लखनऊ: केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को यह कहा गया है कि इस एक्सप्रेस-वे को महाकुंभ 2025 से पहले शुरू कर दिया जाए. जिसमें अब केवल ढाई वर्ष का समय ही बचा हुआ है. राज्य सरकार के लिए यह एक कीर्तिमान होगा. जब 594 किलोमीटर लंबे देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे को बनाने में सरकार सबसे कम समय उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी को दे रही है. दो कंपनियों को तीन स्ट्रेच में यह एक्सप्रेस वे बनाना होगा. फिलहाल यूपीडा ने स्पष्ट कर दिया है कि महाकुंभ 2025 से पहले गंगा एक्सप्रेसवे को शुरू कर दिया जाएगा.
गंगा एक्सप्रेसवे को प्रयागराज से मेरठ के बीच बनाया जा रहा है जिसको लेकर शिलान्यास पहले ही कर दिया गया था. इसके साथ ही इस एक्सप्रेसवे वे को लेकर सरकार का दावा है कि उत्तर प्रदेश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी. गंगा एक्सप्रेसवे उन्नाव के पास लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे से भी लिंक हो जाएगा. जिससे लखनऊ के लोगों के लिए भी मेरठ और प्रयागराज की राह आसान हो जाएगी. इस एक्सप्रेसवे का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ है. मगर बाकी सारी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं. इसलिए सरकार पूरी तरह से आशान्वित है कि इसको तय समय में पूरा करवा दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि एक्सप्रेसवे के लिए 95% भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है. जबकि 50% भूमि पर कब्जा भी लिया जा चुका है. उन्होंने बताया कि जुलाई के अंत तक हम पूरी 95% भूमि पर कब्जा ले लेंगे. उत्तर प्रदेश सरकार को पर्यावरण मंत्रालय वन मंत्रालय से एनओसी भी मिल चुकी है. इससे यह तय है कि अब हम निर्माण शुरू कर सकते हैं. हमारी प्राथमिकता है कि हर हाल में इस एक्सप्रेसवे को हम प्रयागराज कुंभ से पहले शुरू कर दें. ताकि दिल्ली के लोग आसानी से प्रयागराज तक पहुंच सके और महाकुंभ में भाग ले सकें.
एक्सप्रेसवे 19:00 पर घर कुंडा गांव प्रयागराज से शुरू होकर सौरव के पास जुदापुर दादू गांव से मेरठ से जुड़ेगा. यह उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में जाएगा. जोकि मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज होंगे.
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