लखनऊ : पूरे भारत में शनिवार को 12:00 बजे से लेकर 3:00 बजे तक चक्का जाम था, लेकिन उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में यह चक्का जाम नहीं हुआ. बावजूद इसके राजधानी लखनऊ के किसानों ने 11 सदस्यीय टीम बनाकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और सांकेतिक प्रदर्शन किया.
कृषि कानूनों को लेकर पूरे देश में किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है. वहीं राजधानी दिल्ली में भी पिछले 73 दिनों से किसान धरना प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं. सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए शनिवार को पूरे देश में किसानों ने चक्का जाम का ऐलान किया था, जो दोपहर 12:00 बजे से लेकर 3:00 बजे तक था, लेकिन उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में यह चक्का जाम नहीं किया गया और यहां के किसानों को स्टैंडबाई पर रखा गया. वहीं अगर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की बात की जाए तो यहां के किसानों ने भले ही नेशनल हाईवे पर चक्का जाम न किया हो, लेकिन सांकेतिक प्रदर्शन जरूर किया. इसके अलावा उनकी 11 सदस्यीय टीम ने जिलाधिकारी से मिलकर उन्हें कृषि कानूनों के खिलाफ ज्ञापन सौंपा.
किसानों का कहना है कि जब तक सरकार इन कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी, तब तक हम प्रदर्शन करते रहेंगे. भले ही उत्तर प्रदेश में चक्का जाम न करने की बात कही गई हो, लेकिन हम आज भी तैयार हैं. जब भी हमें हमारे शीर्ष नेतृत्व से आदेश मिलेगा, हम तत्काल चक्का जाम कर देंगे. वही किसानों का यह भी कहना है कि सरकार को इन कानूनों को वापस ले लेना चाहिए, जिससे किसानों को सहूलियत मिले. जब तक सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेगी, तब तक हम प्रदर्शन करते रहेंगे.