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RTE में फर्जीवाड़ा : प्राइवेट स्कूल में दाखिले के लिए लगाए फर्जी सर्टिफिकेट, जन्मतिथि में छेड़छाड़ कर किया खेल

सरकार ने गरीब और जरूरतमंद परिवार के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए शिक्षा का अधिकार दिया. निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटें इन बच्चों के लिए आरक्षित की गईं, लेकिन अब इसमें भी फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया गया है.

शिक्षा विभाग
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Published : Jul 21, 2022, 7:12 PM IST

लखनऊ : सरकार ने गरीब और जरूरतमंद परिवार के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए शिक्षा का अधिकार दिया. निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटें इन बच्चों के लिए आरक्षित की गईं. कोशिश थी कि इन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़कर अच्छी शिक्षा दी जा सके, लेकिन अब इसमें भी फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया गया है. आय प्रमाण-पत्र और जन्मतिथि से संबंधित फर्जी दस्तावेज लगाकर गरीब और जरूरतमंद परिवार के बच्चों का हक मारने की कोशिश की जा रही है. इसका खुलासा आरटीई के तहत किए गए आवेदनों के बाद चयनित बच्चों के दाखिले के समय हुआ है.


उत्तर प्रदेश अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि इस तरह के कई मामले सामने आए हैं जहां एक ही बच्चे की जन्म तिथि बदलकर दाखिले का आवेदन किया गया. इतना ही नहीं कई स्कूलों में ऐसे भी मामले आए हैं जहां एक ही परिवार के एक बच्चा उसी स्कूल की कक्षा में पहले से ही पढ़ रहा है और दूसरे बच्चे का दाखिला आरक्षित फ्री सीट पर कराने के लिए आवेदन कर दिया गया. अनिल अग्रवाल ने बताया कि इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से लेकर विभाग के कुछ अधिकारियों से बात की गई है. उन्होंने ऐसे अभिभावकों के खिलाफ एफआईआर कराये जाने की मांग उठाई है.

जानकारी देते प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल




ईशान वर्मा नाम से लखनऊ के आशियाना स्थित एक निजी स्कूल की नर्सरी कक्षा में दाखिले के लिए आरटीई के तहत आवेदन किया गया. पिता का नाम हिंद नगर निवासी राजन कुमार दिखाया गया. 2021-22 में किए गए आवेदन में इस बच्चे की जन्मतिथि 25 नवंबर 2014 दिखाई गई, जबकि इस साल यानी 2022-23 दाखिले के लिए दोबारा आवेदन सामने आया. इस बार बच्चे का नाम सिर्फ ईशान और डेट ऑफ बर्थ 25 नवंबर 2016 दिखाई गई. बाकी सभी सूचनाएं एक जैसी थीं.


आरटीई के तहत 25 प्रतिशत फ्री सीट पर दाखिले के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की तरफ से आलमबाग की एक निजी स्कूल को सूची भेजी गई. इस सूची में जिन बच्चों के नाम दुर्बल वर्ग में दिखाए गए थे उन्हीं बच्चों के बड़े भाई और बहन उसी स्कूल की सीनियर क्लासेस में पढ़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें : 22 लाख कमर्चारियों को मिलेगा कैशलेस इलाज, सीएम योगी ने दी सौगात

अब होगा सत्यापन : शिक्षा के अधिकार के तहत प्रदेश के निजी स्कूलों में दाखिला लेने वाले सभी बच्चों का और सत्यापन कराया जाएगा. महानिदेशक स्कूली शिक्षा की तरफ से इस संबंध में बीते दिनों आदेश जारी किए गए थे. विजय किरण आनंद की तरफ से जारी आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि बिना सत्यापन के किसी का भी भुगतान नहीं किया जाएगा.

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लखनऊ : सरकार ने गरीब और जरूरतमंद परिवार के बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के लिए शिक्षा का अधिकार दिया. निजी स्कूलों की 25 प्रतिशत सीटें इन बच्चों के लिए आरक्षित की गईं. कोशिश थी कि इन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़कर अच्छी शिक्षा दी जा सके, लेकिन अब इसमें भी फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया गया है. आय प्रमाण-पत्र और जन्मतिथि से संबंधित फर्जी दस्तावेज लगाकर गरीब और जरूरतमंद परिवार के बच्चों का हक मारने की कोशिश की जा रही है. इसका खुलासा आरटीई के तहत किए गए आवेदनों के बाद चयनित बच्चों के दाखिले के समय हुआ है.


उत्तर प्रदेश अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि इस तरह के कई मामले सामने आए हैं जहां एक ही बच्चे की जन्म तिथि बदलकर दाखिले का आवेदन किया गया. इतना ही नहीं कई स्कूलों में ऐसे भी मामले आए हैं जहां एक ही परिवार के एक बच्चा उसी स्कूल की कक्षा में पहले से ही पढ़ रहा है और दूसरे बच्चे का दाखिला आरक्षित फ्री सीट पर कराने के लिए आवेदन कर दिया गया. अनिल अग्रवाल ने बताया कि इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से लेकर विभाग के कुछ अधिकारियों से बात की गई है. उन्होंने ऐसे अभिभावकों के खिलाफ एफआईआर कराये जाने की मांग उठाई है.

जानकारी देते प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल




ईशान वर्मा नाम से लखनऊ के आशियाना स्थित एक निजी स्कूल की नर्सरी कक्षा में दाखिले के लिए आरटीई के तहत आवेदन किया गया. पिता का नाम हिंद नगर निवासी राजन कुमार दिखाया गया. 2021-22 में किए गए आवेदन में इस बच्चे की जन्मतिथि 25 नवंबर 2014 दिखाई गई, जबकि इस साल यानी 2022-23 दाखिले के लिए दोबारा आवेदन सामने आया. इस बार बच्चे का नाम सिर्फ ईशान और डेट ऑफ बर्थ 25 नवंबर 2016 दिखाई गई. बाकी सभी सूचनाएं एक जैसी थीं.


आरटीई के तहत 25 प्रतिशत फ्री सीट पर दाखिले के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय की तरफ से आलमबाग की एक निजी स्कूल को सूची भेजी गई. इस सूची में जिन बच्चों के नाम दुर्बल वर्ग में दिखाए गए थे उन्हीं बच्चों के बड़े भाई और बहन उसी स्कूल की सीनियर क्लासेस में पढ़ रहे हैं.

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अब होगा सत्यापन : शिक्षा के अधिकार के तहत प्रदेश के निजी स्कूलों में दाखिला लेने वाले सभी बच्चों का और सत्यापन कराया जाएगा. महानिदेशक स्कूली शिक्षा की तरफ से इस संबंध में बीते दिनों आदेश जारी किए गए थे. विजय किरण आनंद की तरफ से जारी आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि बिना सत्यापन के किसी का भी भुगतान नहीं किया जाएगा.

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