लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार वैसे तो सफाई के अनेक वादे करती है, लेकिन राजधानी के कई इलाकों में फैली गंदगी सरकार के दावों की पोल खोलती नजर आती है. लखनऊ के राजाजीपुरम स्थित अमन बिहार कॉलोनी की सड़कों और गलियों में फैली गंदगी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. इस कॉलोनी में नगर निगम कर्मचारियों ने नाला तो साफ किया, लेकिन उससे निकलने वाली गंदगी सड़क पर ही डाल दी.
नालों से निकाली गई इस गंदगी को हफ्तों हो गए हैं, लेकिन नगर निगम का ध्यान इस पर अभी तक नहीं गया. नगर निगम की इस लापरवाही के चलते लोग गंदगी के बीच सांस लेने को मजबूर हैं. अमन विहार कॉलोनी की अधिकतर गलियां कूड़े के ढेर में तबदील हैं. सड़कों की साफ-सफाई न होने के कारण, लोग सड़कों पर पड़े सिल्टों के बीच चलने को मजबूर हैं. कॉलोनी का नाम अमन विहार कॉलोनी जरूर है, लेकिन यहां रह रहे लोगों का अमन और चैन अब छिन चुका है.
सड़कों पर कूड़ा जमा होने की वजह से घरों में मच्छर और बीमारियां भी जगह लेने लगी हैं. लोगों का कहना है कि कई बार इस संबंध में क्षेत्र के सभासद और बीजेपी पार्षद व बीजेपी विधायक से शिकायत की गई लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. नगर निगम के कर्मचारी खाली पड़े प्लॉट में ही कूड़ा डाल कर चले जाते हैं. सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है. स्थानीय महिलाओं से बात करने पर पता चला कि नाले में कई बार बच्चे गिर चुके हैं. आए दिन गाय व जानवर इस नाले में गिर जाते हैं लेकिन इन समस्याओं का अभी तक कोई निवारण नहीं हुआ है. यही नहीं...शहर में कई ऐसे क्षेत्र भी हैं जहां वर्षों से नालों की सफाई ही नहीं हुई हैं.
राजधानी को स्वच्छ बनाने में नगर निगम के नाकाम व लापरवाही बरतने पर हाईकोर्ट ने नगर आयुक्त को फटकार लगाई. इसके बावजूद भी नगर निगम प्रशासन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. राजधानी में अनेकों जगह ऐसी हैं जहां पर नगर निगम के कर्मचारी खुद ही गंदगी फैला रहे हैं. करीब 1 हफ्ते से सड़क पर सिल्ट पड़े होने के कारण लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है.
कर्मचारी अपने कर्तव्यों का पालन सही तरीके से नहीं कर रहे हैं. मेयर ने मामला संज्ञान में आते ही नगर निगम कर्मचारियों को फटकार लगाई. साथ ही इस समस्या का जल्द से जल्द निवारण करने के सख्त आदेश भी दिए.