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सीएम की सख्ती बेअसर, जिलों के अफसरों की लापरवाही, राजधानी तक दौड़ लगा रहे फरियादी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बावजूद जिलों में जनसुनवाई नहीं हो रही है. अफसर जनता की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे. जिसके चलते फरियादी राजधानी तक आ रहे हैं.

फरियादी
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Published : Jul 6, 2022, 6:58 PM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बावजूद जिलों में जनसुनवाई नहीं हो रही है. समस्याओं का निस्तारण न होने से प्रदेश भर के तमाम जिलों से फरियादी राजधानी तक आ रहे हैं. मुख्यमंत्री आवास से लेकर तमाम मंत्रियों के आवासों तक फरियादी नजर आते हैं, लेकिन जिलों के अफसर जनता की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे. सीएम ने कई बार चेतावनी दी है कि फरियादी लखनऊ तक न आएं. उनकी समस्याओं का समाधान जिला स्तर पर ही कर दिया जाए, लेकिन इस सख्ती और नाराजगी का असर जिलों के अधिकारियों पर नहीं हो रहा है.


अभी कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तान को सख्त दिशा निर्देश दिए थे. कहा था कि जनता की समस्याओं का निस्तारण जिला स्तर पर प्राथमिकता के साथ हो. लंबित आवेदन का निस्तारण हो. मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र की तरफ से भी शासनादेश जारी किया गया कि समस्याओं से संबंधित जितने भी मामले पेंडिंग हैं उनका निस्तारण कराया जाए, लेकिन अफसरों की लापरवाही और हीलाहवाली के चलते जन समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ईटीवी भारत से फोन पर कहा कि जनता की समस्याओं को लेकर पूरी सरकार गम्भीरता से काम कर रही है. अफसरों को लगातार दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं कि जन समस्याओं का निस्तारण ठीक ढंग से हो अगर कहीं कोई समस्या है तो उसे दूर कराया जाएगा और जनता की समस्याओं का निस्तारण ठीक ढंग से कराया जाएगा.

जानकारी देते संवाददाता धीरज त्रिपाठी



वाराणसी में रहने वाली ममता सिंह ने बताया कि पिछले दो वर्षों से वेतन की समस्या को लेकर हम लोग परेशान हैं. इसी के नाते हम लोग हर जगह दौड़ रहे हैं, लेकिन हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. स्वास्थ्य मंत्री के यहां हम लोग आए हुए हैं.


सीतापुर की रहने वाली सुमन देवी ने बताया कि कॉलोनी लेने के लिए हम लोग काफी दिन से परेशान हैं. कई जगहों पर प्रार्थना-पत्र भी दिए हैं, लेकिन अभी तक उसका निस्तारण नहीं हुआ है. हमारा घर नहीं बना है, इसलिए सरकार से कॉलोनी की डिमांड करने के लिए भटक रहे हैं. हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है, इसलिए हम लखनऊ तक आकर अपनी समस्या दूर करने की मांग कर रहे हैं.

सीतापुर के रहने वाले अजय बताते हैं कि गांव की जमीन पर लोग कब्जा कर रहे हैं. कई बार प्रार्थना पत्र दिए हैं, लेकिन जमीन कब्जा मुक्त नहीं हो पाई है. बारिश में पानी भर जाता है, इससे निकलने में भी दिक्कत होती है. डीएम कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय और ऑनलाइन माध्यम से शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई समस्या का समाधान नहीं हुआ.

प्रतापगढ़ के रहने वाले ब्रजेश पांडेय ने बताया कि मेरे बेटे को ब्लड कैंसर हो गया है. मुख्यमंत्री राहत कोष से पैसा लेने के लिए पिछले डेढ़ दो महीने से चक्कर काट रहा हूं. एस्टीमेट भी बनाकर दे दिया गया है, लेकिन अभी तक पैसा नहीं मिला है. बेटे का सही से इलाज नहीं हो पा रहा है, इसीलिए उप मुख्यमंत्री के यहां आया हूं. जिससे जल्द से जल्द पैसा दिलाया जा सके और बेटे का मैं ठीक से इलाज करा सकूं.


फरियादी त्रिलोकीनाथ बताते हैं कि हमारे भाई शराब पीते थे. धोखाधड़ी करके कुछ लोगों ने हमारी जमीन की रजिस्ट्री करवा ली है. अब उसकी शिकायत हमने कई जगह पर की है, लेकिन अभी तक जमीन से कब्जा नहीं हटा है. हमारा मुकदमा भी चल रहा है. एक डेढ़ साल से परेशान हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हमें बहुत उम्मीद है इसीलिए हम यहां पर आए हैं. जिससे हमारी समस्या का समाधान हो जाए.


फरियादी जगदीश बताते हैं कि हमारी जमीन की वरासत नहीं हो पा रही है. काफी समय से हम परेशान हैं. कई बार मुख्यमंत्री कार्यालय, पूर्व मुख्यमंत्री के यहां प्रार्थना-पत्र दे चुके हैं, लेकिन अभी हमारी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. समस्या का समाधान नहीं होगा तो अब हम अपनी जान भी दे देंगे. परिवार में छोटे-छोटे बच्चे हैं और बहुत समस्याएं हैं. 6 साल से हम लगातार शिकायत कर रहे हैं, प्रार्थना पत्र दे रहे हैं, लेकिन कोई समस्या का निस्तारण नहीं हो सका है.

संभल के रहने वाले विनोद बताते हैं कि मेरे ग्राम प्रधान ने हमारी जमीन पर कब्जा कर रखा है. डीएम के यहां एसपी के यहां हमने शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई समस्या का समाधान नहीं हुआ है. लखनऊ भी मैं तीन बार आ चुका हूं, लेकिन अभी तक मेरी समस्या नहीं सुनी गई है. मैं बहुत परेशान हो चुका हूं और मेरे पास कोई संपत्ति भी नहीं है. मेरी एप्लीकेशन पर सुनवाई नहीं हो रही है. मेरी बस यही मांग है कि हमारे जो पट्टे की जमीन है वह हमको मिल जाए.
ये भी पढ़ें : वाह रे स्वास्थ्य विभाग ! जिस डॉक्टर की तेरहवीं हो चुकी उसका कर दिया स्थानांतरण
बाराबंकी के रहने वाले गजेंद्र कुमार गिरी बताते हैं कि हमारी दुकान पर कब्जा कर लिया गया है. मेडिकल स्टोर की दुकान हम चला रहे थे. दुकान में कुछ कहासुनी के बाद से जबरन कब्जा कर लिया गया है. अब हमको दुकान नहीं मिल रही है. हम इस समस्या को लेकर कई जगह पर अपना प्रार्थना पत्र दे चुके हैं, लेकिन अभी तक हमारी समस्या का समाधान नहीं किया गया है. हम एक साल से लगातार परेशान हैं और जनसुनवाई में भी कई बार प्रार्थना पत्र दे चुके हैं. जिलों के अधिकारियों से भी मिल चुके हैं. अब सीएम के यहां आए हैं.

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लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बावजूद जिलों में जनसुनवाई नहीं हो रही है. समस्याओं का निस्तारण न होने से प्रदेश भर के तमाम जिलों से फरियादी राजधानी तक आ रहे हैं. मुख्यमंत्री आवास से लेकर तमाम मंत्रियों के आवासों तक फरियादी नजर आते हैं, लेकिन जिलों के अफसर जनता की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे. सीएम ने कई बार चेतावनी दी है कि फरियादी लखनऊ तक न आएं. उनकी समस्याओं का समाधान जिला स्तर पर ही कर दिया जाए, लेकिन इस सख्ती और नाराजगी का असर जिलों के अधिकारियों पर नहीं हो रहा है.


अभी कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तान को सख्त दिशा निर्देश दिए थे. कहा था कि जनता की समस्याओं का निस्तारण जिला स्तर पर प्राथमिकता के साथ हो. लंबित आवेदन का निस्तारण हो. मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र की तरफ से भी शासनादेश जारी किया गया कि समस्याओं से संबंधित जितने भी मामले पेंडिंग हैं उनका निस्तारण कराया जाए, लेकिन अफसरों की लापरवाही और हीलाहवाली के चलते जन समस्याओं का निस्तारण नहीं हो पा रहा है. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ईटीवी भारत से फोन पर कहा कि जनता की समस्याओं को लेकर पूरी सरकार गम्भीरता से काम कर रही है. अफसरों को लगातार दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं कि जन समस्याओं का निस्तारण ठीक ढंग से हो अगर कहीं कोई समस्या है तो उसे दूर कराया जाएगा और जनता की समस्याओं का निस्तारण ठीक ढंग से कराया जाएगा.

जानकारी देते संवाददाता धीरज त्रिपाठी



वाराणसी में रहने वाली ममता सिंह ने बताया कि पिछले दो वर्षों से वेतन की समस्या को लेकर हम लोग परेशान हैं. इसी के नाते हम लोग हर जगह दौड़ रहे हैं, लेकिन हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. स्वास्थ्य मंत्री के यहां हम लोग आए हुए हैं.


सीतापुर की रहने वाली सुमन देवी ने बताया कि कॉलोनी लेने के लिए हम लोग काफी दिन से परेशान हैं. कई जगहों पर प्रार्थना-पत्र भी दिए हैं, लेकिन अभी तक उसका निस्तारण नहीं हुआ है. हमारा घर नहीं बना है, इसलिए सरकार से कॉलोनी की डिमांड करने के लिए भटक रहे हैं. हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है, इसलिए हम लखनऊ तक आकर अपनी समस्या दूर करने की मांग कर रहे हैं.

सीतापुर के रहने वाले अजय बताते हैं कि गांव की जमीन पर लोग कब्जा कर रहे हैं. कई बार प्रार्थना पत्र दिए हैं, लेकिन जमीन कब्जा मुक्त नहीं हो पाई है. बारिश में पानी भर जाता है, इससे निकलने में भी दिक्कत होती है. डीएम कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय और ऑनलाइन माध्यम से शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई समस्या का समाधान नहीं हुआ.

प्रतापगढ़ के रहने वाले ब्रजेश पांडेय ने बताया कि मेरे बेटे को ब्लड कैंसर हो गया है. मुख्यमंत्री राहत कोष से पैसा लेने के लिए पिछले डेढ़ दो महीने से चक्कर काट रहा हूं. एस्टीमेट भी बनाकर दे दिया गया है, लेकिन अभी तक पैसा नहीं मिला है. बेटे का सही से इलाज नहीं हो पा रहा है, इसीलिए उप मुख्यमंत्री के यहां आया हूं. जिससे जल्द से जल्द पैसा दिलाया जा सके और बेटे का मैं ठीक से इलाज करा सकूं.


फरियादी त्रिलोकीनाथ बताते हैं कि हमारे भाई शराब पीते थे. धोखाधड़ी करके कुछ लोगों ने हमारी जमीन की रजिस्ट्री करवा ली है. अब उसकी शिकायत हमने कई जगह पर की है, लेकिन अभी तक जमीन से कब्जा नहीं हटा है. हमारा मुकदमा भी चल रहा है. एक डेढ़ साल से परेशान हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हमें बहुत उम्मीद है इसीलिए हम यहां पर आए हैं. जिससे हमारी समस्या का समाधान हो जाए.


फरियादी जगदीश बताते हैं कि हमारी जमीन की वरासत नहीं हो पा रही है. काफी समय से हम परेशान हैं. कई बार मुख्यमंत्री कार्यालय, पूर्व मुख्यमंत्री के यहां प्रार्थना-पत्र दे चुके हैं, लेकिन अभी हमारी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. समस्या का समाधान नहीं होगा तो अब हम अपनी जान भी दे देंगे. परिवार में छोटे-छोटे बच्चे हैं और बहुत समस्याएं हैं. 6 साल से हम लगातार शिकायत कर रहे हैं, प्रार्थना पत्र दे रहे हैं, लेकिन कोई समस्या का निस्तारण नहीं हो सका है.

संभल के रहने वाले विनोद बताते हैं कि मेरे ग्राम प्रधान ने हमारी जमीन पर कब्जा कर रखा है. डीएम के यहां एसपी के यहां हमने शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई समस्या का समाधान नहीं हुआ है. लखनऊ भी मैं तीन बार आ चुका हूं, लेकिन अभी तक मेरी समस्या नहीं सुनी गई है. मैं बहुत परेशान हो चुका हूं और मेरे पास कोई संपत्ति भी नहीं है. मेरी एप्लीकेशन पर सुनवाई नहीं हो रही है. मेरी बस यही मांग है कि हमारे जो पट्टे की जमीन है वह हमको मिल जाए.
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बाराबंकी के रहने वाले गजेंद्र कुमार गिरी बताते हैं कि हमारी दुकान पर कब्जा कर लिया गया है. मेडिकल स्टोर की दुकान हम चला रहे थे. दुकान में कुछ कहासुनी के बाद से जबरन कब्जा कर लिया गया है. अब हमको दुकान नहीं मिल रही है. हम इस समस्या को लेकर कई जगह पर अपना प्रार्थना पत्र दे चुके हैं, लेकिन अभी तक हमारी समस्या का समाधान नहीं किया गया है. हम एक साल से लगातार परेशान हैं और जनसुनवाई में भी कई बार प्रार्थना पत्र दे चुके हैं. जिलों के अधिकारियों से भी मिल चुके हैं. अब सीएम के यहां आए हैं.

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