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हाईकोर्ट में फर्जी दस्तावेज दाखिल करने का मामला, याचियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का आदेश - हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान याचियों द्वारा बैंक का फर्जी पत्र दाखिल करने के मामले में, याचियों की गिरफ़्तारी सुनिश्चित करने का आदेश यूपी और उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशकों को दिया है.

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Published : Oct 13, 2022, 7:54 PM IST

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान याचियों द्वारा बैंक का फर्जी पत्र दाखिल करने के मामले में, याचियों की गिरफ़्तारी सुनिश्चित करने का आदेश यूपी और उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशकों को दिया है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 अक्टूबर की तिथि नियत करते हुए, स्पष्ट किया कि यदि उक्त तिथि तक याचियों को गिरफ्तार कर पेश नहीं किया जाता है तो सक्षम अधिकारियों को तलब किया जाएगा.

यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने सुरेश कुमार तंवर व बलबीर सिंह की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया. मामले में याचियों के विरुद्ध खनन पट्टे को लेकर धोखाधड़ी कर लाखों रुपये हड़पने का आरोप लगाया गया है. याचियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की शिकायतकर्ता को 35 लाख रुपये देने की बात कही थी, इसके पूर्व उन्हें हाईकोर्ट के मध्यस्थता केंद्र में एक लाख रुपये जमा करने थे. याचियों ने न तो वादिनी के पक्ष में 35 लाख रुपये का ड्राफ्ट बनवाया और न ही मध्यस्थता केंद्र में पैसे जमा किए. बल्कि याचियों की ओर से आईसीआईसीआई बैंक का एक पत्र पेश किया गया, जिसमें याचियों के खाते सीज होने की बात कही गई थी. न्यायालय को प्रथम दृष्टया उक्त पत्र फर्जी लगा, तब न्यायालय ने आईसीआईसीआई बैंक से पत्र के बावत स्पष्टीकरण मांगा. इस पर बैंक की ओर से उक्त पत्र के फर्जी होने की पुष्टि की गई. न्यायालय ने याचियों के इस कृत्य को गम्भीरता से लेते हुए, उनके विरुद्ध अवमानना प्रक्रिया भी शुरू कर दी व पिछली सुनवाई पर ही दोनों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था.

लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान याचियों द्वारा बैंक का फर्जी पत्र दाखिल करने के मामले में, याचियों की गिरफ़्तारी सुनिश्चित करने का आदेश यूपी और उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशकों को दिया है. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 अक्टूबर की तिथि नियत करते हुए, स्पष्ट किया कि यदि उक्त तिथि तक याचियों को गिरफ्तार कर पेश नहीं किया जाता है तो सक्षम अधिकारियों को तलब किया जाएगा.

यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने सुरेश कुमार तंवर व बलबीर सिंह की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया. मामले में याचियों के विरुद्ध खनन पट्टे को लेकर धोखाधड़ी कर लाखों रुपये हड़पने का आरोप लगाया गया है. याचियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की शिकायतकर्ता को 35 लाख रुपये देने की बात कही थी, इसके पूर्व उन्हें हाईकोर्ट के मध्यस्थता केंद्र में एक लाख रुपये जमा करने थे. याचियों ने न तो वादिनी के पक्ष में 35 लाख रुपये का ड्राफ्ट बनवाया और न ही मध्यस्थता केंद्र में पैसे जमा किए. बल्कि याचियों की ओर से आईसीआईसीआई बैंक का एक पत्र पेश किया गया, जिसमें याचियों के खाते सीज होने की बात कही गई थी. न्यायालय को प्रथम दृष्टया उक्त पत्र फर्जी लगा, तब न्यायालय ने आईसीआईसीआई बैंक से पत्र के बावत स्पष्टीकरण मांगा. इस पर बैंक की ओर से उक्त पत्र के फर्जी होने की पुष्टि की गई. न्यायालय ने याचियों के इस कृत्य को गम्भीरता से लेते हुए, उनके विरुद्ध अवमानना प्रक्रिया भी शुरू कर दी व पिछली सुनवाई पर ही दोनों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था.

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