लखनऊ: राजधानी के पुराने चौक में इमामबाड़े पर सोमवार को शूटिंग होनी थी. सुबह से ही इमामबाड़े पर शूटिंग की तैयारियां जोरशोर से चल रही थीं. इस वजह से चौक के कुछ इलाकों में डायवर्जन भी कर दिया गया था. इस कारण स्थानीय लोगों को आने जाने में भी काफी दिक्कत हो रही थी. इस फिल्म की शूटिंग का मौलाना सैफ अब्बास ने विरोध किया.
इसके बाद जिला प्रशासन ने फिल्म की शूटिंग पर रोक लगा दी. राजधानी में पिछले कुछ सप्ताह से फिल्मों की शूटिंग शुरू हो गई थी. यहां कई वेब सीरीज की शूटिंग भी चल रही है. इमामबाड़े पर शूटिंग होने के कारण शहर में डायवर्जन किया गया था. शूटिंग देखने के लिए लोगों की भीड़ यहां जुटने लगी थी.
![लखनऊ में फिल्म शूटिंग देखने के लिए लगी भीड़](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-luc-01-entertainment-routine-7209871_09082021143603_0908f_1628499963_377.jpg)
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मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि रोक के बाद भी बड़े इमामबाड़े के बाहर फिल्म की शूटिंग चल रही थी. सैकड़ों की संख्या में शूटिंग देखने के लिए लोग यहां पर जमा हो गए थे. क्या ये कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन नही हैं. क्या इससे कोरोना नहीं फैलेगा. उन्होंने कहा कि इमामबाड़ा एक धार्मिक स्थल है और यहां फिल्म की शूटिंग करने पर रोक है. उन्होंने कहा कि जो इमामबाड़ा है, वहां मजलिस और मातम करने से रोका जा रहा है और फिल्म की शूटिंग हो रही थी.
मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि शूटिंग देखने के लिए यहां भीड़ इकट्ठा हो गई थी. कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं. इसीलिए उन्होंने मांग की थी कि इस मामले का जिला प्रशासन संज्ञान ले और जो लोग शूटिंग करवा रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. शहर में धारा 144 लगाई गई है, इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग यहां इकट्ठा हो गए थे.
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उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा और मोहर्रम की वजह से कोरोना फैलेगा लेकिन पॉलिटिकल रैली और शूटिंग की वजह से कोरोना नहीं फैलेगा. ऐसे कैसे हो सकता है. कोरोना का बहाना बनाकर ताजिया बनाने वालों का उत्पीड़न हो रहा है. ताजिया नहीं बनाने दिया जा रहा है और शूटिंग चल रही थी.