लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार की विधायक निधि का इस्तेमाल गरीब लोगों के इलाज में नहीं हो पा रहा है. बुधवार को विधान परिषद में यह मामला समाजवादी पार्टी के सदस्य डॉ शतरुद्र प्रकाश ने उठाया. उन्होंने विधायक निधि इस्तेमाल के नियम बदले जाने की मांग की. उनकी सूचना को विधायी समाधिकार समिति को सौंप दिया है, जो इस पर विचार करेगी. विधायक निधि प्रयोग के नियमों में बदलाव उम्मीद जताई जा रही है.
समाजवादी पार्टी के सदस्य विधान परिषद डॉ. शतरुद्र प्रकाश ने विधायक निधि के इस्तेमाल के लिए बनाए गए मार्गदर्शी नियमों को अव्यवहारिक और गरीब विरोधी करार दिया. उन्होंने कहा कि यह बेहद घटिया नियम हैं. इसकी वजह से गरीब लोगों की मदद नहीं हो पा रही है. उन्होंने बताया कि, विधायक निधि के तहत केवल उन्हीं गरीब लोगों की चिकित्सकीय सुविधा के लिए मदद की जा सके, जिनकी सालाना आय एक लाख रुपए से कम है.
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इसके अलावा चिकित्सा सुविधा के लिए विधायक निधि केवल एम्स और पीजीआई को ही दी जा सकती है, जबकि वहां लंबी लाइन लगने की वजह से गरीबों का इलाज कराना मुश्किल हो रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि, जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष से चिकित्सा सुविधा के लिए सहायता दी जा सकती है. आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पतालों को धन दिया जा सकता है, तो विधायक निधि भी उसी तरीके का एक फंड है. उसे भी गरीबों की मदद के लिए दिया जाना चाहिए.
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उनकी इस बात का समर्थन शिक्षक एमएलसी के सदस्य ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने भी किया. ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि, मार्गदर्शी नियमों में यह शर्त बेहद अमानवीय है कि, गरीब का इलाज इसलिए नहीं हो सकता. मशहूर शायर वसीम बरेलवी ने भी नियमों में बदलाव का समर्थन किया.