लखनऊ : मानसून सत्र का चौथा दिन (fourth day of monsoon session) सदन महिला सदस्यों के नाम रहा. विधानसभा के इतिहास में यह पहला मौका था जब किसी सत्र में कार्यवाही का एक दिन मातृशक्ति के लिए आरक्षित किया गया था. कार्यवाही में महिला सदस्यों के भाग लेने से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि देश की आजादी के बाद यह पहला अवसर है जब सदन के सत्र में पूरा दिन महिलाओं के लिए आरक्षित रखा गया है. आज की कार्यवाही नारी सशक्तिकरण के लिए समर्पित है. अध्यक्ष ने कहा कि उनकी इस पहल का नेता सदन और नेता प्रतिपक्ष दोनों ने समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि अट्ठारहवीं विधानसभा नित नए आयाम स्थापित करती जा रही है. महिलाएं कैसे आगे बढ़ें यह जानने के लिए उचित अवसर है. आज की सदन की कार्यवाही का संदेश पूरे देश में जाना चाहिए.
कार्यवाही में महिला सदस्यों की चर्चा शुरू होने से पूर्व सरकार की ओर से पटल पर सारी अधिसूचनाएं ग्राम्य विकास राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने रखीं. भाजपा की वरिष्ठ सदस्य पूर्व मंत्री अनुपमा जायसवाल ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि भारत हमेशा से महिलाओं को मानसम्मान देने की दिशा देने में अग्रणी रहा. इसी प्रदेश में पहली महिला राज्यपाल और पहली महिला मुख्यमंत्री हुईं. इसके अलावा प्रधानमंत्री से लेकर महिला राष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पदों तक पर महिलाओं को अपने दायित्वों का निर्वाह किया. सपा की सदस्य डाॅ. रागिनी सोनकर ने कहा कि इस दिन का पचहत्तर वर्षों सें इंतजार हो रहा था.
उन्होंने कहा कि आज भी महिलाओं को अभी बराबरी का हक नहीं मिल पाया है. आजादी से लेकर अब तक हरक्षेत्र में महिलाओं का योगदान कम नहीं रहा. कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने चर्चा के दौरान महंगाई और किसानों की समस्याओं को उठाया. जवाब में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि कांग्रेस राज्यों की अपेक्षा यूपी में किसानों का काफी सहूलियतें दी जा रही हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुझाव पर आज विधानसभाध्यक्ष सतीश महाना ने अधिष्ठाता के रूप में सदन के संचालन के लिए सपा की सैय्यदा खातून, डाॅ मंजू श्रीवास और अनुपमा जायसवाल को अवसर दिया. इससे पूर्व चर्चा में डाॅ. अर्चना पांडेय, पूजा पाल, सुरभि, अंजुला देवी, राज्यमंत्री गुलाब देवी, सहित दोनों पक्षों की सदस्यों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया. इससे पूर्व महिला सदस्य मीनाक्षी सिंह, विजमा यादव, पूजा पाल, डाॅ. रागिनी, नीलिमा कटियार सहित कई अन्य सदस्यों ने अपनी याचिकाएं प्रस्तुत कीं.
सदन में फफक कर रोईं सपा विधायक : विधानसभा सत्र के दौरान महिलाओं के लिए विशेष दिवस पर कार्यवाही के अंतिम सत्र में सदन में रोते रोते हुए अमेठी से सपा विधायक महारानी प्रजापति ने पति पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की जमानत के लिए गुहार लगाई. उन्होंने कहा कि मेरे पति से जो गलती हुई माफ किया जाए. लड़की का बयान हो जाने के बाद भी न्याय नहीं हो रहा. मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि हमारे पति को माफ कर दें, हमारे तो बच्चों की शादी नहीं हुई है. हमारी सुनवाई की जाए, पति को जमानत दी जाए. सदन में रो-रोकर महारानी प्रजापति ने अपनी बात कही. उल्लेखनीय है कि सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति रेपकांड में जेल में निरुद्ध हैं.
भाजपा विधायक की तबियत बिगड़ी : आज सत्र के दौरान अलीगढ़ की कोल सीट से भाजपा विधायक अनिल परासर की तबियत बिगड़ गई, जिसके बाद विधानसभा में मौजूद चिकित्सकों ने उनका इलाज किया.
महिलाओं को समर्पित सदन की विशेष कार्यवाही में आज तमाम स्कूलों की छात्राओं को भी आमंत्रित किया गया था, इसके अलावा कई स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़ी महिला प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया था. इसके अलावा सचिवालय विधानसभा का महिला स्टॉफ भी सदन की कार्यवाही देखने के लिए विधानसभा के मंडप पहुंचे. इस दौरान छात्राओं ने विधानसभा की गैलरी में तस्वीरें भी खिंचवाई.
उत्तर प्रदेश विधानमंडल ने गुरुवार को इतिहास रच दिया. नारी शक्ति को समर्पित दोनों सदनों में महिला सदस्यों ने प्रखरता के साथ अपने अपने मुद्दों को रखा. विधायक अनुपमा जायसवाल ने इस कदम को महिला सशक्तिकरण के उन्नयन की मिसाल बताया. उन्होंने कहा कि नारी सम्मान की जो गाथा आज उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा लिखने जा रही है, उसका पूरे देश में इससे पूर्व कोई उदाहरण नहीं मिलेगा.
अनुपमा जायसवाल ने कहा, ''हारे नहीं जब हौसले तो कम हुए कुछ फासले, दूरी नहीं कोई हमे समर्पण चाहिये, कुछ कर गुजरने के लिए मौसम नहीं मन चाहिए.'' उन्होंने कहा कि वैसे तो उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में बहुत सारे क्षेत्रों में नंबर वन बनने के कीर्तिमान स्थापित किये गये हैं, लेकिन आज महिला सशक्तिकरण और महिला विधायक के सम्मान में विशेष सत्र के आयोजन में नंबर वन बनना, पूरे देश में पहली बार होने जा रहा है.
मछलीशहर की सपा विधायक डॉ. रागिनी ने शायराना अंदाज में कहा, ‘दिन की रोशनी ख्वाबों को बनाने में गुजर गई, रात की नींद बच्चों को सुलाने में गुजर गई, जिस घर में मेरे नाम की तख्ती भी नहीं, सारी उम्र उस घर को सजाने में गुजर गई.‘ उन्होंने आगे कहा कि आजादी के 75 वर्षों में पहली बार देश की सबसे बड़े सदन उत्तर प्रदेश में सिर्फ महिला विधायकों को बोलने का अवसर दिया. इस पहल के लिए मैं धन्यवाद देती हूं. नेतृत्व का कोई जेंडर नहीं होता है. नेतृत्व का होता है एक विचार और एक सोच, एक विचार धारा जिससे आप खुद से लोगों को जोड़ते हैं. राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि देश का विकास तभी होगा जब देश में नारी का विकास होगा.
विधायक अर्चना पांडेय ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को आत्मनिर्भर, स्वावलंबी और सुरक्षा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में मिशन शक्ति अभियान चलाया जा रहा है. ये पहला ऐसा कार्यक्रम है जो मिशन और ऑपरेशन दोनों के रूप में है. मिशन शक्ति अभियान का फोकस महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करना हैय इस दौरान उन्होंने सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं को गिनाते हुए विपक्ष पर हमला किया.
विधायक डॉ. सुरभि ने कहा कि मैं ऐसी पार्टी से चुनकर यहां आई हूं, जिसका संचालन एक महिला के हाथों में है. मैं उनका आभार व्यक्त करती हूं. उन्होंने कहा कि किसी भी राष्ट्र का विकास इस बात पर निर्भर करता है कि उसकी आधी आबादी को सभी क्षेत्रों में बराबर का हक मिल रहा है कि नहीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण का स्वर्णिम अध्याय लिखा जा रहा है.
विधायक अंजुला ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के मानसून सत्र ने देश ही नहीं दुनिया का भी मानसून बदला है. उन्हाेंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष का जो रवैया है कि विरोध करने के लिए विरोध करना है और इसलिए जनादेश उनके पक्ष में नहीं आया है.
यह भी पढ़ें : लंपी बीमारी पर ध्यान दे सरकार, किसानों के बकाया का तत्काल करे भुगतान: मायावती
विधायक पूजा सरोज ने कहा कि महिलाओं की आत्मनिर्भरता के लिए साक्षरता बहुत जरूरी है. साक्षरता से मतलब केवल पढ़ने लिखने से नहीं है बल्कि साक्षरता हमारे अधिकारों, कर्तव्यतों के लिए जागरुक करती है. ऐसे में महिलाओं को शत प्रतिशत शिक्षित करने पर ज्यादा से ज्यादा जोर दिया जाए. मंत्री गुलाब देवी ने कहा कि बेटियों के प्रति समाज की सोच को सकारात्मक बनाए रखने के लिए योगी सरकार ने उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत विभिन्न चरणों में सहायता धनराशि दी जा रही है.
यह भी पढ़ें : गिरधारी के एनकाउंटर में जांच आयोग ने लखनऊ पुलिस को दी क्लीन चिट