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पिटबुल कांड के बाद नगर निगम का राजस्व बढ़ा, डर से लोग कुत्तों का करा रहे रजिस्ट्रेशन

पिटबुल कांड के बाद लखनऊ नगर निगम में कुत्तों का रजिट्रेशन बढ़ गया है. पिछले तीन दिन में 200 से ज्यादा लोगों ने अब तक अपने कुत्तों का रजिस्ट्रेशन करा लिया है.

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पिटबुल कांड
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Published : Jul 17, 2022, 4:51 PM IST

लखनऊ: राजधानी में पिटबुल कांड के बाद कुत्तों का रजिस्ट्रेशन बढ़ गया है. जुर्माना और कार्रवाई के डर से लोग अपने कुत्तों का रजिस्ट्रेशन करवाने लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) पहुंच रहे हैं. अधिकारियों की माने तो पिछले 3 दिनों में 200 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाए हैं. इसके कारण नगर निगम का राजस्व (municipal revenue) बढ़ रहा है.
नगर निगम के नियमों के अनुसार अगर किसी पालतू जानवर कुत्ता या बिल्ली का रजिस्ट्रेशन नहीं है और वह किसी को काटता है तो इसके लिए मालिक जिम्मेदार है. उसके खिलाफ मुकदमा हो सकता है और जेल भी जाना पड़ सकता है. उसके अलावा नगर निगम को 5000 रुपये का जुर्माना अलग दे देना पड़ेगा. इसी डर की वजह लोगों का रजिस्ट्रेशन बढ़ गया है.

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लखनऊ नगर निगम

इसे भी पढ़ेंः Lucknow Pitbull Case: पिटबुल को ले गयी नगर निगम की टीम, मालिक पर होगी कार्रवाई
कुत्ता पालने वाले मालिकों को कुत्तों के रजिस्ट्रेशन के लिए नगर निगम को चार्ज देना होता है. नगर निगम में कुत्तों के साइज के हिसाब से चार्ज लिया जाता है, जिसमें 200, 300 और 500 रूपये की फीस जमा करनी होती है. अगर बात करें तो लखनऊ शहर में कुत्ता पालने का बिजनेस काफी तेजी से बढ़ा है. नगर निगम को जानकारी दिए बिना लोग कुत्ता पालने का व्यवसाय कर रहे हैं. जिससे नगर निगम के राजस्व को काफी नुकसान हो रहा है.

गौरतलब है कि, बीते दिनों कैसरबाग के बंगाली टोला निवासी सुशीला त्रिपाठी (82) को उनके घर में पल रहे पिटबुल ने नोंचकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. परिजनों ने उनको इलाज के लिए बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उनकी मौत हो गई. अस्पतालकर्मियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

कैसरबाग के बंगाली टोला में सुशीला त्रिपाठी परिवार के साथ रहती थी. परिवार में उनके अलावा बेटा और कई अन्य लोग हैं. एक नौकरानी भी घर में ही रहती है. बेटा अमित त्रिपाठी अलीगंज स्थित एक जिम में ट्रेनर है. घर में दो पालतू स्वान हैं. एक लैब्राडोर है तो दूसरा खूंखार पिटबुल प्रजाति का है. सुशीला कुत्तों को छत पर टहला रही थी. इसी बीच अचानक से पिटबुल उन पर हमलावर हो गया. पिटबुल ने काटना शुरू किया. बुजुर्ग सुशीला अपनी जान बचाने के लिए चीख रही थी. इधर-उधर भाग रही थी. लेकिन पिटबुल के चंगुल से वह बच नहीं सकी. पिटबुल ने उनके शरीर पर कई जगह वार किया. पिटबुल ने पेट, सिर, चेहरा, पैर और हाथ में कई जगह अपने जबड़े से नोंच लिया. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई. पोस्टमार्टम में उनके चेहरे, पेट, सिर के पिछले हिस्से, दोनों हाथ और जांघ पर 13 जगह कुत्ते के नोंचने के निशान मिले थे.

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लखनऊ: राजधानी में पिटबुल कांड के बाद कुत्तों का रजिस्ट्रेशन बढ़ गया है. जुर्माना और कार्रवाई के डर से लोग अपने कुत्तों का रजिस्ट्रेशन करवाने लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) पहुंच रहे हैं. अधिकारियों की माने तो पिछले 3 दिनों में 200 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाए हैं. इसके कारण नगर निगम का राजस्व (municipal revenue) बढ़ रहा है.
नगर निगम के नियमों के अनुसार अगर किसी पालतू जानवर कुत्ता या बिल्ली का रजिस्ट्रेशन नहीं है और वह किसी को काटता है तो इसके लिए मालिक जिम्मेदार है. उसके खिलाफ मुकदमा हो सकता है और जेल भी जाना पड़ सकता है. उसके अलावा नगर निगम को 5000 रुपये का जुर्माना अलग दे देना पड़ेगा. इसी डर की वजह लोगों का रजिस्ट्रेशन बढ़ गया है.

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लखनऊ नगर निगम

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कुत्ता पालने वाले मालिकों को कुत्तों के रजिस्ट्रेशन के लिए नगर निगम को चार्ज देना होता है. नगर निगम में कुत्तों के साइज के हिसाब से चार्ज लिया जाता है, जिसमें 200, 300 और 500 रूपये की फीस जमा करनी होती है. अगर बात करें तो लखनऊ शहर में कुत्ता पालने का बिजनेस काफी तेजी से बढ़ा है. नगर निगम को जानकारी दिए बिना लोग कुत्ता पालने का व्यवसाय कर रहे हैं. जिससे नगर निगम के राजस्व को काफी नुकसान हो रहा है.

गौरतलब है कि, बीते दिनों कैसरबाग के बंगाली टोला निवासी सुशीला त्रिपाठी (82) को उनके घर में पल रहे पिटबुल ने नोंचकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. परिजनों ने उनको इलाज के लिए बलरामपुर अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उनकी मौत हो गई. अस्पतालकर्मियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

कैसरबाग के बंगाली टोला में सुशीला त्रिपाठी परिवार के साथ रहती थी. परिवार में उनके अलावा बेटा और कई अन्य लोग हैं. एक नौकरानी भी घर में ही रहती है. बेटा अमित त्रिपाठी अलीगंज स्थित एक जिम में ट्रेनर है. घर में दो पालतू स्वान हैं. एक लैब्राडोर है तो दूसरा खूंखार पिटबुल प्रजाति का है. सुशीला कुत्तों को छत पर टहला रही थी. इसी बीच अचानक से पिटबुल उन पर हमलावर हो गया. पिटबुल ने काटना शुरू किया. बुजुर्ग सुशीला अपनी जान बचाने के लिए चीख रही थी. इधर-उधर भाग रही थी. लेकिन पिटबुल के चंगुल से वह बच नहीं सकी. पिटबुल ने उनके शरीर पर कई जगह वार किया. पिटबुल ने पेट, सिर, चेहरा, पैर और हाथ में कई जगह अपने जबड़े से नोंच लिया. जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई. पोस्टमार्टम में उनके चेहरे, पेट, सिर के पिछले हिस्से, दोनों हाथ और जांघ पर 13 जगह कुत्ते के नोंचने के निशान मिले थे.

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