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मास्को ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हॉकी खिलाड़ी का निधन, शोक में डूबा खेल जगत

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Published : May 9, 2021, 7:53 AM IST

Updated : May 9, 2021, 8:48 AM IST

मास्को ओलंपिक-1980 में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रविंदर पाल सिंह का शनिवार को निधन हो गया. वे कोरोना वायरस से संक्रमित थे. उनके निधन से खेल जगत शोक में डूब गया है.

hockey player ravinder pal dies
रविंदर पाल सिंह का निधन.

लखनऊ: मास्को ओलंपिक-1980 की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रविंदर पाल सिंह की शनिवार सुबह कोरोना संक्रमण से निधन के चलते खेल जगत में शोक की लहर है. हालांकि नवाबों का शहर लखनऊ खासा गममीन नजर आया. दरअसल, रविंदर पाल सिंह लखनऊ में ही भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत थे. हालांकि उन्होंने नौकरी से सेवानिवृत्ति ले ली थी, लेकिन फिर भी वे अक्सर केडी सिंह बाबू स्टेडियम के पास भारतीय स्टेट बैक के कार्यालय के बाहर की चाय की दुकान पर बैठे मिल जाते थे. उनकी बैठकों का सिलसिला पिछले दो सालों से रूक गया था, लेकिन सरल स्वभाव के रविंदर पाल खेल के प्रमोशन के लिए हरदम तैयार रहते थे.

hockey player ravinder pal dies
फाइल फोटो.

उनके योगदान के बारे में चर्चा करते हुए ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी अशोक कुमाार ध्यानचंद ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि भारतीय हॉकी के बेहतरीन खिलाडी रविंदर पाल सिंह हमें ऐसे अलविदा कह देंगे. उन्होंने इसे भारतीय हॉकी का बहुत बड़ा नुकसान बताया. उन्होंने कहा कि एक नेक दिल निहायत ही शरीफ ईमानदार इन्सान और बेहतरीन खिलाडी ने आज हमारा साथ छोड़ दिया.

hockey player ravinder pal dies
मास्को ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता हॉकी टीम.

'ताजी हुई 1980 ओलंपिक की यादें'
अशोक कुमार बताते हैं कि मुझे याद है कि जब मैं अपने इंटरनेशनल करियर को अलविदा कह रहा था तब ये सारे खिलाड़ी जिनमें रविंदर पाल सिंह भी शामिल थे, भारत की टीम से इंटरनेशनल खेलने के लिए तैयार हो रहे थे. इसी के साथ अशोक कुमार ध्यानचंद मास्को ओलंपिक की यादें ताजा करते हुए बताते हैं कि टोक्यो ओलंपिक-1964 में स्वर्ण पदक जीतने के 16 साल बाद भारतीय हॉकी टीम ने 1980 में मास्को ओलंपिक मे भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था. यह हॉकी में भारत का 8वां ओलंपिक स्वर्ण पदक था, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.

hockey player ravinder pal dies
फाइल फोटो.

1980 के मास्को ओलंपिक के फाइनल मैच को याद करते हुए अशोक कुमार ध्यानचंद ने कहा कि लग रहा था कि भारत यह मुकाबला आसानी से जीत जाएगा क्योंकि खेल समाप्ति के कुछ मिनटों पहले तक भारत 3 के मुकाबले 0 गोल से आगे चल रहा था. अचानक ही खेल का रुख बदला और स्पेन ने लगातार भारतीय गोल पर हमले किए, जिसके परिणाम स्वरूप उसे एक के बाद एक पेनाल्टी कार्नर मिल गए. स्पेन के रक्षा पंक्ति के खिलाड़ी जुआन आमथ ने इन दोनों पेनाल्टी कार्नर को गोल में तब्दील कर स्कोर 3-2 कर दिया.

स्पेन ने फिर किया पलटवार
भारतीय हॉकी आक्रमण पंक्ति ने एक बार फिर स्पेन के गोल पर जबरदस्त हमला किया. भारत को पेनाल्टी स्टोक मिला, जिसे भारत ने गोल में बदलकर स्कोर 4-2 कर दिया. लेकिन अभी पास बैक ही हुआ था कि स्पेन के खिलाड़ियों ने भारतीय गोल पर फिर जबर्दस्त हमला बोल दिया. परिणामस्वरूप स्पेन को पेनाल्टी कार्नर मिल गया और जुआन आमथ ने भारत के खिलाफ तीसरा गोल कर दिया और स्कोर 4-3 हो गया. स्पेन के खिलाड़ी भारतीय गोल पर जबर्दस्त हमले कर रहे थे. खेल समाप्त होने में कुछ ही मिनट शेष रह गये थे और लग रहा था कि क्या होगा ? भारत के करोड़ों नागरिकों, खेल प्रेमियों की और स्वयं मेरी सांसें रुक सी गई थी, लेकिन भारत ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए 16 वर्षाें के बाद हॉकी का स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया.


1983 में स्पोर्ट्स स्टार मैगजीन में बने थे पोस्टर ब्वॉय
1983 में स्पोर्ट्स स्टार मैगजीन में रविंदर पाल की पोस्टर कवर फोटो छपी थी. इसमें वो नीली जर्सी पहने हुए घुंघराले बालों में थे. रविंदर पाल उस साल हांगकांग में हुई 10 देशों की हॉकी प्रतियोगिता के उम्दा खिलाड़ी चयनित हुए थे. संभवतः यह पहली बार था कि स्पोर्ट्स स्टार ने लखनऊ के किसी खिलाड़ी की कवर फोटे छापी थी.

hockey player ravinder pal dies
स्पोर्ट्स स्टार मैगजीन पोस्टर.

साथी खिलाड़ी कहते थे रब्बू भाई
रविंदर पाल को साथी खिलाड़ी रब्बू भाई भी कहते थे. वो हर एक की मदद करते थे. हाल ही में वो फरवरी में खेल निदेशक डॉ. आरपी सिंह के सम्मान समारोह में आए थे तो 'बस यही अपराध मैं हर बार करता हूं...आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं' गाया था. वैसे वे जब मूड होते थे तो फिल्मी गाने खूब गाते थे. मुकेश उनके प्रिय गायक थे.

उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन (यूपीओए) और हॉकी यूपी ने जताया शोक
रविंदर पाल सिंह के निधन के बाद उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन (यूपीओए) और हॉकी यूपी ने शोेक जताया. महासचिव डॉ. आनन्देश्वर पाण्डेय ने कहा कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे व शोक संतप्त परिजनों को यह दुःख सहने की ताकत दे. उन्होंने बताया कि रविंदर पाल ने मास्को ओलंपिक-1980 में भारतीय हॉकी टीम को स्वर्ण पदक दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी. यूपी ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष विराज सागर दास ने भी इसे खेल जगत के लिए अपूर्णीय क्षति बताया.

ये भी पढ़ें: मॉस्को ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हॉकी खिलाड़ी रविंदर पाल सिंह का कोरोना से निधन

यूपी के खेल निदेशक डॉ. आरपी सिंह (महासचिव, यूपी हॉकी) ने कहा कि रविंदर पाल आज केे हॉकी खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल थे. जब भी हॉकी के प्रमोशन के लिए जरूरत पड़ती थी, वो हर समय तैयार रहते थे. इसी के साथ कई खेल संघों के पदाधिकारियों ने भी शोक संवेदना जताई.

लखनऊ: मास्को ओलंपिक-1980 की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रविंदर पाल सिंह की शनिवार सुबह कोरोना संक्रमण से निधन के चलते खेल जगत में शोक की लहर है. हालांकि नवाबों का शहर लखनऊ खासा गममीन नजर आया. दरअसल, रविंदर पाल सिंह लखनऊ में ही भारतीय स्टेट बैंक में कार्यरत थे. हालांकि उन्होंने नौकरी से सेवानिवृत्ति ले ली थी, लेकिन फिर भी वे अक्सर केडी सिंह बाबू स्टेडियम के पास भारतीय स्टेट बैक के कार्यालय के बाहर की चाय की दुकान पर बैठे मिल जाते थे. उनकी बैठकों का सिलसिला पिछले दो सालों से रूक गया था, लेकिन सरल स्वभाव के रविंदर पाल खेल के प्रमोशन के लिए हरदम तैयार रहते थे.

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फाइल फोटो.

उनके योगदान के बारे में चर्चा करते हुए ओलंपियन हॉकी खिलाड़ी अशोक कुमाार ध्यानचंद ने कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है कि भारतीय हॉकी के बेहतरीन खिलाडी रविंदर पाल सिंह हमें ऐसे अलविदा कह देंगे. उन्होंने इसे भारतीय हॉकी का बहुत बड़ा नुकसान बताया. उन्होंने कहा कि एक नेक दिल निहायत ही शरीफ ईमानदार इन्सान और बेहतरीन खिलाडी ने आज हमारा साथ छोड़ दिया.

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मास्को ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता हॉकी टीम.

'ताजी हुई 1980 ओलंपिक की यादें'
अशोक कुमार बताते हैं कि मुझे याद है कि जब मैं अपने इंटरनेशनल करियर को अलविदा कह रहा था तब ये सारे खिलाड़ी जिनमें रविंदर पाल सिंह भी शामिल थे, भारत की टीम से इंटरनेशनल खेलने के लिए तैयार हो रहे थे. इसी के साथ अशोक कुमार ध्यानचंद मास्को ओलंपिक की यादें ताजा करते हुए बताते हैं कि टोक्यो ओलंपिक-1964 में स्वर्ण पदक जीतने के 16 साल बाद भारतीय हॉकी टीम ने 1980 में मास्को ओलंपिक मे भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था. यह हॉकी में भारत का 8वां ओलंपिक स्वर्ण पदक था, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.

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फाइल फोटो.

1980 के मास्को ओलंपिक के फाइनल मैच को याद करते हुए अशोक कुमार ध्यानचंद ने कहा कि लग रहा था कि भारत यह मुकाबला आसानी से जीत जाएगा क्योंकि खेल समाप्ति के कुछ मिनटों पहले तक भारत 3 के मुकाबले 0 गोल से आगे चल रहा था. अचानक ही खेल का रुख बदला और स्पेन ने लगातार भारतीय गोल पर हमले किए, जिसके परिणाम स्वरूप उसे एक के बाद एक पेनाल्टी कार्नर मिल गए. स्पेन के रक्षा पंक्ति के खिलाड़ी जुआन आमथ ने इन दोनों पेनाल्टी कार्नर को गोल में तब्दील कर स्कोर 3-2 कर दिया.

स्पेन ने फिर किया पलटवार
भारतीय हॉकी आक्रमण पंक्ति ने एक बार फिर स्पेन के गोल पर जबरदस्त हमला किया. भारत को पेनाल्टी स्टोक मिला, जिसे भारत ने गोल में बदलकर स्कोर 4-2 कर दिया. लेकिन अभी पास बैक ही हुआ था कि स्पेन के खिलाड़ियों ने भारतीय गोल पर फिर जबर्दस्त हमला बोल दिया. परिणामस्वरूप स्पेन को पेनाल्टी कार्नर मिल गया और जुआन आमथ ने भारत के खिलाफ तीसरा गोल कर दिया और स्कोर 4-3 हो गया. स्पेन के खिलाड़ी भारतीय गोल पर जबर्दस्त हमले कर रहे थे. खेल समाप्त होने में कुछ ही मिनट शेष रह गये थे और लग रहा था कि क्या होगा ? भारत के करोड़ों नागरिकों, खेल प्रेमियों की और स्वयं मेरी सांसें रुक सी गई थी, लेकिन भारत ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए 16 वर्षाें के बाद हॉकी का स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया.


1983 में स्पोर्ट्स स्टार मैगजीन में बने थे पोस्टर ब्वॉय
1983 में स्पोर्ट्स स्टार मैगजीन में रविंदर पाल की पोस्टर कवर फोटो छपी थी. इसमें वो नीली जर्सी पहने हुए घुंघराले बालों में थे. रविंदर पाल उस साल हांगकांग में हुई 10 देशों की हॉकी प्रतियोगिता के उम्दा खिलाड़ी चयनित हुए थे. संभवतः यह पहली बार था कि स्पोर्ट्स स्टार ने लखनऊ के किसी खिलाड़ी की कवर फोटे छापी थी.

hockey player ravinder pal dies
स्पोर्ट्स स्टार मैगजीन पोस्टर.

साथी खिलाड़ी कहते थे रब्बू भाई
रविंदर पाल को साथी खिलाड़ी रब्बू भाई भी कहते थे. वो हर एक की मदद करते थे. हाल ही में वो फरवरी में खेल निदेशक डॉ. आरपी सिंह के सम्मान समारोह में आए थे तो 'बस यही अपराध मैं हर बार करता हूं...आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं' गाया था. वैसे वे जब मूड होते थे तो फिल्मी गाने खूब गाते थे. मुकेश उनके प्रिय गायक थे.

उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन (यूपीओए) और हॉकी यूपी ने जताया शोक
रविंदर पाल सिंह के निधन के बाद उत्तर प्रदेश ओलंपिक एसोसिएशन (यूपीओए) और हॉकी यूपी ने शोेक जताया. महासचिव डॉ. आनन्देश्वर पाण्डेय ने कहा कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे व शोक संतप्त परिजनों को यह दुःख सहने की ताकत दे. उन्होंने बताया कि रविंदर पाल ने मास्को ओलंपिक-1980 में भारतीय हॉकी टीम को स्वर्ण पदक दिलवाने में अहम भूमिका निभाई थी. यूपी ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष विराज सागर दास ने भी इसे खेल जगत के लिए अपूर्णीय क्षति बताया.

ये भी पढ़ें: मॉस्को ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हॉकी खिलाड़ी रविंदर पाल सिंह का कोरोना से निधन

यूपी के खेल निदेशक डॉ. आरपी सिंह (महासचिव, यूपी हॉकी) ने कहा कि रविंदर पाल आज केे हॉकी खिलाड़ियों के लिए रोल मॉडल थे. जब भी हॉकी के प्रमोशन के लिए जरूरत पड़ती थी, वो हर समय तैयार रहते थे. इसी के साथ कई खेल संघों के पदाधिकारियों ने भी शोक संवेदना जताई.

Last Updated : May 9, 2021, 8:48 AM IST
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