख 1 सितंबर तय की थी.

यह भी पढ़ें: बहनोई ने ही वारदात को दिया था अंजाम, बैंक मैनेजर की पत्नी-बेटे की हत्या मामले में बड़ा खुलासा

इस मामले में कोर्ट ने आरोपी पुलिसकर्मियों थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह, दारोगा अक्षय कुमार मिश्रा, विजय यादव, राहुल दुबे, कमलेश सिंह यादव और प्रशांत कुमार को तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद 26 फरवरी को सभी आरोपी राउज एवेन्यू कोर्ट में वर्चुअल तौर पर पेश हुए थे. सुनवाई में मारे गए कारोबारी मनीष गुप्ता के परिजनों समेत मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम भी शामिल हुई थी.

बता दें कि कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता (manish gupta murder case) की गोरखपुर के एक होटल में आधी रात को घुसे पुलिसकर्मियों ने कथित रूप से पीटकर हत्या कर दी थी. मनीष अपने कुछ दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने गए थे. वह गोरखपुर के रामगढ़ताल के एक होटल में ठहरे थे. आरोप है कि चेकिंग के नाम पर घुसी पुलिस ने विवाद के बाद मनीष को इतनी बुरी तरह पीटा कि उनकी मौत हो गई. मामले में रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित छह पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए थे.

यह भी पढ़ें-गोरखपुर में कानपुर के व्यापारी की पीटकर हत्या करने के मामले में सुनवाई टली

नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट (Delhi Rouse Avenue Court) में गुरुवार को गोरखपुर में कथित तौर पर कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की पीट-पीटकर हत्या (manish gupta lynched) करने के मामले में सुनवाई होगी.

स्पेशल जज चंद्रशेखर आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर दलीलें सुनेंगे. 22 अप्रैल को आरोपियों विजय यादव, राहुल दुबे और कमलेश सिंह यादव को आरोपों से बरी करने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. सीबीआई ने इस मामले के एक गवाह आदर्श पांडेय के मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान की प्रति कोर्ट को सौंपी थी. इसके अलावा सीबीआई ने स्थानीय पुलिस और एसआईटी की जांच रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल किया है.

बीते 4 अप्रैल को कोर्ट ने सीबीआई से अतिरिक्त चार्जशीट दाखिल करने को कहा था. वहीं, 11 मार्च को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई द्वारा पेश आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद 14 मार्च को चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अंबिका सिंह की कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामले पर सुनवाई करने के लिए इस मामले को सेशंस कोर्ट में भेजने का आदेश दिया था. इससे पहले राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मामले पर सुनवाई टालते हुए सुनवाई के लिए अगली तारीख 1 सितंबर तय की थी.

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इस मामले में कोर्ट ने आरोपी पुलिसकर्मियों थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह, दारोगा अक्षय कुमार मिश्रा, विजय यादव, राहुल दुबे, कमलेश सिंह यादव और प्रशांत कुमार को तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद 26 फरवरी को सभी आरोपी राउज एवेन्यू कोर्ट में वर्चुअल तौर पर पेश हुए थे. सुनवाई में मारे गए कारोबारी मनीष गुप्ता के परिजनों समेत मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम भी शामिल हुई थी.

बता दें कि कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता (manish gupta murder case) की गोरखपुर के एक होटल में आधी रात को घुसे पुलिसकर्मियों ने कथित रूप से पीटकर हत्या कर दी थी. मनीष अपने कुछ दोस्तों के साथ गोरखपुर घूमने गए थे. वह गोरखपुर के रामगढ़ताल के एक होटल में ठहरे थे. आरोप है कि चेकिंग के नाम पर घुसी पुलिस ने विवाद के बाद मनीष को इतनी बुरी तरह पीटा कि उनकी मौत हो गई. मामले में रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित छह पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए थे.

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