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ईटीवी भारत ने UP के विधान परिषद के सभापति से की खास बातचीत

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Published : Feb 12, 2020, 3:44 PM IST

उत्तर प्रदेश विधान परिषद के पिछले दो सत्र बेहद हंगामेदार रहे और इस दौरान दोनों बार परिषद के सभापित अस्वस्थ होने की वजह से शामिल नहीं हुए थे. रमेश यादव का कहना है कि विधान परिषद का बजट सत्र बेहद अहम है, इसलिए वह इस सत्र में अवश्य शामिल होंगे.

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ईटीवी भारत ने यूपी विधान परिषद के सभापति से की बातचीत.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अगले साल का बजट पेश करने की तैयारी में है. विधानसभा और विधान परिषद का बजट सत्र 13 फरवरी से शुरू हो रहा है. उत्तर प्रदेश विधायिका के उच्च सदन यानी विधान परिषद में पिछले दो सत्र बेहद हंगामेदार रहे. विधान परिषद के सभापति रमेश यादव अस्वस्थ होने की वजह से पिछले दो सत्रों में शामिल नहीं हो पाए थे.

जानकारी देते यूपी विधान परिषद के सभापति.

इस बार बजट सत्र में वह विधान परिषद के सभापति आसन पर दिखाई देंगे. बजट सत्र संचालन को लेकर सतर्क दिख रहे विधान परिषद सभापति रमेश यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि उनकी पूरी कोशिश रहेगी कि सत्ता और विपक्ष दोनों के तालमेल से सदन को व्यवस्थित तरीके से चलाया जाए और बजट सत्र के विधायी कार्य भी नियमानुसार पूरे कराए जाएं.

अभिभाषण प्रस्ताव के बाद शुरू होगी कार्यवाही
बजट सत्र की पूर्व संध्या पर रमेश यादव से सदन संचालन और बजट सत्र को लेकर बातचीत की गई. उन्होंने बताया कि बजट सत्र की शुरुआत में विधानसभा और विधान परिषद दोनों सदन एक साथ बैठेंगे. राज्यपाल के अभिभाषण प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही व्यवस्थित तरीके से शुरू होगी. बजट सत्र के दौरान चुनी गई सरकार को महत्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत करने होते हैं.

सरकार के रूटीन कामकाज से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषय सदन मे लाए जाते हैं. ऐसे में मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के साथ तालमेल कर सदन को नियमों के अनुसार व्यवस्थित तरीके से संचालित किया जाए. सदन में हावी रह कर विधेयकों को पारित कराने की कोशिश के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसी स्थितियां उनकी मौजूदगी में कभी नहीं आई. दोनों पक्ष के सदस्यों से बातचीत की जाएगी और कोशिश रहेगी कि कोई पक्ष सदन की संचालन व्यवस्था में हावी न दिखे.

इसे भी पढ़ें- बलिया: गैरेज में खड़े 16 ई-रिक्शे जलकर खाक, 25 लाख का नुकसान

प्रश्नकाल के हंगामे की भेंट चढ़ने की बाबत पूछे जाने पर भी उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल तो बेहद जरूरी होता है. इसमें तमाम महत्वपूर्ण सवाल पूछे जाते हैं, इसलिए मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि प्रश्नकाल व्यवस्थित तरीके से चले और सदस्यों को जो अपनी बात कहनी है. जो गंभीर मुद्दे उठाने हैं, उन्हें शून्यकाल में उठाया जाए. उन्होंने कहा कि बजट सत्र हमेशा लंबा चलता है, इसलिए उम्मीद है कि इस सत्र के दौरान सदस्यों को अपनी बात कहने का पूरा मौका मिलेगा और हंगामे या अव्यवस्था की नौबत नहीं आएगी.

उन्होंने अपने अस्वस्थ रहने की बात को साझा करते हुए बताया कि उन्हें पेसमेकर लगाया गया है. इस वजह से वह पूरी तरह अभी भी स्वस्थ नहीं हैं, लेकिन विधान परिषद का बजट सत्र बेहद अहम है, इसलिए वह सदन में मौजूद रहेंगे.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अगले साल का बजट पेश करने की तैयारी में है. विधानसभा और विधान परिषद का बजट सत्र 13 फरवरी से शुरू हो रहा है. उत्तर प्रदेश विधायिका के उच्च सदन यानी विधान परिषद में पिछले दो सत्र बेहद हंगामेदार रहे. विधान परिषद के सभापति रमेश यादव अस्वस्थ होने की वजह से पिछले दो सत्रों में शामिल नहीं हो पाए थे.

जानकारी देते यूपी विधान परिषद के सभापति.

इस बार बजट सत्र में वह विधान परिषद के सभापति आसन पर दिखाई देंगे. बजट सत्र संचालन को लेकर सतर्क दिख रहे विधान परिषद सभापति रमेश यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि उनकी पूरी कोशिश रहेगी कि सत्ता और विपक्ष दोनों के तालमेल से सदन को व्यवस्थित तरीके से चलाया जाए और बजट सत्र के विधायी कार्य भी नियमानुसार पूरे कराए जाएं.

अभिभाषण प्रस्ताव के बाद शुरू होगी कार्यवाही
बजट सत्र की पूर्व संध्या पर रमेश यादव से सदन संचालन और बजट सत्र को लेकर बातचीत की गई. उन्होंने बताया कि बजट सत्र की शुरुआत में विधानसभा और विधान परिषद दोनों सदन एक साथ बैठेंगे. राज्यपाल के अभिभाषण प्रस्ताव के बाद सदन की कार्यवाही व्यवस्थित तरीके से शुरू होगी. बजट सत्र के दौरान चुनी गई सरकार को महत्वपूर्ण विधेयक प्रस्तुत करने होते हैं.

सरकार के रूटीन कामकाज से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषय सदन मे लाए जाते हैं. ऐसे में मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के साथ तालमेल कर सदन को नियमों के अनुसार व्यवस्थित तरीके से संचालित किया जाए. सदन में हावी रह कर विधेयकों को पारित कराने की कोशिश के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसी स्थितियां उनकी मौजूदगी में कभी नहीं आई. दोनों पक्ष के सदस्यों से बातचीत की जाएगी और कोशिश रहेगी कि कोई पक्ष सदन की संचालन व्यवस्था में हावी न दिखे.

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प्रश्नकाल के हंगामे की भेंट चढ़ने की बाबत पूछे जाने पर भी उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल तो बेहद जरूरी होता है. इसमें तमाम महत्वपूर्ण सवाल पूछे जाते हैं, इसलिए मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि प्रश्नकाल व्यवस्थित तरीके से चले और सदस्यों को जो अपनी बात कहनी है. जो गंभीर मुद्दे उठाने हैं, उन्हें शून्यकाल में उठाया जाए. उन्होंने कहा कि बजट सत्र हमेशा लंबा चलता है, इसलिए उम्मीद है कि इस सत्र के दौरान सदस्यों को अपनी बात कहने का पूरा मौका मिलेगा और हंगामे या अव्यवस्था की नौबत नहीं आएगी.

उन्होंने अपने अस्वस्थ रहने की बात को साझा करते हुए बताया कि उन्हें पेसमेकर लगाया गया है. इस वजह से वह पूरी तरह अभी भी स्वस्थ नहीं हैं, लेकिन विधान परिषद का बजट सत्र बेहद अहम है, इसलिए वह सदन में मौजूद रहेंगे.

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