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KGMU : डॉक्टरों ने 10 घंटे में चार ऑपरेशन कर दुष्कर्म पीड़िता मासूम को दिया नया जीवन - एंडोस्कोपी तकनीक

मानसिक रूप से मंदित सात साल की मासूम के साथ 2014 में दुष्कर्म हुआ था. उसे अनदुरुनी जख्म हो गए थे. जिसके बाद केजीएमयू गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने 10 घंटे में चार ऑपरेशन कर बच्ची को नया जीवन देने में कामयाबी हासिल की है.

केजीएमयू
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Published : Jun 27, 2022, 11:35 PM IST

लखनऊ : मानसिक रूप से मंदित सात साल की मासूम के साथ 2014 में दुष्कर्म हुआ था. उसे अनदुरुनी जख्म हो गए थे. कुछ भी खाते-पीते ही मल या मूत्र त्याग देती थी. पहले पेट का ऑपरेशन हुआ था. ऑपरेशन के बाद पीड़िता की तबीयत और बिगड़ गई. पेट में घाव से लगातार मल मूत्र का रिसाव हो रहा था. नतीजतन वह बार-बार पेट संबंधी संक्रमण से भी जूझ रही थी. केजीएमयू गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने 10 घंटे में चार ऑपरेशन कर बच्ची को नया जीवन देने में कामयाबी हासिल की है. तबीयत में सुधार के बाद बच्ची को डिस्चार्ज कर दिया गया है.

मेरठ निवासी 16 वर्ष की नाबालिग बच्ची सुन और बोल नहीं सकती है. वर्ष 2014 में उसके साथ दुष्कर्म हुआ था. स्थानीय अस्पतालों में इलाज कराया, राहत नहीं मिली. 24 अप्रैल 2022 मेरठ चाइल्ड लाइन पॉल मर्सी होम के सदस्य बच्ची को गंभीर अवस्था में लेकर लोक बंधु अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने बच्ची को केजीएमयू रेफर कर दिया. संस्था एक कोशिश ऐसी भी व पॉल मर्सी होम के सदस्यों ने इलाज कराने का संकल्प लिया.

एक साथ किए चार ऑपरेशन : गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत चन्द्रा के निर्देशन में बच्ची का इलाज शुरू हुआ. डॉक्टरों ने जांचें कराईं. करीब एक महीने अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया. डॉक्टरों ने बच्ची का ऑपरेशन करने का फैसला किया. डॉ. अभिजीत चन्द्रा ने बताया कि चार ऑपरेशन एक साथ किए गए. इसमें करीब 10 घंटे लगे. उन्होंने बताया कि एंडोस्कोपी तकनीक से ऑपरेशन किए गए हैं.

ये भी पढ़ें : विवेकानंद डोबरियाल को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत, उद्घोषणा की नोटिस की खारिज

तबीयत में सुधार : ऑपरेशन के बाद बच्ची अच्छी प्रतिक्रिया दे रही है. खाने के स्वाद को समझने लगी है. खाना खाने के बाद अपनी थाली रखती है. मुस्कुराकर आंखों से अपनी बात को जताने का प्रयास करती है. एक कोशिश ऐसी भी संगठन की चेयरमैन वर्षा वर्मा, टीम मेघना सोनी, पॉल मर्सी होम की ओमाना कुटन, आशा ज्योति केंद्र की अर्चना सिंह ने इलाज में सहयोग किया.

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लखनऊ : मानसिक रूप से मंदित सात साल की मासूम के साथ 2014 में दुष्कर्म हुआ था. उसे अनदुरुनी जख्म हो गए थे. कुछ भी खाते-पीते ही मल या मूत्र त्याग देती थी. पहले पेट का ऑपरेशन हुआ था. ऑपरेशन के बाद पीड़िता की तबीयत और बिगड़ गई. पेट में घाव से लगातार मल मूत्र का रिसाव हो रहा था. नतीजतन वह बार-बार पेट संबंधी संक्रमण से भी जूझ रही थी. केजीएमयू गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने 10 घंटे में चार ऑपरेशन कर बच्ची को नया जीवन देने में कामयाबी हासिल की है. तबीयत में सुधार के बाद बच्ची को डिस्चार्ज कर दिया गया है.

मेरठ निवासी 16 वर्ष की नाबालिग बच्ची सुन और बोल नहीं सकती है. वर्ष 2014 में उसके साथ दुष्कर्म हुआ था. स्थानीय अस्पतालों में इलाज कराया, राहत नहीं मिली. 24 अप्रैल 2022 मेरठ चाइल्ड लाइन पॉल मर्सी होम के सदस्य बच्ची को गंभीर अवस्था में लेकर लोक बंधु अस्पताल पहुंचे. यहां डॉक्टरों ने बच्ची को केजीएमयू रेफर कर दिया. संस्था एक कोशिश ऐसी भी व पॉल मर्सी होम के सदस्यों ने इलाज कराने का संकल्प लिया.

एक साथ किए चार ऑपरेशन : गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत चन्द्रा के निर्देशन में बच्ची का इलाज शुरू हुआ. डॉक्टरों ने जांचें कराईं. करीब एक महीने अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया. डॉक्टरों ने बच्ची का ऑपरेशन करने का फैसला किया. डॉ. अभिजीत चन्द्रा ने बताया कि चार ऑपरेशन एक साथ किए गए. इसमें करीब 10 घंटे लगे. उन्होंने बताया कि एंडोस्कोपी तकनीक से ऑपरेशन किए गए हैं.

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तबीयत में सुधार : ऑपरेशन के बाद बच्ची अच्छी प्रतिक्रिया दे रही है. खाने के स्वाद को समझने लगी है. खाना खाने के बाद अपनी थाली रखती है. मुस्कुराकर आंखों से अपनी बात को जताने का प्रयास करती है. एक कोशिश ऐसी भी संगठन की चेयरमैन वर्षा वर्मा, टीम मेघना सोनी, पॉल मर्सी होम की ओमाना कुटन, आशा ज्योति केंद्र की अर्चना सिंह ने इलाज में सहयोग किया.

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