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200 किलोमीटर की स्पीड से ट्रेन चलाने की कवायद तेज: आरडीएसओ महानिदेशक

आरडीएसओ के महानिदेशक संजीव भुटानी ने कहा कि अब देश में 200 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनें दौड़ाने की कवायद तेज हो गई है. संगठन ने 200 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने में सक्षम सेमी हाइस्पीड ट्रेन की कम भार की एल्युम्यूनियम बॉडी की डिजाइन तैयार की है.

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अनुसंधान अभिकल्प व मानक संगठन
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Published : Jun 22, 2022, 10:56 PM IST

लखनऊ: अनुसंधान अभिकल्प व मानक संगठन (आरडीएसओ) के प्रोजेक्टों की समीक्षा के बाद महानिदेशक संजीव भुटानी ने बुधवार को जानकारी दी कि वंदे भारत सुपरफास्ट एक्सप्रेस के बाद अब देश में 200 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनें दौड़ाने की कवायद तेज हो गई है. अनुसंधान अभिकल्प व मानक संगठन (आरडीएसओ) ने 200 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने में सक्षम सेमी हाइस्पीड ट्रेन की कम भार की एल्युम्यूनियम बॉडी की डिजाइन तैयार की है. ट्रेन सेट तैयार करने की खरीद प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है. पहले चरण में आरडीएसओ की डिजाइन की 100 ट्रेन के सेट तैयार किए जाएंगे.

महानिदेशक संजीव भुटानी ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत व मेक इन इंडिया के तहत भारतीय रेलवे इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप करने वाली संस्थाओं को मौका देगा. रेलवे के लिए स्टार्टअप्स योजना के अंतर्गत लाइन के टूटने, लाइन में तनाव के प्रबंधन के सिस्टम और उपनगरीय सेक्शन के लिए हेडवे में सुधार सहित 11 समस्याओं को दूर करने के लिए स्टार्टअप उद्यमियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं.

उन्होंने बताया कि स्टार्टअप्स को अधिकतम डेढ़ करोड़ रुपय का अनुदान दिया जाएगा. देश के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चार मार्च को आरडीएसओ की जिस स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली कवच का निरीक्षण किया था. उसे भी दो साल के अंदर दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा सेक्शन पर लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि दिल्ली से सोनीपत के बीच डीएमयू को हाइड्रोजन ईधन से चलाने के लिए भी डिजाइन बनाया गया है.

इसका ट्रायल किया जाएगा. उत्तर रेलवे ने इसका टेंडर जारी भी कर दिया है. महानिदेशक ने बताया कि राजधानी ट्रेनों की तरह खाली मालगाड़ी को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ाने के लिए डिजाइन और स्पेसिफिकेशन का काम हो रहा है. रेलवे 80 हजार वैगन के साथ नौ हजार हार्सपावर वाले 1200 लोकोमोटिव इंजन दाहोद और 12 हजार हार्सपावर वाले 800 लोकोमोटिव बनारस लोकोमोटिव वर्कशाप में तैयार कराएगा.

यह भी पढ़ें-ट्रैक पर नहीं लौट पा रहा ट्रेनों का संचालन, प्रदर्शन के चलते 12 से ज्यादा ट्रेनें रद्द


हानिदेशक संजीव भुटानी ने बताया कि प्रोजेक्टों के शोध को पूरा करने के लिए कई अलग-अलग निदेशालयों को समाप्त कर दिया गया है. अब आरडीएसओ में 32 के स्थान पर सिर्फ सात निदेशालय बना दिए गए हैं. प्रधान निदेशक के नेतृत्व में प्रशासनिक, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोलिंग स्टाक, रिसोर्स व टेस्टिंग, सिग्नलिंग व टेलीकाम, ट्रैक्शन और साइकोटेक निदेशालय ही अब काम करेंगे. इससे 28 अधिकारियों की भी कमी की गई है. इन अधिकारियों को आरडीएसओ की बनाई गई नई यूनिट बनारस लोकोमोटिव वर्कशाप, चितरंजन लोको वर्कशाप, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला के साथ ही मॉडर्न कोच फैक्ट्री में में तैनात किया जाएगा.

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लखनऊ: अनुसंधान अभिकल्प व मानक संगठन (आरडीएसओ) के प्रोजेक्टों की समीक्षा के बाद महानिदेशक संजीव भुटानी ने बुधवार को जानकारी दी कि वंदे भारत सुपरफास्ट एक्सप्रेस के बाद अब देश में 200 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनें दौड़ाने की कवायद तेज हो गई है. अनुसंधान अभिकल्प व मानक संगठन (आरडीएसओ) ने 200 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ने में सक्षम सेमी हाइस्पीड ट्रेन की कम भार की एल्युम्यूनियम बॉडी की डिजाइन तैयार की है. ट्रेन सेट तैयार करने की खरीद प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है. पहले चरण में आरडीएसओ की डिजाइन की 100 ट्रेन के सेट तैयार किए जाएंगे.

महानिदेशक संजीव भुटानी ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत व मेक इन इंडिया के तहत भारतीय रेलवे इनोवेशन को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप करने वाली संस्थाओं को मौका देगा. रेलवे के लिए स्टार्टअप्स योजना के अंतर्गत लाइन के टूटने, लाइन में तनाव के प्रबंधन के सिस्टम और उपनगरीय सेक्शन के लिए हेडवे में सुधार सहित 11 समस्याओं को दूर करने के लिए स्टार्टअप उद्यमियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं.

उन्होंने बताया कि स्टार्टअप्स को अधिकतम डेढ़ करोड़ रुपय का अनुदान दिया जाएगा. देश के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चार मार्च को आरडीएसओ की जिस स्वदेशी सुरक्षा प्रणाली कवच का निरीक्षण किया था. उसे भी दो साल के अंदर दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा सेक्शन पर लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि दिल्ली से सोनीपत के बीच डीएमयू को हाइड्रोजन ईधन से चलाने के लिए भी डिजाइन बनाया गया है.

इसका ट्रायल किया जाएगा. उत्तर रेलवे ने इसका टेंडर जारी भी कर दिया है. महानिदेशक ने बताया कि राजधानी ट्रेनों की तरह खाली मालगाड़ी को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ाने के लिए डिजाइन और स्पेसिफिकेशन का काम हो रहा है. रेलवे 80 हजार वैगन के साथ नौ हजार हार्सपावर वाले 1200 लोकोमोटिव इंजन दाहोद और 12 हजार हार्सपावर वाले 800 लोकोमोटिव बनारस लोकोमोटिव वर्कशाप में तैयार कराएगा.

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हानिदेशक संजीव भुटानी ने बताया कि प्रोजेक्टों के शोध को पूरा करने के लिए कई अलग-अलग निदेशालयों को समाप्त कर दिया गया है. अब आरडीएसओ में 32 के स्थान पर सिर्फ सात निदेशालय बना दिए गए हैं. प्रधान निदेशक के नेतृत्व में प्रशासनिक, इंफ्रास्ट्रक्चर, रोलिंग स्टाक, रिसोर्स व टेस्टिंग, सिग्नलिंग व टेलीकाम, ट्रैक्शन और साइकोटेक निदेशालय ही अब काम करेंगे. इससे 28 अधिकारियों की भी कमी की गई है. इन अधिकारियों को आरडीएसओ की बनाई गई नई यूनिट बनारस लोकोमोटिव वर्कशाप, चितरंजन लोको वर्कशाप, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला के साथ ही मॉडर्न कोच फैक्ट्री में में तैनात किया जाएगा.

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